NewsMPG – MP & India News: Ratlam, Ujjain, Indore, Bhopal, Delhi, Mumbai | Sports, Spirituality, Arts & Travel & : Stories of Our Own Stars https://newsmpg.com/rss/category/Stories-of-our-Stars-stories-of-comman-people-who-have-achieved-something-or-anything-worth-inspiring-news-about-people-around-us-about-their-strugles-and-ways-of-overcoming-those-strugles NewsMPG – MP & India News: Ratlam, Ujjain, Indore, Bhopal, Delhi, Mumbai | Sports, Spirituality, Arts & Travel & : Stories of Our Own Stars en Copyright 2023 Newsmpg.com All Rights Reserved :: WebMaster : Harsh Shukla एक नेता जिसने ठुकराया मंत्री पद और बदले में मांगा एक सरोवर, विधायक रहते करते रहे बस से सफर, जानिए , इंदौर के प्रसिद्ध कॉलेज के प्राध्यापक की नौकरी छोड़कर आदिवासियों की भलाई के लिए राजनीति में आए शख्स की कहानी https://newsmpg.com/The-death-anniversary-of-late-Prabhudayal-Gehlot,-known-as-the-Gandhi-of-Sailana-Assembly,-is-being-celebrated-with-reverence-and-emotion-today https://newsmpg.com/The-death-anniversary-of-late-Prabhudayal-Gehlot,-known-as-the-Gandhi-of-Sailana-Assembly,-is-being-celebrated-with-reverence-and-emotion-today
रतलाम।@newsmpg सैलाना विधानसभा के गांधी कहलाए जाने वाले स्वर्गीय प्रभुदयाल गेहलोत की पुण्यतिथि आज श्रद्धा और भावनाओं के साथ मनाई जा रही है।
भग्गासेलोद के छोटे से आदिवासी गांव के टापरे से निकलकर 1960-65 में उच्च शिक्षा अर्जित करने वाले गेहलोत जी ने समाजशास्त्र और अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर, बीएड, एलएलबी की उपाधियां हासिल कर इंदौर के प्रसिद्ध कॉलेज के प्राध्यापक के रूप में विद्वत्तापूर्ण सेवाएं दीं। समय की मांग पर उन्होंने राजनीति में कदम रखा और विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 230 सैलाना जैसे उनके नाम का पर्याय बन गया।
सात बार बने विधायक
जनता ने उनके प्रति अभूतपूर्व विश्वास जताते हुए उन्हें 1967, 1972, 1980, 1985, 1998, 2003 और 2008 में सात बार विधायक चुना। दो बार वे मंत्री पद पर भी आसीन रहे।

मंत्री पद का त्याग
तत्कालीन मुख्यमंत्री स्व. श्यामाचरण शुक्ल ने उन्हें मंत्री पद और धोलावाड़ डेम में से एक चुनने का विकल्प दिया था। उस समय गेहलोत जी ने त्याग का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत करते हुए मंत्री पद को ठुकरा दिया और जनता के भविष्य को ध्यान में रखते हुए धोलावाड़ डेम का चयन किया। यही डेम आज सरोज सरोवर के रूप में जाना जाता है, जिसने आदिवासी अंचल की तस्वीर बदल दी और हजारों परिवारों को रोज़गार व जीवन की नई राह दी।
विधायक रहते बस से सफर
उनकी सादगी की मिसाल यह थी कि वे रतलाम से सैलाना की बस यात्रा अक्सर खड़े होकर करते, जब तक कि कोई यात्री उन्हें अपनी सीट न दे देता। 1998 के निर्दलीय चुनाव में प्रचंड समर्थन से जीतकर आए  " उसी दौरान वे देश के श्रेष्ठ नागरिकों में भी चुने गए।
उनका मूल सिद्धांत 
वे कहा करते थे— “जिसका जो मूल कार्य है, उसका समूची क्षमता से निर्वहन ही सच्ची देशभक्ति है।”अपने ज्ञान, सादगी और जनसेवा से वे सभी दलों में समान रूप से लोकप्रिय और सम्मानित रहे। आज उनके पुत्र शेखर गेहलोत और हर्षविजय गेहलोत भी स्वर्गीय गेहलोत के हजारों अनुयायियों के साथ राजनीति में सक्रिय है।उनके निधन के बाद शोकसभा में पूर्व गृहमंत्री हिम्मत कोठरी ने कहा था '' वो सबके थे ,सब उनके थे।  रतलाम जिले राजनीति का सबसे चमकता धूमकेतु चला गया। ''
]]>
Sat, 02 Aug 2025 11:55:03 +0530 newsmpg
"गुजरात से मजदूरी कर लौटे पति पत्नी, लेकिन 51 हजार की थैली हुई गायब... फिर जो हुआ, वो गांव की कहानी बन गया! फिल्मी कहानी से भी रोचक बन गया सच्चा किस्सा" https://newsmpg.com/ratlam-farmer-returns-51k-lost-money-honesty-example https://newsmpg.com/ratlam-farmer-returns-51k-lost-money-honesty-example रतलाम/पिपलोदा@newsmpg।   रतलाम में कमाई नहीं मिली और उधारी चढ़ गई तो एक पति पत्नी गए थे। महीनों में पाई-पाई जोड़कर मेहनत की कमाई लेकर घर लौटे थे। उधारी लौटाने का रहे थे, लेकिन किस्मत को शायद एक और इम्तहान लेना था। मजदूरी के 51 हज़ार रुपये रास्ते में गुम हो गए। एक पल में आंखों के सामने जीवन बिखरता सा लगने लगा। पति-पत्नी की आंखों से आंसू थम नहीं रहे थे... तभी गांव के एक सादे किसान ने ऐसा काम किया जो आज के दौर में कोई सोच भी नहीं सकता।

इंसानियत आज भी जिंदा है — इसका उदाहरण रतलाम जिले की पिपलोदा तहसील के गांव नौलखा में देखने को मिला, जहां एक किसान ने सड़क पर गिरे 51 हज़ार रुपये लौटाकर मिसाल कायम की है।

