प्रभारी मंत्री को नहीं संविधान की जानकारी? रतलाम में जिला योजना समिति को लेकर दी गई गलत जानकारी

रतलाम जिले के प्रभारी मंत्री कुंवर विजय शाह द्वारा जिला योजना समिति को समाप्त बताए जाने के बयान ने बड़ा संवैधानिक विवाद खड़ा कर दिया है। 74वें संविधान संशोधन के तहत अनिवार्य जिला योजना समिति को भंग करने का अधिकार राज्य सरकार को नहीं है, इसके बावजूद मंत्री द्वारा नई जिला विकास समिति की बात कहना कई सवाल खड़े कर रहा है। छह वर्षों से बैठक नहीं होना भी प्रशासनिक लापरवाही को उजागर करता है।

प्रभारी मंत्री को नहीं संविधान की जानकारी? रतलाम में जिला योजना समिति को लेकर दी गई गलत जानकारी
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रतलाम@newsmpg।   रतलाम जिले के प्रभारी मंत्री और मध्यप्रदेश केबीनेट में आदिम जाति कल्याण मंत्री कुंवर विजय शाह ने रतलाम में शनिवार को एक बार फिर से ऐसी जानकारी दी है जिससे सुर्खियों में आ गए हैं। इस बार मंत्री जी ने सवाल के जवाब में कह दिया कि जिला योजना समिति अब नहीं रही है। यानी की समिति का अस्तित्व समाप्त हो चुका है। इसके स्थान पर सरकार ने जिला विकास समिति बनाई है जो विकास के मुद्दे पर सु­ााव और चर्चा करेगी।

जबकि वास्तव में जिला योजना समिति एक संवैधानिक संस्था है, जो भारत के संविधान के 74वें संशोधन के तहत हर जिले में गठित होना अनिवार्य है। राज्य सरकार द्वारा गठित समिति के अध्यक्ष प्रभारी मंत्री होते हैं। इतना ही नहीं प्रभारी मंत्री से जब यह सवाल किया गया कि नई गठित विकास समिति में केवल भाजपा के पदाधिकारी ही क्यों हैं, अन्य प्रबुद्ध जन क्यों नहीं, इसपर भी मंत्री ने जवाब दिया कि सरकार ने समिति बनाई है तो सोच कर ही बनाई होगी। 

क्या है जिला योजना समिति, क्यों नहीं हो सकती भंग

दरअसल भारत के संविधान में हर जिले के सुचारू और समग्र विकास के लिए जिला योजना समिति का गठन अनुच्छेद 243 जेडीडी के अनुसार होता है। इस समिति का अध्यक्ष जिले का प्रभारी मंत्री ही होता है। राज्य सभा, लोकसभा और विधानसभा सदस्यों के साथ ही कलेक्टर इसके स्थायी आमंत्रित सदस्य होते हैं। यानी सभी सांसद और सभी विधायक इसके सदस्य होते हैं। इसमें जिला पंचायत, नगर निगम, नगरीय निकायों के अध्यक्ष और अन्य निर्वाचित प्रतिनिधि शामिल होते हैं। यह भी अनिवार्य है कि कुल सदस्यों का कम से कम पांच में से चार हिस्सा आबादी के अनुपात में चुना गया हो। इसका गठन संविधान अनुसार होता है और इसे भंग भी वहीं से किया जा सकता है।

क्या है इस समिति का काम, 6 साल से नहीं हुई बैठक

समिति का काम सभी पंचायतों, नगरीय निकायों द्वारा तैयार योजनाओं को समेकित कर पूरे जिले की एकीकृत विकास योजना बनाना और उसे राज्य सरकार से तालमेल कर ग्रामीण और शहरी विकास को संतुलित रूप से करवाना है। नियम अनुसार प्रभारी मंत्री को हर तीन से चार माह में समिति की बैठक लेकर योजनाओं के क्रियान्वयन पर चर्चा करनी चाहिए। परंतु रतलाम में पिछले 6 सालों से एक बार भी बैठक का आयोजन नहीं हुआ है।  

