विद्वत बैठक का निर्णय: इस वर्ष दीपावली महालक्ष्मी पूजन सोमवार को, जानिये कौन सी तारीख को मनेगा क्या पर्व”
रतलाम में विद्वत बैठक ने तय किया कि इस वर्ष दीपावली महालक्ष्मी पूजन 20 अक्टूबर, सोमवार को होगा। पंचांग और ज्योतिषाचार्यों के अनुसार यह तिथि शास्त्रसम्मत है। जानें दीपावली 2025 की पूरी तिथि सूची।

Dharma Desk@newsmpg । दीपावली पर्व की तिथि को लेकर इस वर्ष भी असमंजस की स्थिति निर्मित हो रही थी। कुछ पंचांगों में 20 अक्टूबर तो कुछ में 21 अक्टूबर को महालक्ष्मी पूजन व दीपावली मनाने का उल्लेख था।
इस विषय पर एक वृहद विद्वत बैठक महांकाल मंदिर के सामने मानसधाम, शक्ति नगर में आयोजित की गई, जिसमें जिलेभर के आचार्यगण, पंचांग निर्माणकर्ता, पुजारी संघ, सनातन धर्म सभा, सर्वब्राह्मण महासभा और मंदिरों में सेवारत ब्राह्मणबंधु उपस्थित हुए। ज्योतिषाचार्य शिवशंकर दवे ने बताया कि बैठक का उद्देश्य समाजजन के असमंजस से मुक्त रहकर शास्त्रसम्मत व सर्वमान्य तिथि पर एकरूपता के साथ दीपोत्सव मना सकें यह था।
बैठक में निर्णय हुआ कि 20 अक्टूबर सोमवार : अपराह्न 3:45 बजे चतुर्दशी समाप्त होकर अमावस्या तिथि प्रारंभ होगी। अमावस्या तिथि 21 अक्टूबर, मंगलवार को सायं 5:54 बजे तक रहेगी। इस दिन सूर्यास्त और तिथि समाप्ति एकसाथ (5:54 बजे) होने से सूर्यास्त के बाद अमावस्या का अंश मात्र भी शेष नहीं रहेगा।
यह कहते हैं शास्त्र
शास्त्रों के अनुसार प्रदोषकाल और रात्रि व्यापिनी अमावस्या ही ग्राह्य मानी जाती है। अत: विद्वानों के मतानुसार मुख्य पूजन काल 20 अक्टूबर (सोमवार) को ही रहेगा। डॉ. विष्णुकुमार शास्त्री (निमार्ता, श्री सिद्धविजय पंचांग) ने स्पष्ट किया कि 21 अक्टूबर को सूर्यास्त के बाद अमावस्या शेष नहीं रहती। अत: वह तिथि दीपावली हेतु ग्राह्य नहीं है। आचार्य मनोज भट्ट ने कहा कि प्रदोषकाल व्यापिनी अमावस्या ही शास्त्रसम्मत है। काशी विद्वत परिषद, वाराणसी की 4 अक्टूबर को सम्पन्न बैठक में भी 20 अक्टूबर को ही दीपावली पर्व मनाने का निर्णय लिया गया।
इन तारीख को मनेंगे ये पर्व
18 अक्टूबर धनतेरस, 19 अक्टूबर को रूप चतुर्दशी, 20 अक्टूबर महालक्ष्मी पूजन एवं दीपावली, 22 अक्टूबर गोवर्धन पूजन, 23 अक्टूबर भाई दूज मनाया जाएगा। इस दौरान बैठक में वैदिक जागृति पीठ के महर्षि संजयशिवशंकर दवे, पं. चेतन शर्मा, पं. जितेंद्र नागर, पं. जीवन पाठक, अखिल भारतीय पुजारी महासंघ के जिला अध्यक्ष पं. मुकेश शर्मा, पं. जितेंद्र व्यास, पं. नरेश शर्मा, पं. ज्ञानेंद्र भारद्वाज, पं. आशीष मिश्रा आदि उपस्थित रहे।