देश में पहली बार दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे पर हुआ शव रखकर चक्काजाम
- खेत से लौट रहे किसान की मौत के बाद वैकल्पिक रास्ते के लिए ग्रामीणों ने दिया धरना - शव रखकर बैठे सड़क पर, प्रशासन, पुलिस के साथ पंहुचे एनएचएआई के अधिकारी
रतलाम @newsmpg। दिल्ली- मुंबई एक्सप्रेस वे पर पहली बार रतलाम जिले में कुछ ऐसा हो गया जो अब तक कभी नहीं हुआ। एक आदिवासी की मृत्यु के बाद आदिवासियों ने 8 लेन पर उसका शव रखकर चक्काजाम कर दिया।
वैकल्पिक रास्ता नहीं होने से एक ही स्थान पर तीसरी मौत के बाद ग्रामीण नाराज होकर 8 लेन पर ही धरने पर बैठ गए। पुलिस और प्रशासन के साथ एनएचएआई के अधिकारी भी उनसे मिलने पंहुचे और शाम तक वैकल्पिक मार्ग का काम भी प्रारंभ कर दिया गया।
जिला पंचायत उपाध्यक्ष केशु निनामा के नेतृत्व में जिले के रावटी थाना क्षेत्र अन्तर्गत एक्सप्रेस वे पर आदिवासियों ने विरोध प्रदर्शन किया। इसी क्षेत्र की ग्राम पंचायत बग्गासेलोत का टापरा के गांव खेड़ी निवासी बालचंद पिता हरचंद डोडियार की मौत रविवार रात को हो गई थी। ग्रामीणों ने बताया कि बालचंद का मकान एक्सप्रेस वे के एक कोने में है जबकि उसका खेत एक्सप्रेस वे के दूसरे छोर पर है। शाम करीब 7 से 7.30 बजे वह अपने खेत से मजदूर करके सोयाबीन बांधकर अपने मकान लौट रहा था।
वह पैदल एक्सप्रेस वे पार करके किनारे आ ही चुका था, लेकिन पीछे से आ रही तेज रफ्तार कार उसे कुचलकर निकल गई। हादसे में मौके पर ही उसकी मौत हो गई। काफी देर बाद उसके परिजन तलाश करने पंहुचे तो शव देखा। इसके बाद सोमवार को अंतिम संस्कार के पहले एकत्रित हुए ग्रामीण और आदिवासी एक्सप्रेव पर आकर बैठ गए।
8 लेन निर्माण के दौरान किया था वादा
आदिवासियों ने कहा कि निर्माण के दौरान वादा किया गया था कि एक्सप्रेस वे के नीचे से गुजर रही पुलिया को बनाकर खेतों तक आने-जाने वाले के लिए वैकल्पि मार्ग दिया जाएगा। परंतु आज तक वैकल्पि मार्ग तैयार नहीं होने से मजदूरी में आदिवासियों को अपने मकान से खेत तक जाने के लिए एक्सप्रेस वे को ही पार करना पड़ता है। हमारे पास दूसरा कोई विकल्प नहीं है। वैकल्पिक रास्ता नहीं होने से एक ही स्थान पर तीसरी मौत है
अधिकारीयों ने पहुँचकर चर्चा की
एक्सप्रेस वे पर लगे जाम की सूचना मिलते ही करीब 4 थानों का बल पंहुचा और ग्रामीणों को उठाने की कोशिश की, लेकिन ग्रामीण नहीं हटे। इसके बाद सैलाना एसडीएम मनीष ाा, एसडीओपी सैलाना, जावरा एसडीओपी, डीएसपी ट्रैफिक आदि भी पंहुचे। एनएचएआई के अधिकारी भी मौके पर आए। यहां जिपं उपाध्यक्ष निनामा ने कहा कि वैकल्पि रास्ता नहीं होने से ग्रामीण या तो इसी तरह एक्सप्रेस वे क्रास करने में हादसे की चपेट में आएगा, या फिर उसे खेती और रोजीरोटी पूरी तरह छोड़नी पड़ेगी। इसपर प्रशासन ने तत्काल वैकल्पि रास्ता प्रारंभ करने का आश्वासन दिया। इसके बाद चक्काजाम समाप्त किया गया और मृतक का अंतिम संस्कार किया गया। सोमवार शाम को जेसीबी की मदद से नीचे से गुजर रही पुलिया पर निर्माण का काम प्रारंभ भी कर दिया गया।
कुछ देर के लिए थम गई रफ्तार
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे पर चक्काजाम के दौरान काफी देर तक सड़क पूरी तरह बंद हो गई। हालांकि अभी इस सड़क को दिल्ली से मुंबई तक पूरा नहीं बनाया जा सका है, परंतु राजस्थान और गुजरात के बड़े शहरों तक संपर्क जरूर पूरा हो चुका है। ऐसे में यहां पर जाम होने से कुछ देर के लिए यहां से गुजर रही लंबी दूरी की गाड़ियों की स्पीड पर ब्रेक लग गया। कई यात्री एक्सप्रेस वे पर जाम देखकर अंचभित भी हो गए। हालांकि पुलिस ने पंहुचकर किसी तरह लोगों को समााकर एक ओर से वाहनों को निकलने की व्यवस्था की।
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