"सावन की शुरुआत में खुला एक ज्योतिषीय संकेत—क्या शिव देंगे आपकी पुकार का उत्तर?"
सावन का पावन महीना आ गया है। ग्रहों का विशेष योग: क्या कह रही है आकाश की चाल? पूजन विधि: घर बैठे ऐसे करें भोलेनाथ की पूजा

Religion Desk@Newsmpg. बारिश की रिमझिम फुहारों के बीच जब वातावरण में “हर हर महादेव” की गूंज सुनाई देती है, जब हर शिव मंदिर गंगाजल और बेलपत्र की खुशबू से महक उठता है—तब समझ लीजिए कि सावन का पावन महीना आ गया है।
सावन केवल एक धार्मिक मास नहीं है, ये मन की शांति, आत्मशुद्धि और शिव से सीधे संवाद का महीना है। यह वह समय होता है जब प्रकृति, पूजा और प्रार्थना एक साथ कदम से कदम मिलाकर चलती हैं।
इस साल सावन खास है क्योंकि इसकी शुरुआत ही सोमवार से हो रही है—जो स्वयं शिव जी का प्रिय दिन है। साथ ही, ग्रहों की चाल भी इस बार कुछ अनोखा संकेत दे रही है, जिससे ये सावन न सिर्फ धार्मिक दृष्टि से बल्कि ज्योतिषीय रूप से भी विशेष बन गया है।
ग्रहों का विशेष योग: क्या कह रही है आकाश की चाल?
14 जुलाई 2025, सोमवार से सावन मास प्रारंभ हो रहा है और 10 अगस्त, रविवार को समाप्त होगा। इस बार सावन में चार सोमवार का संयोग बन रहा है—जो भक्तों के लिए फलदायक है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, इस सावन में बन रहे ग्रहों के विशेष संयोग भक्तों के लिए कई मायनों में महत्वपूर्ण होंगे:
शनि-मंगल का प्रभाव
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शनि कुंभ राशि में होंगे, जो तप, न्याय और कर्म की ऊर्जा बढ़ाएंगे।
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मंगल मिथुन में रहेंगे, जिससे विचारों और वाणी में तेज़ी आ सकती है। संयम और सतर्कता इस समय अत्यंत आवश्यक है।
बुधादित्य योग
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सूर्य और बुध का संयोग एक शुभ बुधादित्य योग बनाएगा, जो ज्ञान, वाणी, और निर्णय क्षमता को बल देगा।
बृहस्पति (गुरु) की कृपा
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बृहस्पति वृषभ राशि में रहेंगे, जिससे यह महीना धार्मिक साधना, व्रत और मंत्र-जप के लिए अत्यंत अनुकूल रहेगा।
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पूजन विधि: घर बैठे ऐसे करें भोलेनाथ की पूजा
इस सावन में यदि आप पूरे नियम से शिव पूजन करना चाहते हैं, तो यह बहुत सरल है:
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प्रतिदिन सुबह स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें।
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शिवलिंग को दूध, गंगाजल और जल से स्नान कराएं।
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बेलपत्र, धतूरा, शमी पत्र और सफेद पुष्प अर्पित करें।
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“ॐ नमः शिवाय” मंत्र का 108 बार जाप करें।
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सोमवार को व्रत रखें, फलाहार करें, और रात्रि को शिव कथा सुनें या पढ़ें।
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गरीबों को अन्न, वस्त्र या जल का दान करें—यह विशेष पुण्यकारी होता है।
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