रतलाम शिक्षा व्यवस्था में बड़ी चूक, नए आदेश से हजारों कर्मचारी वेतन से वंचित , विधानसभा में उठ सकता है मुद्दा , कर्मचारियों ने जावरा विधायक से किया सम्पर्क
एसआईआर जैसे महत्वपूर्ण कार्य में लगे शिक्षकों को महीने की शुरुआत में ही झटका लगा। दो दिन गुजर जाने के बावजूद उन्हें वेतन नहीं मिला है।इसी बीच जावरा और पिपलौदा के कर्मचारी नेताओं ने विधायक डॉ. राजेन्द्र पांडेय से संपर्क कर इस समस्या की जानकारी दी है।
रतलाम ।newsmpg जिले में लगभग एक माह से अधिक समय से एसआईआर जैसे महत्वपूर्ण कार्य में लगे शिक्षकों को महीने की शुरुआत में ही झटका लगा। दो दिन गुजर जाने के बावजूद उन्हें वेतन नहीं मिला है।इसी बीच जावरा और पिपलौदा के कर्मचारी नेताओं ने विधायक डॉ. राजेन्द्र पांडेय से संपर्क कर इस समस्या की जानकारी दी है। डॉ. पांडेय फिलहाल भोपाल में विधानसभा सत्र में हैं, इसलिए यह मुद्दा विधानसभा में भी उठ सकता है।
एक कर्मचारी नेता ने सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर प्रशासन को आगाह किया है कि एसआईआर में लगे शिक्षकों को वेतन न मिलने से मानसिक प्रताड़ना हो रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर किसी कर्मचारी को कोई आपत्ति हुई, तो उसकी पूरी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।प्रदेश में शिक्षकों के लिए ई-अटेंडेंस प्रणाली लागू करने के लिए शासन सख्ती कर रहा है। हालांकि यह मामला न्यायालय में चल रहा है, इसलिए आदेश लिखित रूप में अभी जारी नहीं किए गए हैं। इसी बीच वीसी बैठक में मौखिक आदेश के तहत रतलाम जिले की मुखिया ने निर्देश दिया कि जब तक ई-अटेंडेंस 100 प्रतिशत लागू नहीं होती, तब तक वेतन रोका जाए।उस समय सभी कर्मचारियों का वेतन कोषालय पहुंच चुका था, लेकिन जिलाधीश के मौखिक आदेश पर वेतन के बिल जनरेट नहीं किए गए और 2 दिसंबर तक किसी को वेतन नहीं मिला।
अधिकारियो ने पल्ला झाड़ा
वेतन नहीं मिलने से शिक्षक भड़क गए। शिक्षक नेताओं ने जिला शिक्षा अधिकारी से संपर्क किया, लेकिन उन्होंने इस मामले से पल्ला झाड़ लिया। इसके बाद कर्मचारी नेताओं ने जावरा विधायक डॉ. राजेन्द्र पांडेय से पुनः संपर्क किया। उन्होंने आश्वासन दिया कि वे शीघ्र अधिकारियों से इस विषय पर चर्चा करेंगे।डॉ. पांडेय अपनी सक्रियता दिखाते हुए जिले के मुद्दों को विधानसभा में उठाने की तैयारी में हैं। कांग्रेस भी इस मुद्दे पर सक्रिय होकर कर्मचारियों के हित में बयान जारी कर चुकी है।
वीडियो जारी कर प्रशासन को चेताया
पिपलौदा के कर्मचारी नेता गणेश मालवीय ने एक वीडियो जारी कर प्रशासन को चेताया है कि एसआईआर के कार्य में लगे कई कर्मचारियों ने आत्महत्या की है। लगातार एक माह से कार्यरत कर्मचारियों को वेतन न मिलने से उनमें हताशा फैल रही है। यदि कोई दुर्घटना होती है, तो उसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।आज़ाद अध्यापक शिक्षक संघ के संभागीय अध्यक्ष श्रीप्रकाश शुक्ला ने कहा की सौ प्रतिशत ई-अटेंडेंस को लेकर वेतन रोकने या काटने के शासन के कोई लिखित आदेश नहीं है , इसके बावजूद एक मौखिक आदेश पर वेतन रोकना मनमानी है , अगर ऐसा है तो स्कूलों से उपस्थिति रजिस्टर हटा देना चाहिए। जिले जो मनमानी की गई है इसका हम पुरजोर विरोध करते है। आज़ाद अध्यापक संघ इसका हर स्तर पर विरोध कर इस अन्यायपूर्ण फैसले का जवाब लेगा , जब वित्त विभाग का कोई आदेश ही नहीं है।कहा जा सकता है कि प्रशासन स्वयं अपनी किरकिरी कर रहा है और इस मुद्दे को तत्काल सुलझाने की जरूरत है ताकि कर्मचारियों का मनोबल बना रहे और उनकी समस्याओं का समाधान हो सके।