10 साल के नन्हे बालक ने किया महाकाल के दुर्लभ रुद्राक्षों का ऐसा संग्रह कि बन गए तीन वर्ल्ड रिकॉर्ड

रतलाम का यह होनहार बालक आध्यात्मिक चेतना और रुद्राक्ष के प्रति निष्ठा से आज पूरे भारत के लिए प्रेरणा बन गया है।

Jul 20, 2025 - 17:38
Jul 20, 2025 - 17:40
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10 साल के नन्हे बालक ने किया महाकाल के दुर्लभ रुद्राक्षों का ऐसा संग्रह कि बन गए तीन वर्ल्ड रिकॉर्ड
विश्व के सबसे दुर्लभ रुद्राक्ष रतलाम में

रतलाम।  रतलाम के 10 वर्षीय बालक जिष्णु दवे ने कम उम्र में वह कर दिखाया है जो बड़े-बड़े भी नहीं कर पाते। आध्यात्मिक रुचि और रुद्राक्षों के प्रति विशेष आकर्षण के चलते जिष्णु ने एक साथ तीन विश्व रिकॉर्ड अपने नाम दर्ज कर रतलाम और देश का नाम रोशन किया है।

जिष्णु दवे बचपन से ही रुद्राक्षों के प्रति गहरी जिज्ञासा रखते हैं। मात्र 5 वर्ष की आयु से ही जब भी रुद्राक्षों का वितरण या संग्रह होता, वह स्वयं उनमें से विशेष चिन्ह जैसे ॐ, त्रिशूल, स्वस्तिक, सुदर्शन , आदि वाले रुद्राक्ष पहचानने में रुचि लेते थे। अब तक जो भी दुर्लभ रुद्राक्ष संग्रह में आए हैं, वे अधिकतर जिष्णु की खोज का परिणाम हैं।

इन विशेषताओं के आधार पर जिष्णु के नाम तीन विश्व रिकॉर्ड दर्ज हुए हैं:

दुनिया का सबसे बड़ा रुद्राक्ष – 6.6 सेमी आकार और 120 ग्राम वज़न का यह रुद्राक्ष वाराणसी से मंगवाया गया था। इसे पहले कोई रिकॉर्ड में नहीं जोड़ा गया था।

ॐ चिह्न वाले 25 रुद्राक्षों का संग्रह – यह अपने आप में एक दुर्लभ आध्यात्मिक संग्रह है।

दुर्लभ रुद्राक्षों का संकलन – जिसमें बिना रेखाओं वाला रुद्राक्ष, त्रिशूल, स्वास्तिक, नागेश्वर लिंगम और सुदर्शन चिह्न वाले रुद्राक्ष शामिल हैं।

इन्होंने किया कीर्तिमान दर्ज

इन तीनों रिकॉर्ड को USA Book of World Records, London Book of World Records और World Records of UN , Asian Book of World Records द्वारा आधिकारिक रूप से प्रमाणित किया गया है।

संतों के सान्निध्य में हुआ सम्मान 

विनोबा नगर निवासी जिष्णु दवे रतलाम के गुरु रामदास पब्लिक स्कूल में कक्षा 5 का छात्र है तथा ज्योतिषाचार्य महर्षि संजयशिवशंकर दवे का सुपुत्र है।

इस अद्भुत उपलब्धि पर रतलाम क़े अखण्ड ज्ञान आश्रम में एक विशेष सम्मान समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें वेब वर्ल्ड रिकॉर्ड के जूरी मेंबर शैलेन्द्र सिंह सिसौदिया, कमलेश जोशी ने संतों के सानिध्य में बालक को सम्मान पत्र भेंट किया। इस अवसर पर श्रृंगेरी मठ के दंडीस्वामी आत्मानंद जी सरस्वती, अखंड ज्ञान आश्रम के महामंडलेश्वर देवस्वरूपानंद जी महाराज, स्वामी सुज़ानानंद जी महाराज, स्वामी प्रभुतानंद जी महाराज , स्वामी सास्वता नंद जी महाराज , स्वामी सुदामा जी मिश्रा , निगम अध्यक्ष श्रीमती मनीषा जी शर्मा सहित संतों एवं गणमान्य नागरिकों , मनोज जी शर्मा , श्रीश्रीमाली ब्राह्मण समाज क़े अध्यक्ष नयन जी व्यास , सचिव कुलदीप त्रिवेदी ,राजेन्द्र जी पुरोहित , राजेश पाण्डेय ,पतंजलि से विशाल कुमार वर्मा ,पं.संजय मिश्रा सोमेश शर्मा , सौरभ शर्मा ने उपस्तिथ होकर जिष्णु दवे को आशीर्वाद एवं शुभकामनाएं दीं।

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