जानिये किस विधायक को है जादू पर इतना विश्वास, किया दावा -तंत्र से ऐसे भेज देंगे दिल्ली...
रतलाम जिले के सैलाना विधायक और जयस नेता कमलेश्वर डोडियार एक बार फिर से जादू टोने की बातें करते हुए दिख रहे हैं। उनका एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें वे लोकसभा सीट जादू से जिताने का दावा कर रहे हैं।
रतलाम@newsmpg.com। जिस अंचल में सरकार और प्रशासन दशकों से अंधविश्वास और काले जादू के फेर में फंसे भोले आदिवासियों को निकालने के लिए मुहीम चल रही हैं, वहीं के विधायक ही उन्हें फिर से टोने-टोटके और जादू में धकेल रहे हैं। विधायक एक ओर भारतीय संविधान और विज्ञान की बातें करते हैं तो दूसरी ओर काले जादू में विश्वास जता रहे हैं।
जिले की सैलाना सीट के विधायक कमलेश्वर डोडियार का सिवनी जिले में सभा को संबोधित करते हुए वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। सिवनी के इस वीडियो में सभा को संबोधित करते हुए मंच से श्रो डोडियार कह रहे हैं कि - रतलाम लोकसभा से सीट से हर हाल में प्रत्याशी लोकसभा भेंजूगा। भले ही मुझे तंत्र-मंत्र, जादू-मंत्र करना पड़े तो करके भी मैं भेज दूंगा लोकसभा में-। उनके इस बयान पर सभा में मौजूद लोग भी तालियां बजा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि इसके पहले चुनाव प्रचार के दौरान शिवगढ़ में भी कमलेश्वर डोडियार ने पूजन और तंत्र की बातें कई बार की थीं।
समाज में वैसे भी बहुत है अंधविश्वास का फेर
सैलाना और रतलाम के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में दशकों तक अंधविश्वास के फेर में लोगों की जान तक जाती रही है। करीब 4 साल पहले भी सैलाना क्षेत्र में शादी समारोह में काले जादू के चक्कर में एक डॉक्टर समेत परिवार जनों की जान चली गई थी। इसके अलावा कई बच्चे कभी दाम लगाने से कभी टोने-टोटके में फंसते रहे हैं। क्षेत्र में महिलाओं की स्थिति इस कारण विशेषकर बुरी रही है। अब भी बड़ा तबका बीमारियों और विशेषकर मानसिक बीमारियों में इलाज के बजाय जादू टोने में पड़कर रुपए भी बर्बाद कर रहा है और मरीज को मिलने वाली शारीरिक और मानसिक यातनाएं कल्पना से परें हैं। ऐसे में विधायक द्वारा स्वयं ही ऐसे बयान देकर इन बातों का समर्थन करना कितनी परेशानी खड़ी कर सकता है यह समझा जा सकता है।
एक ओर करते हैं संविधान की बातें, दूसरी ओर जादू की
विधायक और जयस के नेता कमलेश्वर डोडियार समाज के लोगों और प्रशासन और सरकार के सामने संविधान को लेकर बातें करने के लिए जाने जाते हैं। पिछले 10 सालों से वे संविधान में दिए गए अधिकारों की बात कर-कर के कई आंदोलनों को खड़ा कर चुके हैं। इसी के चलते क्षेत्र ही नहीं बल्कि अब आधे भारत में उनकी छवि बढ़ी है। लेकिन दूसरी ओर वे कभी अधिकारियों, कर्मचारियों को बुरी तरह फटकारते हुए तो कभी जादू टोने की बातें कर रहे हैं।
मौलिक कर्तव्यों में है वैज्ञानिक मानसिकता को विसकित करना
बता दें कि समाज में वैज्ञानिक मानसिकता के विकास को भारतीय संविधान के मौलिक कर्तव्यों की सूची में शामिल किया गया है। संविधान का अनुच्छेद 51 ए (एच) के अनुसार भारत के प्रत्येक नागरिक का यह कर्तव्य होगा कि वह वैज्ञानिक दृष्टिकोण, मानववाद और ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करें। भारतीय संविधान का अनुच्छेद 51अ भारतीय नागरिकों के लिये वैज्ञानिक सोच, मानवतावाद और सुधार की भावना को विकसित करना एक मौलिक कर्त्तव्य बनाता है। ड्रग्स एंड मैजिक रेमेडीज एक्ट, 1954 के तहत अन्य प्रावधानों का भी उद्देश्य भारत में प्रचलित विभिन्न अंधविश्वासी गतिविधियों में कमी लाना है।
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