NewsMPG – MP & India News: Ratlam, Ujjain, Indore, Bhopal, Delhi, Mumbai | Sports, Spirituality, Arts & Travel & : किसान की बात https://newsmpg.com/rss/category/कृषि,-पर्यावरण-और-प्रकृति-समाचार--खेती-और-गांव-की-दुनिया NewsMPG – MP & India News: Ratlam, Ujjain, Indore, Bhopal, Delhi, Mumbai | Sports, Spirituality, Arts & Travel & : किसान की बात en Copyright 2023 Newsmpg.com All Rights Reserved :: WebMaster : Harsh Shukla संघ के 100 साल: अगर हेडगेवार पर वो रिवॉल्वर मिल जाती तो RSS नागपुर में ही खत्म हो जाता https://newsmpg.com/संघ-के-100-साल-अगर-हेडगेवार-पर-वो-रिवॉल्वर-मिल-जाती-तो-rss-नागपुर-में-ही-खत्म-हो-जाता https://newsmpg.com/संघ-के-100-साल-अगर-हेडगेवार-पर-वो-रिवॉल्वर-मिल-जाती-तो-rss-नागपुर-में-ही-खत्म-हो-जाता Wed, 01 Oct 2025 17:36:33 +0530 newsmpg पाकिस्तान का ट्रंप&इजरायल के सामने सरेंडर क्यों? देखें रिपोर्ट https://newsmpg.com/पाकिस्तान-का-ट्रंप-इजरायल-के-सामने-सरेंडर-क्यों-देखें-रिपोर्ट https://newsmpg.com/पाकिस्तान-का-ट्रंप-इजरायल-के-सामने-सरेंडर-क्यों-देखें-रिपोर्ट Wed, 01 Oct 2025 17:36:33 +0530 newsmpg बस कंडक्टर के बेटे से माफिया डॉन और तिहाड़ तक... कौन है नीरज बवाना जिसके पिता को पुलिस ने किया है गिरफ्तार https://newsmpg.com/बस-कंडक्टर-के-बेटे-से-माफिया-डॉन-और-तिहाड़-तक-कौन-है-नीरज-बवाना-जिसके-पिता-को-पुलिस-ने-किया-है-गिरफ्तार https://newsmpg.com/बस-कंडक्टर-के-बेटे-से-माफिया-डॉन-और-तिहाड़-तक-कौन-है-नीरज-बवाना-जिसके-पिता-को-पुलिस-ने-किया-है-गिरफ्तार Fri, 19 Sep 2025 17:10:09 +0530 newsmpg रतलाम में किसानों का आक्रोश:ट्रैक्टर रैली निकाली, बैरिकेडिंग तोड़ी, कलेक्टरेट में किया धरना https://newsmpg.com/ratlam-kisan-andolan-tractor-rally-collectorate https://newsmpg.com/ratlam-kisan-andolan-tractor-rally-collectorate
  • खराब फसल और बीमा नहीं मिलने से

  • परेशान किसानों ने किया प्रदर्शन

  •  किसान कांग्रेस के आव्हान पर निकाली आक्रोश ट्रैक्टर रैली 

  • रतलाम@newsmpg। जिले में किसानों का गुस्सा मंगलवार को सड़कों पर फूट पड़ा। किसान कांग्रेस के आह्वान पर जिलेभर से किसान ट्रैक्टरों के साथ रैली निकालते हुए शहर पहुंचे।  सैकड़ों किसान अलग-अलग गांवों से ट्रैक्टर लेकर निकल पड़े और जुलूस की शक्ल में कलेक्टरेट तक पहुंचे।

    जैसे ही किसान कलेक्टरेट गेट पहुंचे, पुलिस और प्रशासन ने उन्हें रोकने की कोशिश की। ट्रैक्टरों को बाहर ही रोक दिया गया और भीड़ को आगे बढ़ने से रोका गया। आक्रोशित किसानों ने गेट पर लगी बैरिकेडिंग को तोड़ दिया और गेट खोलकर अंदर दाखिल हो गए। वहां उन्होंने जोरदार नारेबाजी की और धरने पर बैठ गए। 

