नहीं देंगे जमीन, रतलाम में निवेश क्षेत्र का विरोध, बाप पार्टी के विधायक भी उतरे मैदान में -

- दिल्ली-मुंबई ओद्योगिक निवेश क्षेत्र को निरस्त करने की फिर उठी मांग  - प्रशासन पर भी लगाए आरोप, कहा न ग्राम सभा न पेसा एक्ट, मनमर्जी से किया जा रहा काम  - शासन की अनदेखी के खिलाफ धरने पर बैठे विधायक

Oct 21, 2024 - 16:46
Oct 21, 2024 - 16:54
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नहीं देंगे जमीन, रतलाम में निवेश क्षेत्र का विरोध, बाप पार्टी के विधायक भी उतरे मैदान में -
Sailana MLA Kamleshwar Dodiyar Dharna


रतलाम@newsmpg।  जिले में एक विधायक जिला प्रशासन और शासन की अनदेखी के खिलाफ धरने पर बैठ गए। रतलाम के कलेक्ट्रेट परिसर में दर्जनों आदिवासियों के साथ ही विधायक ने भी जमीन पर बैठकर गरीबों की सुनवाई नहीं होने का विरोध किया। इसके बाद कलेक्टर ने उन्हें अपने कक्ष में बुलाया और उनसे अकेले में चर्चा की। यहां भी विधायक ने रतलाम निवेश क्षेत्र योजना को जनहित में निरस्त करने की माँग की। 

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#सैलाना से भारत आदिवासी पार्टी के विधायक कमलेश्वर डोडियार आदिवासियों के साथ सोमवार को रतलाम पहुंचे। डोडियार ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को भी दो दिन पहले पत्र लिखा था जिसमें निवेश क्षेत्र को निरस्त करने की मांग की गई थी, लेकिन इसपर कोई सुनवाई नहीं होने पर वे सोमवार को प्रदर्शन करने पंहुचे। रैली के रूप में यह सभी कलेक्ट्रेट पहुंचे जहां मुख्य दरवाजे के बाहर की जमीन पर बैठकर उन्होंने धरना दिया।

इस दौरान नारेबाजी भी की गई। विधायक डोडियार ने बताया कि सरकार द्वारा बनाए गए दिल्ली मुंबई 8 लेन एक्सप्रेसवे के समीप रतलाम ग्रामीण और सैलाना विधानसभा क्षेत्र में 1800 हेक्टेयर क्षेत्र में औद्योगिक निवेश क्षेत्र विकसित किया जा रहा है। गांव पलसोडी, जुलवानिया, बिब्दौड़, सरवनी, रामपुरिया, जामथुन आदि गावों को मिलाकर निमार्णाधीन निवेश क्षेत्र में निजी और शासकीय मिलाकर 1666 हेक्टेयर से ज्यादा जमीन पर निर्माण चल रहा है। जो जमीन उद्योग विभाग को आवंटित की गई है उसमें से बड़ा हिस्सा आदिवासियों का है। वहां दशकों से कई आदिवासी गरीब परिवार रहते और खेती करते हैं। उनके पास रहने या जीवन गुजर का कोई और रास्ता नहीं है। जमीन पर जंगल और पास ही जल स्त्रोत भी हैं। निवेश क्षेत्र के लिए चिन्हित की गई भूमि की भौगोलिक तथा पर्यावरणीय स्थितियों का भी ध्यान नहीं रखा गया है। 

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ग्राम सभा को ही नकार रहा शासन

डोडियार ने कहा कि निवेश योजना के लिए आदिवासियों के संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन किया जा रहा है। जमीन अधिग्रहण के लिए ग्राम पंचायत और पेसा कानून के तहत ग्राम सभाओं का आयोजन तक नहीं हुआ है। ग्राम जनों से किसी प्रकार की कोई सहमति नहीं ली गई है। भारत के संविधान और सर्वोच्च न्यायालय ने ग्राम सभा को जिला पंचायत के अधिकारों के तहत सर्वोच्च अधिकार प्रदान किए हैं इस क्षेत्र की ग्राम सभाओं द्वारा भी निवेश क्षेत्र के खिलाफ आदेश पारित किए गए हैं परंतु उसको भी पूरी तरह से अनदेखा कर दिया गया है।

पहले भी सरकार ने किए वादे, आज तक अधूरे

इस दौरान विधायक के साथ ग्रामीणों ने बताया कि इस निवेश क्षेत्र से आम जिलेवासियों को कोई लाभ नहीं होगा। 8 लेन में भी उनकी जमीनों को अधिग्रहित करने वक्त अच्छा मुआवजा और टोल नाके समेत 8 लेन पर बनने वाले प्रतिष्ठानों में उन्हें पहले नौकरी पर रखने के वादे किए गए थे। पंरतु हकीकत ठीक उल्टी है। 8 लेन स्थानीय लोगों को नहीं रखा जा रहा है, न ही मुआवजा बाजार दर के अनुसार ठीक से मिला। खेत कटकर अलग हो गए जहां रोड पार कर आना-जाना भी संभव नहीं। कहीं पानी भर रहा है कहीं जमीन बेकार हो गई। 

Report By - MP Goswami & Aditi mishra, Ratlam 

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