उधारी, मजदूरी और खोई राशि 

दरअसल गांव की भोमाबाई नायक और उनके पति हरिराम नायक ने रिश्तेदार गुलाबबाई नायक से उधार लिया था। यहां काम नहीं मिलने पर उधारी के रुपए चुकाने के लिए दोनों मजदूरी करने के लिए गुजरात गए थे। कई महीनों की मेहनत मजदूरी के बाद उन्होंने 51 हज़ार रुपये इकट्ठे किए जो लेकर वो रतलाम लौटे। यहां आते ही बुधवार को 51 हज़ार उन्होंने एक छोटी सी कपड़े की थैली में रखे और गुलाबबाई नायक को उधारी चुकाने जा रहे थे। सुबह करीब 9 बजे जब वह गांव में रास्ते से गुजर रही थीं, तो अनजाने में थैली गिर गई, लेकिन दोनों काफी आगे निकल गए। 

किसान को मिली थैली

इसी दौरान गांव के वृद्ध किसान धन्नालाल नायक, जो खेत से अपने घर लौट रहे थे, उन्हें रास्ते में वो थैली मिली। उन्होंने थैली उठाई तो उसमें नोट देखकर समझ गए कि किसी के रुपए गिर गए हैं। रास्ते में कोई नहीं था, तो ऐसे में उन्होंने थैली घर ले जाकर सुरक्षित रख लिया।  उन्होंने परिजनों को बताया कि यदि किसी के रुपए गिरने की बात पता चले तो उन्हें सूचना दे।  

रोते हुए पहुंची, मुस्कुराने लगी

कुछ ही देर में रोते हुए भोमाबाई गांव पहुंचीं और अपने दुःख की कहानी पड़ोसियों को सुनाई। गांव में उनको थैली खोने की सूचना धन्नालाल जी को भी मिली। इसपर धन्नालाल जी ने उन्हें और उनके पति को बुलाया और पूरी बात पूछी और फिर 51 हज़ार रुपये की पूरी रकम से भरी थैली भोमाबाई को लौटा दी।

ठोस नैतिकता

उल्लेखनीय है कि धन्नालाल नायक जैसे लोग समाज में भरोसे और अच्छाई की मिसाल हैं। गांव में सोशल मीडिया, सीसीटीवी से दूर उन्होंने न केवल सतर्कता से राशि संभाली बल्कि आगे रहकर केवल ईमानदारी और सहानुभूति से लौटा दी। भोमाबाई और हरिराम ने कहा कि ऐसे व्यक्तित्व हमारे समाज की असली पूंजी हैं, जो दिखाते हैं कि इंसानियत और ईमानदारी आज भी ज़िंदा है।

]]>
Wed, 23 Jul 2025 21:25:27 +0530 Admin 2
मध्यप्रदेश की राजनीति में दबंगता के पर्याय रहे पूर्व गृहमंत्री का स्वर्गवास, 50 साल से सियासत में रही धमक https://newsmpg.com/Former-Home-Minister-of-MP-Bharat-singh-took-his-last-breath-on-Friday https://newsmpg.com/Former-Home-Minister-of-MP-Bharat-singh-took-his-last-breath-on-Friday रतलाम @newsmpg।  मध्यप्रदेश की राजनीति में पांच दशको तक सक्रिय रहने वाले कांग्रेस के दिग्गज एवं दंबग नेता पूर्व गृहमंत्री कुंवर भारतसिंह का 80 वर्ष की उम्र में शुक्रवार सुबह निधन हो गया।  
 वे पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे और रतलाम में भर्ती थे। उनका जन्म 8 जून 1944 हुआ था। भारत सिंह कांग्रेस के तत्कालीन सीएम अर्जुन सिंह के कार्यकाल में मंत्री रहे थे। अंतिम यात्रा कल (शनिवार) को उनके निवास स्थान गढ़ी से सुबह 10.30 बजे ईदगाह के पीछे पारिवारिक मुक्तिधाम में जाएगी। तब तक पार्थिव देह को अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा।

गृहमंत्री रहते हुए भारत सिंह के सख्त मिजाज के कई किस्से हैं। अधि कारियों की लापरवाही बर्दाश्त नही करते थे। उनमें से एक किस्सा ये भी प्रचलित है कि मंत्रालय में उनके केबिन में अधिकारियों के बैठने के लिए कुर्सी नही होती थी।  कुंवर भारतसिंह कभी एक साथ 7 विभागों के एक साथ मंत्री भी रह चुके हैं। वर्ष 1981 से 90 के दौर में जब मंत्री रहे तो शासन से लेकर प्रशासन में इनकी कार्यकुशलता व ईमानदार नेतृत्व का हर कोई कायल था। सीएम हो या पार्टी का बड़ा पदाधिकारी  सभी उनकी बात नही टालते थे।

1973 में पार्षद के साथ राजनीति में पदार्पण 

जावरा क्षेत्र में कुंवर भारत सिंह का राजनीति में पदार्पण वर्ष 1973 में पार्षद चुनाव के साथ हुआ।  1974 में मंडी डायरेक्टर बने। 1978 में युवक कांग्रेस जिलाध्यक्ष व 1980 में पहली बार विधायक बने। 1982 में खेल एवं युवक कल्याण व वन उपमंत्री व 83 में गृह मंत्री रहे। वर्ष 1985 के दौर में तो एक तरह से आधा मंत्रालय इनके पास था। तब कैबिनेट में गृह एवं परिवहन मंत्री, जेल, उद्योग, श्रम, सहकारिता सहित 7 विभागों के मंत्री रहे।
1998 में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री की कमान संभाली। फिर 1998 में पार्टी के कहने पर सीतामऊ जाकर 28 हजार वोटों से जीते तत्कालीन विधायक नानालाल पाटीदार को हराकर एमएलए बने। जावरा में 24वीं बटालियन की स्थापना से लेकर जिले के पहले नवोदय स्कूल की स्वीकृति इनके दौर में हुई। भारत सिंह की शुरू से हर धार्मिक, सामाजिक, सांस्कृतिक व खेल संस्थाओं में सक्रिय रहे।

राजकीय सम्मान के साथ कल होगी अंतिम बिदाई

पूर्व गृहमंत्री सिंह की अंतिम यात्रा कल 07 दिसंबर 24 को प्रात: 10.30 बजे उनके निवास स्थान नृसिंहपुरा स्थित गढ़ी से निकलेगी। अंतिम संस्कार जावरा के ईदगाह के पीछे स्थित उनके पैतृक श्मशान पर राजकीय सम्मान के साथ होगा। मुखाग्नि उनके पूत्र नीतिराजसिंह द्वारा दी जाएगी। पूर्व गृहमंत्री के निधन पर मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी, ब्लाक कांग्रेस कमेटी जावरा के साथ ही अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा जावरा, जिला बास्केट बॉल संघ जावरा के साथ ही विभिन्न संगठनों, सामाजिक, धार्मिक संस्थाओं ने श्रृद्धासुमन अर्पित किए हैं। अंतिम यात्रा में कांग्रेस के कई बड़े नेताओं के शामिल होने की सूचना हैं. 