    ट्रैक्टर पर सवार कलेक्टरेट पहुंचे

    कांग्रेस कांग्रेस ने किसान आक्रोश ट्रैक्टर यात्रा मंगलवार को जिलाध्यक्ष हर्ष विजय गेहलोत, किसान कांग्रेस जिलाध्यक्ष राजेश भरावा आदि के नेतृत्व में निकाली। गांवों से किसान रतलाम पंहुचे और यहां से ट्रैक्टरों पर सवार किसान रैली के रूप में सैलाना बस स्टैंड स्थित सब्जी मंडी से निकले। शहर के मुख्य मार्गों से गुजरती हुई कलेक्टरेट पहुंची। प्रदेश कांग्रेस किसान अध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह चौहान भी मौजूद रहे। वे खुद ट्रैक्टर चलाते हुए कलेक्टरेट पहुंचे। उनके साथ वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया भी ट्रैक्टर पर सवार थे। 

    गेट पर हुई धक्कामुक्की

    इस दौरान कलेक्टरेट गेट पर पुलिस और कांग्रेस कार्यकतार्ओं के बीच धक्का-मुक्की और झूमाझटकी भी हुई। दोनों तरफ से गेट खोलने को लेकर जोर आजमाइश होती रही। हालांकि किसान और कांग्रेस नेता अंदर आए और फिर नारेबाजी के बाद कलेक्ट्रेट में धरना दिया। इसके बाद ज्ञापन भी सौंपा और प्रदेश और केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर आक्रोश जताया।  रैली के समापन पर कांग्रेसियों ने Adm को ज्ञापन सौंपा।

    सीएम किसानों को करते रहे दूर, अब पीएम आएंगे

    इस दौरान जिलाध्यक्ष गेहलोत ने कहा कि चार दिन पहले सीएम मोहन यादव खराब फसलों का निरीक्षण करने और किसान चौपाल ली। लेकिन सिर्फ एक जगह की फसल को फोटो खिंचवाने के लिए देखा। जब किसान पास आने लगे तो एसपी को फटकार तक लगा दी। ये सरकार किसानों की समस्या सुनने को भी तैयार नहीं। पूर्व मंत्री भूरिया और प्रदेश अध्यक्ष ने भी संबोधित किया। इस दौरान सभी ने कहा कि प्रधानमंत्री प्रदेश आ रहे हैं, लेकिन पीड़ित किसानों के साथ देने के बजाय आयोजन और जन्मदिन में खर्च किया जा रहा है। 

    यह भी पढ़ें:-  सीएम बोले-सरकार हर कदम किसानों के साथ -करिया में किसान चौपाल लगाई, खेत में जाकर देखा हाल https://newsmpg.com/ratlam-cm-mohan-yadav-sailana-kariya-fasal-nuksan-kisan-chaupal

    हम अन्नदाता है, चोर नहीं

    आंदोलन के दौरान ग्राम डेलनपुर के गौरव पोरवाल अपने साथ एक बैनर लाए थे जो पूरी यात्रा में लहराता रहा। इसमें उन्होंने लिखा कि हम चोर नहीं अन्नदाता हैं। बताया कि हाल ही में सीएम मोहन यादव ने बयान में कहा था कि किसानों से मिलने के दौरान उन्हें नाखून लग गए थे। इसपर उन्होंने कहा कि किसानों की समस्या सुनने के बजाय ऐसी बातें न करें। इसके साथ एक किसान प्याज की माला लेकर आए और प्याज के गिरते दामों पर भी ध्यान आकर्षित किया। 

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    Tue, 16 Sep 2025 17:35:24 +0530 newsmpg
    फिर ली नीम&शीशम की बलि: निगम अमले और पार्षद प्रतिनिधि आमने&सामने, गरबा समिति पर ठीकरा; महापौर बोले& गलती हुई है https://newsmpg.com/ratlam-neem-shisham-ped-katai-nigam-parshad-mahapaur https://newsmpg.com/ratlam-neem-shisham-ped-katai-nigam-parshad-mahapaur
    रतलाम @newsmpg । पर्यावरण संरक्षण के कई आयोजन नगर निगम ने भी बीते दिनों करवाए, लेकिन पालन करो ये सम­ााना रह गया। एक बार फिर से शहर के बीचों-बीच दो हरे पेड़ काट दिए गए, वो भी बिना अनुमति, निगम के ही अमले द्वारा। खास बात है कि निगम कर्मचारी पार्षद प्रतिनिधि के कहने पर कटाई की बात बोल रहे है, जबकि प्रतिनिधि पल्ला ­ााड़ रहे हैं कि उन्होंने छटाई के लिए कहा वो भी गरबा समिति के कहने पर।