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कौन है समिति के वर्तमान सदस्य 

वर्तमान में जिला योजना समिति रतलाम में सासंद अनीता नागर सिंह, रतलाम विधायक और मंत्री चैतन्य काश्यप, जावरा विधायक डॉ. राजेंद्र पाण्डेय, रतलाम ग्रामीण विधायक मथुरालाल डामर, आलोट विधायक चिंतामणी मालवीय, सैलाना विधायक कमलेश्वर डोडियार के साथ महापौर प्रहलाद पटेल, जिपं अध्यक्ष लीला बाई, कलेक्टर मीशा सिंह स्थाई सदस्य हैं। इनके साथ निर्वाचित सदस्यों में आरती जाट, निर्मला गुर्जर, नाथूलाल गामड़, सत्यनारायण पाटीदार, उमा पालीवाल, डीपी धाकड़, राजेश भरावा, वीसी शरद कुमार, केशुराम निनामा, चंपा मईड़ा, रणजीत टांक, योगेश पापटवाल, यास्मिन शेरानी, मोहम्मद मुस्तकीम, अनिल अवस्थी हैं। 

ये बोले प्रभारी मंत्री....

जब प्रभारी मंत्री से सवाल किया गया कि जिला योजना समिति की बैठक क्यों नहीं हो रही है, और आगे कब होगी। इसपर उन्होंने कहा कि जिला योजना समिति का अब अस्तित्व ही नहीं है। यह तो खत्म हो चुकी है। इसके स्थान पर प्रदेश सरकार जिला विकास सलाहकार समिति गठित कर चुकी है। अब से जिला विकास समिति जिले के विकास को आगे बढ़ाएगी। 

सिर्फ भाजपा सदस्यों पर भी गोल मोल जवाब

जब पत्रकारों ने सवाल किया कि हाल ही में गठित जिला विकास सलाहकार समिति में केवल भाजपा पदाधिकारियों को ही शामिल किया गया है। जबकि कहा जा रहा है कि इसमें प्रबुद्धजनों और हर वर्ग का प्रतिनिधित्व करने वाले आम लोगों को लिया जाएगा। इस पर भी प्रभारी मंत्री श्री शाह ने जवाब दिया कि प्रदेश सरकार ने जिन्हें चुना है उन्हें सोच कर ही चुना है। इसके बाद इस विषय में जवाब नहीं दिया। 

हर मंगलवार अधिकारी करेंगे सीधे बात

इस दौरान मंत्री विजय शाह ने बताया कि दो साल में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में नवकरणीय उर्जा, कानून व्यवस्था, ओद्योगिकीकरण, सड़क, सिंहस्थ की तैयारियों को लेकर भी प्रतिबद्धता के साथ काम हुआ है। जिले के विकास के लिए वे नई पहला कर रहे हैं। अब से हर मंगलवार को विभाग के स्थानीय अधिकारी भोपाल में उनके कक्ष में आकर विकास पर बात कर सकेंगे। इस दौरान संबंधित प्रमुख सचिव और आयुक्त भी कक्ष में रहेंगे ताकि नई योजनाओं के क्रियान्वयन, पुरानी में आ रही तकनीकी दिक्कतों या परेशानियों को वहीं बैठकर हल किया जाएगा। 

लोकतंत्र की हत्या

जिला योजना समिति संवैधानिक समिति है जो संवैधानिक प्रक्रिया अनुसार ही निर्वाचित होता है और भंग होती है। भाजपा लोकतांत्रित व्यवस्थाओं में यकीन करती ही नहीं है। ये लगातार आम लोगों की उपेक्षा करके लोकतंत्र की हत्या करके, केवल राज करने में लगे हुए हैं। हम लगातार इसका विरोध कर रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे।

  • डीपी धाकड़, सदस्य जिला योजना समिति, रतलाम।

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