रतलाम में नहीं होगा करणी सेना का आंदोलन, क्यों हुआ स्थगित और क्या बोले -'जीवन सिंह शेरपुर'

रतलाम में करणी सेना का आंदोलन स्थगित, जीवन सिंह शेरपुर और प्रशासनिक अधिकारियों के बीच हुई चर्चा के बाद फैसला।

रतलाम में नहीं होगा करणी सेना का आंदोलन, क्यों हुआ स्थगित और क्या बोले -'जीवन सिंह शेरपुर'
रतलाम में करणी सेना का आंदोलन स्थगित, जीवन सिंह शेरपुर और प्रशासनिक अधिकारियों के बीच हुई चर्चा के बाद फैसला।

रतलाम@newsmpg। रतलाम में होने वाला करणी सेना परिवार का आंदोलन स्थगित हो गया है। गुरुवार शाम को संगठन के मुखिया जीवन सिंह शेरपुर और प्रशासन-पुलिस के अधिकारियों के बीच चर्चा के बाद इसकी घोषणा कर दी गई। 
आंदोलन के एक दिन पहले करणी सेना परिवार प्रमुख जीवनसिंह शेरपुर, यादवेंद्र सिंह तोमर आदि सहित एक प्रतिनिधि मंडल रतलाम पुराने पुलिस कंट्रोल रूम पंहुचा। यहां एडीएम शालिनी श्रीवास्तव, एएसपी ग्रामीण विवेकलाल, सीएसपी जावरा,  सीएसपी रतलाम सत्येंद्र घनघोरिया, एसडीएम आर्ची हरित, एसडीओपी किशोर पाटनवाला, डीएसपी अजय सारवान आदि मौजूद रहे। प्रतिनिधि मंडल की मौजूदगी में जीवन सिंह के साथ प्रशासनिक दल ने चर्चा की। उन्होंने कहा कि प्रमुख मांगे  पहले ही पूरी हो चुकी हैं, ऐसे में आंदोलन को निरस्त  कर दिया जाना चाहिए।

Subscribe to our Channel and watch live video Updates:-

मांगे हुई पूरी 

इसके पहले करणी सेना परिवार के प्रमुख जीवन सिंह शेरपुर ने 31 अक्टूबर को रतलाम में आंदोलन के लिए आव्हान किया था। सोशल मीडिया पर पोस्ट जारी कर करणी सेना के पदाधिकारियों ने प्रशासन की तानाशाही और निष्क्रियता के खिलाफ दोपहर 12:15 बजे कलेक्टोरेट पहुंचने का आह्वान किया था। आंदोलन में रतलाम जिले के साथ ही मंदसौर, नीमच, उज्जैन, धार और इंदौर जिलों से समर्थकों के आने की संभावना थी। प्रमुख मांगों में कंजर समुदाय के आतंक को समाप्त करने के साथ ही चोरियों में शामिल दलालों पर भी कार्रवाई करना था। पुलिस प्रशासन द्वारा लसुडिया नाथी में नाबालिग बालिका को नहीं ढ़ूढ़ पाने, आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने, धारा 84 एवं 85 बीएनएसएस के अंतर्गत चल-अचल संपत्ति अटैच करने, आदिवासी युवती के अपहरण के बाद अब तक कोई ठोस सुराग न मिल पाने जैसी मांगे शामिल थीं। 

नाबालिग का पता लगा, दलालों पर कसा शिकंजा

आंदोलन की घोषणा होने के बाद ही पुलिस ने कालूखेड़ा थाना क्षेत्र से गायब हुई नाबालिग का पता लगाकर उत्तर प्रदेश से उसे लौटा कर लाने में भी सफलता हासिल कर ली। पुलिस ने उसे परिजनों को सौंप दिया है। दूसरी ओर आलोट पुलिस ने कंजरों के मोबाइल फोन और सोशल मीडिया से कुछ संदिग्ध दलालों के नाम और नंबर निकालकर उनपर कार्रवाई भी शुरु की है। अन्य कुछ मांगों पर भी कार्रवाई शुरु हो चुकी है। ऐेसे में प्रशासन और पुलिस ने आंदोलन स्थगित करने के लिए चर्चा की थी।

पूर्व की घटनाओं के चलते थी सतर्क

आंदोलन की घोषणा के बाद से ही आला स्तर से रतलाम पर नजर बढ़ गई थी। 
प्रशासन और पुलिस दोनों ने सुरक्षा के मद्देनजर तैयारी शुरू कर दी गई थी। प्रशासन ने जिले में धारा 144 लागू कर दी है। उल्लेखनीय है कि करणी सेना परिवार बीते कुछ महीनों से मध्य प्रदेश के विभिन्न जिलों में बड़े आंदोलन किए हैं। संगठन ने इससे पहले हरदा, मंदसौर और इंदौर में प्रदर्शन किए थे, जिनमें प्रशासनिक कार्यवाही और पुलिस कार्रवाई को लेकर असंतोष जताया गया था।