]]>
Fri, 06 Dec 2024 17:47:06 +0530 newsmpg
भारत के सरकारी स्कूल ने पूरी दुनिया में बजाया डंका, रतलाम के सीएम राईज़ ने हासिल किया दुनिया के बेस्ट स्कूल का खिताब https://newsmpg.com/Government-school-of-India-stunned-the-whole-world-CM-Rise-of-Ratlam-achieved-the-title-of-best-school-of-the-world https://newsmpg.com/Government-school-of-India-stunned-the-whole-world-CM-Rise-of-Ratlam-achieved-the-title-of-best-school-of-the-world रतलाम @newsmpg।  खुशी से भरी हुंकार, अचंभित विश्वास करते, हंसते, मुस्कुराते चेहरे, किसी की आंखों से भावुकता से निकलती अश्रुधारा लिए नाचते, गाते शिक्षक और बच्चे। ढ़ोल की थाप, फूलों की बारिश और अविश्वसनीय सफलता हासिल करने पर देश के लिए गर्व। 
ये नजारा था रतलाम के विनोबा नगर स्थित सीएम राईज़ स्कूल का। इस स्कूल ने गुरुवार को ऐसा कीर्तिमान स्थापित कर लिया जो अपने आप में अजूबा है। लंदन की संस्था टी 4 एजुकेशन ने गुरुवार को वर्चुअल कार्यक्रम में विश्व के सर्वश्रेष्ठ स्कूल की घोषणा की। शायद किसी को विश्वास नहीं था कि भारत के मध्यप्रदेश के छोटे से शहर रतलाम का एक सरकारी स्कूल पूरे विश्व के स्कूलों को मात देकर आकाशीय कीर्तिमान स्थापित करेगा। सीएम राईज विनोबा नगर को इनोवेशन केटेगरी में विश्व में प्रथम स्थान हासिल हुआ। इस उपलब्धि तक पंहुचने वाला यह पहला और भारत का एकमात्र सरकारी स्कूल है। 

पुरस्कारों की घोषणा करते हुए टी4 एजुकेशन के संस्थापक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी विकास पोटा ने सीएम राइज विनोबा की टीम और मध्य प्रदेश सरकार को बधाई देते हुए कहा, ''यह उपलब्धि दशार्ती है कि राज्य के सरकारी स्कूलों में विश्व स्तरीय शिक्षा का सृजन किया जा रहा है। भारत। यह दुनिया भर के शिक्षकों के लिए एक प्रेरणा है।''

इस दौरान MSME मंत्री चैतन्य कश्यप भी वर्चुअली जुड़े और बधाई दी। घोषणा को सुनते ही इस मुकाम तक पंहुचने में सबसे अहम भूमिका निभाने वाले स्कूल के सह प्राचार्य गजेंद्र सिंह राठौर भावुक होकर रो ही पड़े। स्कूल प्राचार्य संध्या वोहरा समेत मेहनत में दिन-रात लगने वाले शिक्षक, शिक्षिकाएं भी आश्चर्य से भरी खुशी से नाचते, एक दूसरे के गले लगकर बधाई देते रहे। मौजूद विद्यार्थियों ने घंटों तक नृत्यु किया और उनके परिजन भी अत्याधिक खुश होकर फूलों से होली खेलने लगे।

100 देश के हजारों स्कूलों से टक्कर 

बड़ी एलईडी स्क्रीन पर इंग्लैंड के लंदन से गुरुवार दोपहर को वर्चुअल अनॉउसमेंट हुआ जो स्कूल परिसर में सुना गया। विश्व के 100 से ज्यादा देशों के स्कूलों में इनोवेशन समेत 4 श्रेणियों में प्रतियोगिता आयोजित की गई थी। इसमें अंतराराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त अमेरिका, यूरोप, अफ्रीका, ऐशियाई देशों के बड़े-बड़े नीजि स्कूलों ने भी भाग लिया था। रतलाम के सीएम राईजÞ स्कूल को इसी साल शुरुआती चरण में विश्व के 10 सर्वश्रेष्ठ स्कूलों में शामिल होने का खिताब मिला था। इसके बाद 19 सितंबर को ही तीन सर्वश्रेष्ठ में स्थान बनाया था। 24 अक्टूबर को हुए ग्लोबल अनाउंसमेंट में इस स्कूल ने आखिरकार दौड़ में सर्वश्रेष्ठ बनकर ही दम लिया है। 

अतिथियों ने सराहा, कहा भारत के लिए गर्व

इस दौरान कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रतलाम महापौर प्रहलाद पटेल ने कहा कि केंद्र और मध्यप्रदेश सरकार ने जब पीएमश्री और सीएम राईज स्कूलों की अवधारणा जब रखी गई थी तो यही सोच थी कि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को भी विश्व स्तरीय शिक्षा मिले। गर्व का विषय है कि रतलाम के सीएम राईज स्कूल ने इसे चरितार्थ किया है।

शिक्षा और सेवा का कार्य करने वाली संस्था पीपल की प्रदेश सीईओ कृति भरुचा ने कहा कि पीपल ने सीएम राईज की अवाधारणा को पूरे प्रदेश में सरकार के साथ मिलकर धरातल पर उतारने के लिए लगातार मेहनत को हर कदम पर देखा है। उप प्राचार्य गजेंद्र सिंह राठौर और शिक्षकों ने इस सोच को सच बनाया है। यह वैश्विक उपलब्धि ही नहीं अपने आप में खिताब है जो अन्य स्कूलों को भी प्रेरित करेगा।

जिला शिक्षा अधिकारी केसी शर्मा ने कहा कि सीएम राइज़ से जुड़े पूरे अमले, शिक्षा विभाग के अधिकारियों, स्कूल के स्टाफ और सबसे महत्वपूर्ण विद्यार्थियों और अभिभावकों का सहयोग रहा। पीपल संस्था ने भी हर कदम पर बहुत सहयोग दिया और टी 4 से जुड़कर यहां तक पंहुचने में इनकी भूमिका बहुत बड़ी है। 

