महापौर की परिषद् के इंतजार में सूखा तरणताल, पूरी गर्मी बीती पर नेता नहीं कर पाए बैठक - टेंडर के इंतजार में बंद पड़ा है पूल, निजी को हो रहा फायदा

Dry swimming in Ratlam is waiting for the MIC to hold meeting and decide guideline for new operation. Although whole summer season has passed but leaders could not hold meeting. private pools are getting benefits.

महापौर की परिषद् के इंतजार में सूखा तरणताल, पूरी गर्मी बीती पर नेता नहीं कर पाए बैठक - टेंडर के इंतजार में बंद पड़ा है पूल, निजी को हो रहा फायदा

रतलाम। शहर के एकमात्र शासकीय तरणताल के रूप में लोगों के टैक्स के पैसे से बना तरणताल लगभग पूरी गर्मी से सूख रहा है। महापौर की परिषद को वक्त मिलने और बैठक में तय होने के इंतजार में तरणताल धूल और आम नागरिक गर्मी में बेहाल हो रहे हैं। हालांकि इसका फायदा निजी पूलों और वॉटर पार्क को सीधे-सीधे मिल रहा है, लेकिन आम जनता ठगी की ठगी नजर आ रही है। 


नगर निगम द्वारा संचालित तरणताल को लेकर परिषद जून के दूसरे सप्ताह की शुरुआत तक भी बैठक का इंतजार कर रही है। जबकि मई के महीने में लोगों के आक्रोश के बाद ही आयुक्त और निगम के संबंधित इंजीनियरों ने नए सिरे से टेंडर जारी करने के लिए एमआईसी के पास फाइल भेज दी थी। एमआईसी द्वारा बैठक में नए सिरे से संचालन के निमय तय करने, दर, समय आदि तय होने के इंतजार में फाइल भी इस पूल की ही तरह धूल खा रही है। महापौर और उनकी परिषद को बैठक करने या इसपर फैसला करने का वक्त अब तक नहीं मिला है। हालांकि इस बीच मार्च, अप्रैल और मई में गर्मी का पूरा मौसम बीत चुका है। अब जून के दूसरे सप्ताह तक भी टेंडर जारी करने का भी फिलहाल तो प्रस्ताव ठंडे बस्ते में ही है। ऐसे में जून में भी तरणताल चालू होना संभव नहीं है। 

निजी को फायदा पंहुचाने की जुगत 

सोशल मीडिया से लेकर चौराहों तक आम मध्यवर्गी लोग आरोप लगा रहे हैं कि नगर निगम द्वारा जानबूझ कर शासकीय तरणताल को बंद रखा गया है। इससे महापौर प्रहलाद पटेल के परिवार द्वारा संचालित निजी स्वीमिंग पूल और अन्य को सीधा लाभ मिल रहा है। परिषद द्वारा न तो तरणताल संचालन को लेकर एक भी प्रस्ताव जारी किया गया, जहां तक कि भेजी गई फाईल पर भी निर्णय नहीं लिया जा रहा है। दूसरी ओर निजी पार्क में हर रोज सैकड़ों की संख्या में बच्चों के साथ मजबूरी में पंहुच रहे परिवारों और लोगों से 10 गुना ज्यादा राशि वसूल की जा रही है। आरोप तो यहां तक है कि इस स्वीमिंग पूल के लिए कई बार पानी भी नगर निगम से लिया जा रहा है। 

तरसते रह गए कई परिवार 

नगर निगम की सुविधा, संरचना और ढांचा होने के बावजूद केवल लापरवाही और स्वार्थ के चलते कई मध्यमवर्गी और गरीब परिवार गर्मी में पूल का आनंद लेने के लिए तरसते रह गए हैं। मोहन नगर निवासी 16 वर्षीय विशाल दुबे कहते हैं कि उन्हें इस बार छुट्टियों में तैराकी सीखने का मन था, लेकिन निजी पूल की अधिक फीस परिवार नहीं भर सकता। इंद्रा नगर की सोनल सिंह कहती हैं कि परिवार में बच्चे लगातार जिद करते रहे, लेकिन निजी पूल में महंगे टिकट पर एक बार भी जाना उनके लिए संभव नहीं हुआ। थावरिया बाजार की तनुश्री चौहान कहती हैं कि जनता के टैक्स के पैसों से पूल बनाया और ंसचालित किया जा रहा था। इसके बाद भी स्वार्थ और लापरवाही से लोगों को इसका फायदा नहीं लेने दिया जा रहा है। 


एमआईसी के निर्णय का इंतजार 

हमारे द्वारा एमआईसी के समक्ष तरणताल के नए सिरे से संचालन के लिए टेंडर जारी करने का प्रस्ताव भेजा गया था। बैठक में ही नितीगत फैसले हो सकते हैं कि इसके संचालन की शर्तें क्या होंगी। वहां से फैसला होने के बाद ही टेंडर प्रक्रिया शुरु की जा सकती है। इसके बाद ही तरणताल का संचालन हो सकेगा। 
-ओपीएस गहरवार, आयुक्त, निगर निगम रतलाम