शिवराज मामा की बहन हुई बागी, भाजपा में वंशवाद के खिलाफ लगाई दहाड़
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को रतलाम आगमन पर हर बार राखी बांधने वाले भाजपा की नेत्री सीमा टांक ने ही भाजपा के खिलाफ ताल ठोक दी है।
रतलाम। रतलाम में राजनैतिक समीकरण बहुत तेजी से बदलते नजर आ रहे हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को रतलाम आगमन पर हर बार राखी बांधने वाले भाजपा की नेत्री सीमा टांक ने ही भाजपा के खिलाफ ताल ठोक दी है। इस बार निर्दलीय महापौर पद के लिए उतर गई हैं।
किसी समय शिवराज मामा की खास रही श्रीमती टांक का विद्रोह क्या असर दिखाएगा यह आगे समय बताएगा, लेकिन शनिवार को उनके खुलकर सामने आने पर कई अन्य बागी भी अब मैदान में आ गए हैं। शनिवार को श्रीमती टांक ने सैकड़ों की संख्या में भाजपा के अन्य नाराज कार्यकर्ता और समर्थकों के साथ फार्म भरने पंहुची। पटरी पार सीमा टांक दो बार से पार्षद चुनकर आ रही है, लेकिन इस बार पार्टी ने न तो महापौर पद पर और न ही उनके ही वार्ड में उनकी इच्छा को महत्व दिया। उन्होंने भाजपा के पुराने कार्यकर्ता मंगल सिंह के लिए वार्ड पार्षद के लिए टिकट मांगा था, लेकिन उन्हें भी टिकट नहीं दिया गया। इससे नाराज होकर श्रीमती टांक ने विधायक कार्यालय का घेराव करते हुए एक दिन पहले भी विरोध जताया था। हालांकि पार्टी द्वारा कोई मध्यस्थता नहीं करने पर उन्होंने अगले दिन नाराज होकर बागी उम्मीदवार के रूप में अपनी दावेदारी पेश कर दी है।
मैं किसी राजनैतिक खानदान से नहीं, इसलिए कटा टिकट
श्रीमती टांक ने नामांकन दाखिल करने के बाद मीडिया से चर्चा में कहा कि उनके पति कोई बड़े राजनेता नहीं, न ही वो किसी राजनैतिक खानदान से हैं। इसलिए न तो वार्ड में टिकट बांटने में उनकी सहमति ली गई और न ही उन्हें टिकट मिला। उन्होंने आरोप लगाए कि टिकट वितरण में वंशवाद को अहमियत दी गई है। पार्टी की तमाम गाइडलाइन की भी धज्जियां उड़ा दी गई हैं।
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