टी-4 के संस्थापक ने कहा यह मेरे लिए भी सम्मान

टी4 एजुकेशन और विश्व के सर्वश्रेष्ठ स्कूल पुरस्कारों के संस्थापक विकास पोटा ने लंदन से भी रतलाम के सीएम राईज की सराहना की। कहा कि "भारत में सीएम राइज स्कूल विनोबा, रतलाम को इनोवेशन के लिए विश्व का सर्वश्रेष्ठ स्कूल पुरस्कार 2024 प्रदान करना मेरे लिए बहुत सम्मान की बात है। अपनी कक्षा, समुदाय और उससे कहीं आगे के जीवन में जो बदलाव किया है, वह शिक्षकों और नीति निमार्ताओं को समान रूप से प्रेरित करेगा। आशा है कि सरकारें अब आपके चमकदार उदाहरण की ओर देखेंगी कि जब स्कूल उच्च प्रदर्शन के लिए प्रतिबद्ध हों। आपका काम बेहतर भविष्य का मार्ग प्रशस्त करता है।"  

कभी नहीं सोचा था आएगा ये दिन

स्कूल के वाइस प्रिंसिपल गजेंद्र सिंह राठौर ने कहा कि -हमने कभी नहीं सोचा था कि हमारे जीवन में एक दिन ऐसा भी आएगा जब हमारा स्कूल दुनिया में अव्वल आएगा। जब स्कूल आते थे तो केवल अपनी चुनौतियों से निपटने के बारे में सोचते थे। लेकिन हम नए विचार लेकर आते थे और उन्हें वास्तविकता में बदलने के लिए हर दिन संघर्ष करते थे। अंतर्राष्ट्रीय संस्था टी4 एजुकेशन द्वारा किये गए चयन ने हमारी सरकार को सम्मान दिया है जो प्रदेश में अपनी योजनाओं से शिक्षा व्यवस्था को लगातार सशक्त बना रही है। हमारे साथियों और बच्चों की मेहनत ने यह साबित कर दिया है कि कि छोटे शहरों में किए गए प्रभावी नवाचारों को भी विश्व स्तर पर मान्यता मिल सकती है। 

शिक्षा के क्षेत्र में भारत को अभूतपूर्व सफलता

टी फॉर एजुकेशन लंदन आधारित एक ग्लोबल संस्था है जो 100 देशों के हजारों स्कूलों के बीच पांच अलग-अलग श्रेणियों में प्रतियोगिता करवाती है। इन श्रेणियों में सामुदायिक सहभागिता, पर्यावरण सक्रियता, सृजनात्मकता, विपरीत परिस्थितियों में सफलता और स्वस्थ कार्यशैली है। भारत के लिए गर्व की बात है कि इस साल सर्वश्रेष्ठ श्रेणी में भारत के तीन स्कूल हैं, लेकिन सरकारी स्कूल केवल एक। स्पर्धा में भाग लेने के समय से ही इंटरनेशनल लेवल पर इस स्कूल में इनोवेशन के साथ पढ़ाई के नए तरीकों, सीमित संसाधनों में असीमित सफलता को लेकर परखा गया। स्कूल के उप प्राचार्य और राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त शिक्षक गजेंद्र सिंह राठौर को शॉर्टलिस्टेड स्कूल के रूप में इनोवेशन श्रेणी में स्कूल लीडर चुना गया। अंतरराष्ट्रीय शिक्षाविदों द्वारा घंटों आॅनलाइन इंटरव्यू के सेशन हुए। दस्तावेज आधारित मूल्यांकन किया गया। आखिरकार अंत तक मेहनत में कोई कमी नहीं रखने पर स्कूल का चयन वर्ल्डस बेस्ट के रूप में हो गया।

इन प्रयासों ने दिलवाई वैश्विक सफलता

स्कूल के उप प्राचार्य गजेंद्र सिंह राठौर ने मीडिया को बताया कि रतलाम के सीएम राइज स्कूल ने विशेष तैयारियों के साथ भारत की ओर से प्रतियोगिता में हिस्सा लिया। साइकिल आॅफ ग्रोथ इसमें बहुत अमह रहा। 2 साल पहले विनोबा स्कूल से जुड़ने के बाद संस्था ने विद्यार्थियों की कम उपस्थिति और दक्षता की कमी पर काम किया। शिक्षकों के व्यावसायिक विकास के लिए टीम हडल और कैप्सूल ट्रेनिंग, क्लास रूम मॉनिटरिंग, वन आॅन वन फीडबैक, रिवॉर्ड और मान्यता की सकारात्मक योजना बनाई गई। विद्यार्थियों के काम को प्रदर्शित करने के लिए लर्निंग शोकेस, सृजन मेला, कम्युनिटी विजिट, प्रोजेक्ट बेस्ड लर्निंग जैसे नियमित आयोजन किए गए। सीएम राइज स्कूल दो साल पहले ही शुरू हुए थे। पहली से 12वीं तक अंग्रेजी और हिंदी दोनों माध्यमों से संचालित इस स्कूल के 577 विद्यार्थियों में से 545 विद्यार्थी पूरे वर्ष किसी न किसी स्तर पर गतिविधि से जुड़े रहे।

मुख्यमंत्री समेत चारों

ओर से मिली सराहना

-प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने रतलाम विनोबा स्कूल की उपलब्धि पर हर्ष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि पूरी टीम और विशेषकर यहां तक पंहुचाने वाले हर व्यक्ति की मेहनत का परिणाम है। हमारा प्रयास यही है कि छोटे से छोटे शहर तक शिक्षा सशक्त रूप से प्रभावी हो क्योंकि शिक्षा की भविष्य को मजबूत करने का सबसे अहम औजार है। 

-प्रदेश के शिक्षामंत्री राव उदयप्रताप सिंह ने कहा कि रतलाम के इस स्कूल ने देश के लिए गर्व हासिल किया है। यह एक ऐतिहासिक उपलब्धि है जहां हमने यूएस, यूके, स्पेन, ब्राजील, केन्या, थाईलेंड के साथ मुकाबले करते हुए उनसे आगे निकलकर दिखाया है। 

-प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्री और रतलाम विधायक चैतन्य काश्यप ने कहा कि - रतलाम के लिए नहीं बल्कि भारत के शिक्षा जगत के लिए हैं। यह संदेश है कि भारत में छोटे से छोटे शहर में शिक्षा के क्षेत्र में जागरूक करने का, नवाचार करने का प्रयास चल रहा है। मैं रतलाम से होने पर गर्व मेहसूस कर रहा हूं। इस स्कूल के विद्यार्थी भी प्रशंसा के पात्र हैं जिन्होंने नवाचारों के अनुरूप स्वंय को ढ़ालते हुए प्रयास को सफल किया। स्टाफ, पालक एवं संस्था से जुड़े सभी लोगों, विभाग, रतलाम, भारत की उपलब्धि है। 

शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. संजय गोयल ने कहा कि - लंदन की टी-4 एजुकेशन विश्व भर के स्कूलों में स्पर्धा का प्लेटफार्म दे रही है। अतंरराष्ट्रीय जूरी ने फैज वाईज हमारे स्कूलों को परखा और यूके और थाईलैंड जैसे देश के स्कूलों के साथ स्पर्धा में रतलाम को श्रेष्ठ घोषित किया है। सीएम राईज़ विनोबा की इस स्पर्धा में उपलब्धि दूरदर्शी सोच, अथक परिश्रम, स्टाफ, विद्यार्थियों के श्रम का सार्थक परिणाम है। 

पीपुल्स संस्था की सीईओ कृति भरुचा ने बताया कि सीएम राइज स्कूल कार्यक्रम के लिए शैक्षणिक भागीदार के रूप में कार्य कर महत्वपूर्ण योगदान दिया है। पीपल ने सीएम राइज स्कूलों के लिए स्कूल प्रक्रियाओं के लिए मानक संचालन प्रक्रिया तैयार करने और नेतृत्व क्षमता को मजबूत करने में स्कूल शिक्षा विभाग के साथ सहयोग किया है।

]]>
Thu, 24 Oct 2024 13:51:28 +0530 newsmpg
An Indian government school creates history, Ratlam's CM rise awarded World's top  3 award https://newsmpg.com/an-indian-government-school-creates-history-ratlams-cm-rise-awarded-worlds-top-3-award https://newsmpg.com/an-indian-government-school-creates-history-ratlams-cm-rise-awarded-worlds-top-3-award Ratlam@newsmpg       For the first time, Ratlam and government education department has created a history by claiming a potition of top 3 in the world. The CM Rise government school in Ratlam Madhya Pradesh has been awarded by this prestigious award. Announcement was made by the 'T for Education' organisation from U.S.A. which was anounced virtually. 


As the announcement was made not only the staff or the degnitries present but the students and their parents danced with proud smiles on the faces. Its worth commenting most of the students comes from the marginalized sections of the society for whome this school, their innovative methods and form of teaching and now this unprecedented achievement has changed their lives. CM Rise Vinoba school defeated top private and government schools not only in India but, 100 countries of the world. It has secured fourth place among the top-10 schools in The World's Best School Prize-2024. Internationally recongnized and prestigious education awards competition is organized every year by the prestigious institution of USA - named T for Education. The awards were announced on Thursday in a live conference from the USA, which was also seen by installing LED in CM Rise School located in Vinoba Nagar. 

Degnitries sent their praises 

The MSME minister of State Mr. Chaitanya Kashyap, Mayor Ratlam Prahlad Patel, Nagar Nigam Council president Manisha Sharma, DEO KC Sharma were also prenest along with the staff, students and their parents who celebrated alongwith. Principal Secretary School Education Rashmi Arun Shami, Commissioner Public Education Shilpa Gupta, Director Public Education DS Kushwaha congratulated the school on its success.  

Dance with proud smile continued for hour

See Video _-

International jury tested schools 

School's vice principle Gajendra singh Rathore told the media that the competition organised by T for education had 5 different categories - community participation, environmental activism, creativity, success in adverse circumstances and healthy work style. among thousands of schools from 100 countries of the world the jury tested every school's performance on many criteria. CM Rise School of Ratlam participated in the competition on behalf of India with special preparations. The school achieved this position by crossing the parameters set by the international jury on several criteria. 

This was the selection process

T for Education had sought detailed applications in various categories from participating schools in February 2024. School's vice principal and President Award-winning teacher Gajendra Singh Rathore was selected as the school leader in the innovation category as a shortlisted school. After this, an hour-long online interview was taken by international educationists. After being re-selected from here, document-based evaluation was done.

light House left these countries behind

Ratlam's CM Rise has secured the position for India along with United States of America, Thailand and Brazil. While schools of Chile, Kenya, Italy, Mexico, United Kingdom are in the top 10. Before this, Vinoba School is also the Light House School declared by the Education Department of Madhya Pradesh for studies, sports and overall development of students.

most important was Cycle of Growth

The hard work and methods of Vice Principal Rathore were the most important in winning the award. It was named Cycle of Growth. After joining Vinoba School 2 years ago, the institution worked on the low attendance and lack of efficiency of students. A positive plan of team huddle and capsule training, class room monitoring, one on one feedback, reward and recognition was made for the professional development of teachers. Regular events like Learning Showcase, Srujan Mela, Community Visit, Project Based Learning were organized to display the work of students. CM Rise Schools were started only two years ago. Out of 577 students of the school which runs in both English and Hindi medium from 1st to 12th, 545 students remained associated with the activity at some level throughout the year.

]]>
Thu, 19 Sep 2024 17:01:32 +0530 newsmpg
रतलाम के सीएम राईज़ ने बनाया इतिहास & दुनिया के टॉप 10 स्कूलों में बनाई जगह &यूके से हुई लाईव कॉफ्र्ेंस में गुरुवार को हुई घोषणा तो उत्साह के साथ भावुक भी हो गए बच्चे और स्टाफ  https://newsmpg.com/Ratlams-CM-Rise-made-history---made-it-to-the-top-10-schools-in-the-world---When-the-announcement-was-made-on-Thursday-in-a-live-conference-from-the-USA--the-students-and-staff-became-emotional-along-with-excitement https://newsmpg.com/Ratlams-CM-Rise-made-history---made-it-to-the-top-10-schools-in-the-world---When-the-announcement-was-made-on-Thursday-in-a-live-conference-from-the-USA--the-students-and-staff-became-emotional-along-with-excitement
 पहली बार प्रदेश के किसी सरकारी स्कूल ने हासिल की है ऐसी उपलब्धि 

रतलाम। रतलाम को ऐसी उपलब्धि हासिल हुई है, जिसने पूरे देश को गौरवांवित करते हुए इतिहास रच दिया है। पहली बार मध्यप्रदेश के किसी सरकारी स्कूल ने देश ही नहीं बल्कि विश्व के 100 देशों के स्कूलों के साथ प्रतियोगिता करते हुए उन्हें तक पछाड़ दिया है। ये स्कूल है रतलाम का सीएम राईज़ विनोबा नगर स्कूल जिसने इंटरनेशनल लेवल पर टॉप 10 स्कूलों में चौथा स्थान हासिल किया है। 

