हरी झंडी दिखाकर रतलाम में शव वाहन रवाना: ये संवेदना है या उसका अंतिम संस्कार!

शव वाहन जैसे संवेदनशील विषय पर उत्सव जैसा माहौल बनाना आमजन की पीड़ा का मज़ाक उड़ाने जैसा है। लेख में इस सेवा की उपयोगिता के साथ-साथ इसके सीमित उपयोग और सरकारी शर्तों को भी उजागर किया गया है।

Jul 30, 2025 - 18:32
Jul 30, 2025 - 18:38
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हरी झंडी दिखाकर रतलाम में शव वाहन रवाना: ये संवेदना है या उसका अंतिम संस्कार!

- अदिति मिश्रा, रतलाम।
शहर को आखिरकार एक ऐतिहासिक उपलब्धि मिल ही गई — दो शव वाहन! इस सुनहरी उपलब्धि को मनाने के लिए बाकायदा समारोह हुआ। हरी झंडी लहराई गई, अधिकारी मुस्कराए, और शव वाहनों को रवाना किया गया जैसे कोई प्रचार रथ निकल रहा हो।
बुधवार को जिला अस्पताल के परिसर में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. संध्या बेलसरे ने खुद हाथ में हरी झंडी थाम कर शव वाहनों को विदा किया। विडंबना देखिए जो डॉक्टर जिÞंदगियाँ बचाने के लिए नियुक्त हैं, वे आज लाशों के वाहन को झंडी दिखाकर रवाना कर रहे थे। वो भी मुस्कान के साथ। इनके साथ ही वो ठेकेदार भी मौजूद रहे जो ये वाहनों को चलाएंगे। 

हालांकि जो भी इन वाहनों का इस्तेमाल करेगा, वह जीवन के सबसे दु:खद पल में होगा। कोई खुशी-खुशी इन वाहनों में नहीं बैठेगा, कोई सेल्फी नहीं लेगा, कोई ताली नहीं बजाएगा।

शव वाहन एक अदद जरूर

यह सच है कि जब शव वाहन एक जरूरत है। मुश्किल में दूरस्थ अंचलों से अपने परिवार, मित्रों को लेकर आस में व्यक्ति अस्पतालों तक आता है, पैसा भी लगाता है, मजदूरी छोड़ता है। लेकिन अपनों की सांस टूटते ही बहुत कुछ टूट जाता है। भारी मन और खाली जेब के साथ गरीब के लिए शव को वापस घर ले जाना सबसे बड़ी सजा है। ये शव वाहन ऐसे लोगों के लिए सुविधा बनेंगे। संभवतः जिले में इनके आने पर संवेदनाओं से भरी सूचना जारी होनी थी की वाहन दुःख में कुछ तो मरहम बनेंगे, लेकिन जिस प्रकार का आयोजन किया गया वह संवेदनाओं का मखौल है। 

सीएमएचओ के अनुमोदन से ही मिलेगा वाहन

विभाग द्वारा बताया गया कि शासकीय स्वास्थ्य संस्था सिविल अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अथवा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर मरीज के भर्ती रहने के दौरान होने वाली मृत्यु के मामलों में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से अनुमोदन प्राप्त कर शव वाहन उपलब्ध कराया जाएगा। प्रत्येक प्रकरण में शव वाहन का उपयोग करने के लिए वाहन चालक के समक्ष संबंधित व्यक्ति की मृत्यु का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना आवश्यक रहेगा।  

निजी से या जिले के बाहर नहीं मिलेगी सुविधा

सीएमएचओ डॉ संध्या बेलसरे ने बताया कि योजना का मुख्य उद्देश्य सभी शासकीय अस्पतालों में रोगी अथवा दुर्घटना पीड़ितों की इलाज के दौरान मृत्यु होने पर मृतक को सम्मान पूर्वक अपने परिजनों को सुपुर्द कर नि:शुल्क उनके निवास स्थल तक पहुंचाना है। अभी प्राप्त शव वाहनों में से एक शव वाहन का लोकेशन जिला चिकित्सालय रतलाम और दूसरे शव वाहन का लोकेशन डॉ लक्ष्मी नारायण पांडेय मेडिकल कॉलेज रतलाम निर्धारित किया गया है। जिले की सीमा के अंदर उनके घर तक ही छोड़ा जाएगा। निजी चिकित्सालय के लिए सुविधा नहीं मिलेगी। 

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