जिले में कितने उद्योग हैं संचालित, कितनों को मिली सब्सिडी और कैसे दिया जाएगा रोजगार? - विधायक कमलेश्वर ने उद्योग मंत्री से सदन में किए सवाल
Sailana MLA kamleshwar dodiyar raised questions on industries in Ratlam. Asked how much subsidy was given to them and status of employment in mp vidhansabha.
रतलाम। सैलाना के विधायक कमलेश्वर डोडियार ने विधानसभा में जिले में संचालित ओद्यौगिक इकाईयों और आदिवासी बेरजोगारों के लिए रोजगार के अवसरों को लेकर सवाल किया है।
विधायक डोडियार ने सदन में पूछा कि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय के तहत जिले में कितनी इकाईयां पंजीकृत हैं एवं भौतिक रूप से वर्तमान में संचालित हैं? उनकी इकाईवार संपूर्ण जानकारी दी जाए। इन इकाईयों को विभिन्न बैंकों द्वारा विगत 3 सालों में स्वीकृत किए गए ऋण राशि की जानकारी एवं विभाग द्वारा उपलब्ध करवाई गई सब्सिडी राशि की जानकारी वर्षवार उपलब्ध करवाई जाए। सवाल में यह भी पूछा गया कि उल्लेखित पंजीकृत इकाइयों में से दिनांक 1 जनवरी 2021 से अब तक कुल कितनी भूमि, भवन, भूखंड आदि की सहायता विभाग द्वारा दी गई है। यह भी पूछा कि क्या ऐसी भी इकाइयां हैं जो केवल कागजों पर संचालित हैं और मात्र सब्सिडी ले रही है? ऐसे घोटाले की जांच के लिए कलेक्टर की अध्यक्षता में टीम बनेगी क्या ? अंत में पूछा गया कि आदिवासी बाहुल्य इलाकों में बेरोजगारों को रोजगार देने के लिए क्या किया करेंगे?
विभाग नहीं करता पंजीयन, सवाल ही नहीं बनता
जवाब में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री चैतन्य काश्यप ने सदन में बताया कि विभाग द्वारा इकाईयों का कोई पंजीयन नहीं किया जाता है। न ही विभाग बैंक ेसे ऋण राशि की जानकारी संधारित की जाती है। ऐसे में यह प्रश्न ही नहीं बनता है। विभाग इकाइयों को स्वीकृत ऋण राशि की जानकारी संधारित करता है जो पुस्तकालय से ली जा सकती है। 1 जनवरी 21 से विभाग द्वारा 126 इकाइयों को वित्तीय सहायता राशि उपलब्ध करवाई गई है। जवाब में बताया गया कि किसी इकाई के उप्तापदन में आने के बाद कार्यरत होने की पुष्टि होने पर ही वित्तीय सहायता दी जाती है। अत: घोटाले या जांच का प्रश्न भी उपस्थित नहीं होता है।
दिया जा रहा स्वरोजगार पर जोर
जवाब में मंत्री श्री काश्यप ने बताया कि विभाग द्वारा बेरोजगारों को स्वरोजगार देने के लिए मप्र के मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना संचालित कर रहे हैं। योजना के तहत स्वरोजगार के लिए बैंक ग्यारंटी, ऋण और सब्सिडी भी मिलती है। बताया गया कि विभागीय अधिपत्य के क्षेत्रों में भूखंड पहले आओ पहले पाओ के सिद्धांत पर उपलब्ध करवाए जाते हैं। नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग अनुसार जिले में एमपीआईडीसी द्वारा की जा रही है। इसमें अजा श्रेणी में उद्यमियों को पात्रता अनुसार भूमि का आवंटन किया जाएगा।
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