विश्व में शिक्षा के क्षेत्र में स्कूलों के लिए सबसे प्रतिष्ठित शिक्षा पुरस्कारों में -द वल्डर्स बेस्ट स्कूल प्राइज पुरस्कार है। प्रतिष्ठित संस्था टी फोर एजुकेशन हर साल इस प्रतियोगिता का आयोजन करती है। इसमें दुनिया के 100 देशों के हजारों स्कूलों के बीच 5 अलग-अलग केटेगरी कम्युनिटी कोलैबोरेशन, एनवायरमेंटल एक्शन, इनोवेशन, ओवरकमिंग एडवर्सिटी, फॉर सर्पोटिंग हेल्दी लाइव्स के लिए दिए जाते हैं।

भोपाल में भी छाया उत्साह  

रतलाम के सीएम राईज विनोबा नगर ने मप्र और भारत की ओर से इसमें भाग लिया। कई कसौटियों पर अंतराष्ट्रीय ज्यूरी द्वारा कड़े मापदंडों को पार करते हुए स्कूल ने यह मुकाम हासिल किया। पुरस्कारों की घोषणा यूएसए से हुई लाईव कॉफ्रेंस में गुरुवार को हुई जिसे प्रदेश सरकार, शिक्षा विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों के साथ विनोबा नगर स्थित सीएम राईज स्कूल में भी एलईडी लगाकर लाईव देखा गया। स्कूल की इस सफलता पर प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा रश्मि अरुण शमी, आयुक्त लोक शिक्षण शिल्पा गुप्ता, संचालक लोक शिक्षण डी एस कुशवाह ने भी  बधाई प्रेषित की है। 

क्या थी चयन प्रक्रिया

विश्वव्यापी संस्था टी फोर एजुकेशन द्वारा दुनिया भर के स्कूल से फरवरी 2024 तक विभिन्न केटेगरी में विस्तृत आवेदन मांगे गए थे। हजारों आवेदनों में से शार्ट लिस्ट स्कूल्स के रूप में विनोबा स्कूल और उप प्राचार्य और राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त शिक्षक गजेंद्र सिंह राठौर का स्कूल लीडर के रूप में इनोवेशन केटेगरी में चयन हुआ। इसके बाद अन्तराष्ट्रीय शिक्षाविदों द्वारा 1 घण्टे का आॅनलाइन इंटरव्यू लिया गया। यहां से पुन: चयनित होने पर दस्तावेज आधारित मूल्यांकन किया गया। विभिन्न स्तरों की आॅनलाइन परीक्षण बैठकों के बाद आखिरकार स्कूल ने टॉप 10 में जगह बना ही ली। 

इन देशों को छोड़ा पीछे 

बेस्ट स्कूल प्राइस 2024 की इनोवेशन कैटेगरी में रतलाम के सीएम राइज ने यूनाईटेड स्टेट आॅफ अमेरिका, थाईलैंड, ब्राजील के साथ चौथे नंबर पर स्थान हासिल किया है। जबकि चिली, केन्या, इटली, मेक्सिको, यूनाइटेड किंगडम के स्कूल प्रथम दस में लेकिन भारत से पीछे हैं। इसके पहले पढ़ाई, खेलकूद और विद्यार्थियों के ओवरआॅल डेवलपमेंट में विनोबा स्कूल मध्य प्रदेश का शिक्षा विभाग द्वारा घोषित लाइट हाउस स्कूल भी है। 

सबसे खास रही साइकिल आफ ग्रोथ

पुरस्कार जीतने में उप प्राचार्य राठौर की मेहनत और तरीके सबसे महत्वपूर्ण रहे। इसे साइकिल आॅफ ग्रोथ नाम दिया गया। दो वर्ष पूर्व विनोबा स्कूल में ज्वाइन होने के बाद विद्यार्थियों की कम उपस्थिति और दक्षता में कमी पर संस्था ने काम किया। टीचर्स के प्रोफेशनल डेवलपमेंट के लिए टीम हडल और कैप्सूल ट्रेनिंग, क्लासरूम मॉनिटरिंग, वन आन वन फीडबैक, रीवार्ड एंड रिकगनाईजेशन की सकारात्मक योजना बनाई। अन्य स्कूल लीडर प्राचार्य संध्या वोरा, अनिल मिश्रा, सीमा चौहान, हीना शाह, पीपुल संस्था से प्रियल उपाध्याय,दीपक साही आदि शिक्षकों ने मूर्त रूप दिया। विद्यार्थियों के कामों को प्रदर्शित करने के लिए लर्निंग शोकेस, सृजन मेले,कम्युनिटी विजिट,प्रोजेक्ट बेस्ड लर्निंग जैसे नियमित आयोजन हुए। 

सिर्फ दो सालों में दुनिया में बनाई पहचान 

विनोबा स्कूल ने विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास में केवल दो सालों में उल्लेखनीय भूमिका निभाई है। दो साल पहले ही सीएम राईज प्रारंभ किए गए हैं। 
टीचर्स प्रोफेशनल डेवलपमेंट के अंतर्गत सरकारी सिस्टम में शिक्षकों के बारे में बनाई गई नकारात्मक धारणा को तोड़ने में विद्यालय सफल रहा। श्री राठौर ते कूर में स्कूल लीडर्स के मार्गदर्शन में जॉयफूल लर्निंग द्वारा विद्यार्थियों और पालकों को संस्था से जोड़ा गया। विद्यालय ने कम्युनिटी को लर्निंग रिसोर्स के रूप में जोड़ा। कक्षा 1 से 12 तक अंग्रेजी और हिंदी दोनों माध्यम में संचालित होने वाले स्कूल के 577 में से 545 विद्यार्थी किसी ने किसी स्तर पर गतिविधि से वर्ष भर जुड़े रहे। 

