धरने पर अड़े आदिवासी तो कलेक्टर ही साथ बैठ गईं जमीन पर
रतलाम जिले के धोलावाद क्षेत्र में नौ गाँवों के आदिवासी ग्रामीणों ने खदान आवंटन के विरोध में कलेक्ट्रेट पर धरना दिया। प्रशासन को चेतावनी दी कि मांगें नहीं मानी गईं तो धोलावाद से रतलाम को जाने वाली पेयजल सप्लाई रोक दी जाएगी।

रतलाम@newsmpg। धौलावाड़ डैम के समीप बसे नौ गाँवों के आदिवासी सोमवार को कलेक्ट्रेट पहुँचे और धरना दिया। हंगामा शांत करवाते हुए एडीएम, एएसपी ने समझने की कोशिश की, लेकिन उनके नहीं मानने पर कलेक्टर मिशा सिंह अंत में खुद जमीन पर बैठी और उन्हें गांव आकर वास्तविक स्थिति देखकर निराकरण करने का आश्वासन दिया।
धौलावाड़ क्षेत्र की ग्राम पंचायत राजपुरा के करीब 9 गांव के महिला और पुरुष सोमवार को जिला पंचायत उपाध्यक्ष केशू निनामा के नेतृत्व में कलेक्ट्रेट पहुंचे थे। ये लोग खदान आवंटन का विरोध और पट्टे नहीं मिलने पर विरोध करते हुए धरने पर बैठ गए।
पानी रोकने की चेतावनी दी
इस दौरान अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राकेश खाका और एडीएम शालिनी श्रीवास्तव भी मौके पर मौजूद रहे। उन्होंने समस्या हल होने का आश्वासन दिया, लेकिन ग्रामीण नहीं माने। ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगों पर शीघ्र निर्णय नहीं हुआ, तो वे धोलावाद से रतलाम शहर को होने वाली पेयजल आपूर्ति रोक देंगे।
अंदर आए पर नहीं माने
इस बीच प्रतिनिधि मंडल को बुलाकर कलेक्टर मिशा सिंह ने बातचीत की। एसपी अमित कुमार भी मौजूद थे। उन्होंने कहा कि वे स्वयं गाँव जाकर स्थिति का जायज़ा लेंगी। परन्तु निनामा और दिनेश माल ने धरना समाप्त करने से मना कर दिया। इसके बाद महिलाएं भी कक्ष में अन्दर आईं लेकिन कोई पट्टे की मांग, तो कोई आवास की बात कहती रही।
जमीन पर बैठकर की बात
कलेक्टर सुश्री सिंह ने अंत में बाहर आई और धरने पर बैठे लोगों के बीच ही बैठ गईं। उन्होंने कहा कि उन्हें रतलाम आए 5 दिन ही हुए हैं। वे ग्राम पंचायत में आकर सभी से बात करके समस्याओं को हल करेंगी। इसके बाद धरना समाप्त हुआ।