घोषणा सुनते ही हंसते चेहरों के छलके आंसू 

घोषणा समारोह पूर्वक गुरुवार को सीएम राईज में सुनी गई। मुख्य अतिथि के रूप में पद्मश्री डॉ. लीला जोशी, जिला पंचायत सीईओ श्रृंगार श्रीवास्तव, जिला शिक्षा अधिकारी केसी शर्मा, रतलाम प्रेस क्लब अध्यक्ष मुकेशपुरी गोस्वामी समेत शिक्षा विभाग के सदस्य, स्कूल स्टाफ, अभिभावक आदि भी विद्यार्थियों के साथ मौजूद थे। घोषणा सुनते ही टीम लीडर श्री राठौर और स्टाफ के आंसू छलक पड़े। चेहरों पर हंसी और उत्साह में सभी ने जमकर नृत्य भी किया। विद्यार्थी गौरव के साथ स्कूल की इस उपलब्धी को सोशल मीडिया और परिवारों के साथ भी पूरे बांटते दिखे। 

]]>
Thu, 13 Jun 2024 16:59:03 +0530 newsmpg
महिला सप्ताह विशेष & छोटे हाथों से बड़ा जादू कर रहीं बबली, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हुनर से बनाई पहचान  https://newsmpg.com/The-lady-with-small-hands-made-it-her-power-now-creating-magic-and-receiving-international-and-national-awards https://newsmpg.com/The-lady-with-small-hands-made-it-her-power-now-creating-magic-and-receiving-international-and-national-awards

वो हैं अपने जीवन की नायिका 

रचयिता बनकर सृष्टि का सृजन करने वाली, उनका पालन करने वाली और बुराईयों का ह्रास करने वाली स्त्री के सम्मान के लिए 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाएगा। विश्व की आधी आबादी और हर संस्कृति की मूल होने के बावजूद सदियों तक भावनात्मक और शारीरिक बल पर महिलाओं के दमन, उनके अधिकारों के हनन और उनके प्रति हीन भावना के विरोध में यह दिन मनाया जाता है। यह दिन उनकी उपलब्धि याद करके, प्रोस्ताहित करने, वर्तमान और भावी पीढ़ियों को रास्ता दिखाने का दिन भी है। हम भी अपने पाठकों के साथ ऐसी ही कुछ प्रेरक जीवनियों के अंश को साझा करेंगे, जिन्होंने समाज में अपने हुनर, मेहनत और जिद से समाज में न केवल अपना स्थान बदला है, बल्कि समाज को भी बदला है। 


रतलाम जिले की बेटी, जो अपने साथ गृह नगर का भी बढ़ा रही मान 

वुमेन्स डेस्क, न्यूजएमपीजी।

अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय स्तर के प्रतिष्ठित पुरस्कारों से नवाजी चा चुकी, रतलाम जिले के जावरा तहसील की बेटी हैं बबली गंभीर। पेशे से ब्यूटीशियन, पेंटर, लेखिका, अच्छी कलाकार, लेकिन अपने छोटे हाथों और उंगलियों के बावजूद अपने कर्म का लोहा मनवाने वाली गंभीर जावरा में ही रहती है। हाल ही में उन्हें वुमेन्स प्रेस क्लब इंदौर द्वारा आयोजित समारोह में सामाजिक और महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने पर प्रदेश स्तरीय शक्ति अवार्ड प्रदान किया गया है। 
                                                                                             पिछले साल बबली गंभीर को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित डॉ सरोजिनी नायडू इंटरनेशनल अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है। उन्हें 2013 में ही असाधारण प्रतिभा के लिए राष्ट्रीय उत्कृष्ट सृजनशील वयस्क पुरस्कार से भी नवाजा जा चुका है। बबली गंभीर को यह पुरस्कार विज्ञान भवन, नई दिल्ली में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने प्रदान किया था। इसके अलावा बृज भूमि फाउंडेशन द्वारा राज्य स्तरीय महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम में नारी शक्ति को प्रणाम अवॉर्ड और 9 साल पहले जानी मानी अदाकारा माधुरी दीक्षित के हाथों वुमेन्स प्राईड अवार्ड और 2011 में भारत सरकार का केविन केयर एबीलिटी मास्टरी अवार्ड भी उन्हें दिया जा चुका है। 

कौन हैं बबली, कैसे किया इतने दिलों पर राज

बबली गंभीर जावरा में रहने वाली एक स्किन सॉल्यूशन स्पेशलिस्ट और शीन नामक ब्यूटी पार्लर की संचालिका हैं। 10 अक्टूबर को जन्मी बबली पंजाबी परिवार में 8 भाई-बहनों में सबसे छोटी थीं। जन्म से ही उनके हाथ असामान्य हैं। हाथों की लंबाई औसत हाथों से आधी है, कोहनी नहीं होने से हाथ मुड़ते भी नहीं और एक हाथ में तीन और दूसरे में सिर्फ ढ़ाई उंगली हैं। न्यून मध्यमवर्गी परिवार में जन्मी बबली का बचपन आसान नहीं रहा। उनके पिता ने बेहद प्यार से संभाला, कठिनाईयों से उबरना सिखाया और हर कदम पर साथ दिया। परिवार ने हौंसला दिया और बबली ने इंग्लिश लिटरेचर में एमए की उपाधि प्राप्त कर ली।

लेकिन समाज में उनके हाथों के कारण वे कभी सामान्य नौकरी नहीं पा पा रही थीं। उन्हें कहा जाता था कि वे बेहद खूबसूरत हैं, लेकिन हाथों के कारण सुंदरता कम हो जाती है। बस इसी ख्याल को उन्होंने जीने का मकसद बना लिया। उन्होंने ठान लिया कि इन्हीं हाथों से वो दुनिया को सुंदर बनाएंगी। पार्लर का कोर्स किया और पिछले 29 सालों से वे जावरा में पार्लर चला रही हैं। यहां वे विशेष रूप से बालिकाओं और महिलाओं को पेंटिंग, कढ़ाई, मेहंदी, पार्लर कोर्स की ट्रेनिंग भी देती हैं। वे स्वयं भी बेहद उत्कृष्ट चित्रकार हैं और उनके बनाएं चित्रों की प्रदर्शनी भी लग चुकी हैं, जिसे बेहद सराहा गया था। 

आज भी खलती है, अपनों की उदासीनता 

बबली गंभीर के नाम से आज देश भर में जावरा जाना जा रहा है और सैकड़ों बच्चियां ही नहीं बच्चे भी उनके जैसा बनना चाहते हैं। मगर, बबली को यह बात आज भी खलती है, कि उन्हीं के अपने घर, अपने शहर और जिले में उन्हें आज भी वो हक नहीं मिलता, जिसकी वो हकदार हैं। वे कहती हैं कि उन्हें संभाग, प्रदेश, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है। इसके लिए उन्हें जिले के राजनेताओं, अधिकारियों, समाजसेवियों से लेकर आम लोगों से भी बधाई मिलती हैं, लेकिन यहां के समारोह हों या प्रमुख अवसर आज भी अपनी बेटी के लिए मन में वो स्थान नहीं है। वे मानती हैं कि महिलाओं के प्रति लोगों की सोच में अंतर तो आया है, लेकिन वो अंतर बदलती दुनिया की तुलना में बहुत सतही और कम है। लेकिन उन्हें उम्मीद भी है कि धीरे-धीरे ही सही लोगों के मन और समाज दोनों में सकारात्मक बदलाव आएगा जरूर। 

]]>
Sun, 05 Mar 2023 15:52:38 +0530 newsmpg
ममता की छांव तले लाखों बच्चों को मिल रहा पोषण मालवा की मदर टेरेसा& पद्मश्री डॉ. लीला जोशी का अद्भुत सफर https://newsmpg.com/Mother-Teresa-of-Malwa-whose-love-is-giving-nutrition-to-millions-of-children https://newsmpg.com/Mother-Teresa-of-Malwa-whose-love-is-giving-nutrition-to-millions-of-children


भारत के चौथे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार से सम्मानित पद्मश्री डॉ. लीला जोशी। एक ऐसा नाम जिन्होंने न केवल पद्मश्री प्राप्त करके इतिहास रचा, बल्कि जिन्होंने अपने समय से आगे की सोच रखकर संघर्षों के बीच लाखों को अपनी ममता की छांव तले पोषित किया और आज भी कर रही हैं। 
                                                        रतलाम की डॉ लीला जोशी एक स्त्री रोग विशेषज्ञ और सामाजिक कार्यकर्ता हैं। लेकिन इसके साथ ही वे गरीब, आदिवासी महिलाओं और किशोरी बालिकाओं के लिए मसीहा भी हैं। विशेषकर आदिवासी समाज में उन्होंने कुपोषण और मातृ मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर की सबसे बड़ी वजह, एनीमिया को दूर करने के लिए 40 साल पहले अभियान छेड़ा। उनकी संस्था महिलाओं और बालिकाओं के लिए लगातार शिविर लगाकर उन्हें गोलियां और जरूरी दवाएं निशुल्क देती है।

परिवारों और विशेषकर नारी वर्ग को रक्त की कमी के कारण, सही पोषण और मासिक धर्म से जुड़ी भ्रांतियों पर आहग करती है। महिलाओं को ईलाज, गर्भावस्था के दौरान रक्त से लेकर जरूरत पड़ने पर हर संभव चीज उपलब्ध करवाई जाती है। ये सिलसिला 40 सालों से जारी है, और इसका परिणाम है कि किसी समय में सर्वाधिक मातृ मृत्यु दर रखने वाले गांवों में आज स्थिति बेहद सामान्य है। इसके अलावा भी उनकी संस्था मधुमेह, केंसर जैसी जानलेवा बीमारियों से ग्रसितों को निशुल्क उपचार दिलवाने से लेकर बच्चों को जागरुक करने के कई काम करती है। उनकी निस्वार्थ सेवा के चलते ही उन्हें प्यार से लोग मालवा की मदर टेरेसा कहते हैं। 

साबित किया, बेड़ियां सिर्फ बहाने हैं

डॉ जोशी ने राजस्थान के कोटा में भारतीय रेलवे के सहायक सर्जन के रूप में अपना करियर शुरू किया, वो भी तब जब महिलाओं को घर के बाहर आना भी मुश्किल था। शुरु से ही गरीबों की निशुल्क सेवा, शिविर और पिछड़े बच्चों को शिक्षा और स्वास्थ से जोड़ने में जीवन लगा दिया। 1997 में मुख्य चिकित्सा निदेशक के पद से रेलवे से सेवानिवृत्त हुईं, लेकिन जिन उम्र में लोग घर बैठ जाते हैं, उस समय में वे चार गुना सक्रीय हो गईं। डॉ. जोशी मध्य प्रदेश के रतलाम जिले में रहकर आदिवासियों की सेवा में डूब गईं। 


इंद्रा गांधी, प्रणब मुखर्जी से राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद तक ने दिया सम्मान  

डॉ. जोशी संभवत: जिले की इकलौती ऐसी डॉक्टर या व्यक्ति हैं, जिन्हें उनके शुरुआत दौर में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंद्रा गांधी से लेकर तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद तक ने भेंट करके सम्मानित किया। 2020 में पद्मश्री से सम्मानित होने के पूर्व भी महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण में उन्हें देश की शीर्ष 100 प्रभावशाली महिलाओं में सूचीबद्ध किया गया था। उन्हें दर्जनों अवार्डों से नवाजा जा चुका है। 
 
                                                                                                        -रिसर्च डेस्क, न्यूज एमपीजी 

]]>
Wed, 23 Nov 2022 16:18:58 +0530 newsmpg
खुद वो बदलाव बनिए जो दुनिया में आप देखना चाहते हैं...  https://newsmpg.com/be-the-change-you-want-in-the-world https://newsmpg.com/be-the-change-you-want-in-the-world खुद वो बदलाव बनिए जो दुनिया में आप देखना चाहते हैं... 

महात्मा गांधी की कही हुई इस बात जैसी ही सोच उन लोगों की होती है, जो इस दुनिया को बेहतर और सुंदर बनाने के लिए बेहद साधारण रहकर भी असाधारण काम कर जाते हैं। हमारे आसपास ऐसे कई सितारें हैं, जिनके कदम तो जमीन पर टिके रहते हैं, लेकिन जिनके हौसलें और काम आसमान पर पंहुचकर हमें मिसाल दे रहे हैं। 
न्यूजएमपीजी ऐसी ही शख्सियतों को सलाम करता है और साझा करना चाहता है उनकी कहानी, जो जुनून, जीवट, जज्बे और जज्बात से भरी संघर्षगाथा होने के साथ हमें भी कुछ अच्छा करने की प्रेरणा और साहस भी देती हैं। क्योंकि कभी भी कहीं से भी हो सकती है शुरुआत। इसीलिए इमर्सन ने भी कहा है

...जीवन की लम्बाई नहीं , गहराई मायने रखती है... । 

]]>
Wed, 23 Nov 2022 15:56:54 +0530 newsmpg