    घटना की जानकारी मिलने पर महापौर दोपहर में वहां पंहुचे और कटे हुए पेड़ों की स्थिति देखी। कटाई हुई है दीनदयाल नगर मेन रोड पर शनिवार सुबह। यहां 12 साल पुराना नीम और 12-13 साल पुराना शीशम का पेड़ काट दिया गया। सामाजिक और पर्यावरण कार्यकर्ता श्रेय सोनी ने पंहुचकर नगर निगम से पेड़ काटने के लिए जारी हुई एनओसी मांगी तो कर्मचारी ने बताया कि वे स्वयं नगर निगम उद्यान विभाग में हेड माली के पद पर काम करते हैं। उन्होंने कहा कि पार्षद पति कृष्णा सोनी का फोन आया और दोनों पेड़ को काटने का आदेश दिया है, जिसपर पेड़ काट दिए गए। 

    नेता के कहने पर काटे वीडियो में देखिए क्या कहते दिखे रहे हैं हेड माली, (पहले चैनल को सबस्क्राइब जरूर करें) --

    पंचनामे में छटाई, कटाई दोनों-

    शिकायत पर वृक्ष अधिकारी के रूप में अनिल पारा पंहुचे और पंचाना बनाया। इसमें उल्लेख किया है कि निरीक्षण में पाया है कि वार्ड पार्षद प्रतिनिधि कृष्णा सोनी द्वारा गरबा पांडाल में आ रहे पेड़ की छटाई नगर निगम की टीम से करवाई गई जिसमें शीशम और नीम के पेड़ हैं। लेकिन हेड माली ने बताया कि सोनी के कहने पर ही पेड़ काटे गए हैं। मामले में स्थानीय लोगों का कहना है कि गरबा समिति की बात कही जा रही है, लेकिन असल कारण पीछे के भवन हैं, जिनके एलीवेशन और अतिक्रमण में पेड़ बाधक थे। 

    मैनें छटाई के लिए कहा- कटाई गलत

    मामले में भाजपा के पूर्व मंडल अध्यक्ष और पार्षद संगीत सोनी के पति कृष्णा सोनी ने हिंदुस्तान मेल से चर्चा में कहा कि यहां 21 सालों से भव्य गरबा आयोजन होता है। लाईट लगाने के दौरान या गरबे के दौरान डाली टूटने से कोई हादसा न हो इसके लिए मैंने वृक्ष अधिकारी और हेड माली को फोन पर केवल छटाई करने के लिए कहा था। मैं आज रतलाम के बाहर हूं। सुबह वहां किसके कहने पर पूरे पेड़ काट दिए गए, मु­ो भी नहीं पता, लेकिन ये गलत हुआ है। 

    महापौर ने देखी स्थिति, कहा गलत हुआ

    महापौर प्रहलाद पटेल भी दोपहर में मौके पर पंहुचे। महापौर ने हिंदुस्तान मेल के साथ चर्चा में कहा कि बिगड़ते मौसम और प्रदूषण के बीच पर्यावरण संरक्षण और हरियाली बहुत आवश्यक है। न केवल पार्षदों बल्कि अधिकारियों- कर्मचारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि गिरने की स्थिति में होने के अलावा पेड़ों को पूरे क्षेत्र में कहीं भी नहीं काटा जाएगा। महापौर पटेल ने कहा कि शनिवार सुबह हुई कटाई से वे भी दुखी है। उन्होंने आश्वस्त किया कि बिना अनुमति पेड़ों की कटाई करने वालों पर तत्काल कार्यवाही होगी। किसके कहने पर कटाई हुई है, उनके ऊपर जांच पूरी होने के बाद एक्शन लिया जाएगा।  

    कान्वेंट स्कूल पर लगाया था 1 लाख का जुर्माना

    उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष मित्र निवास रोड स्थित सेंट जोसफ कान्वेंट स्कूल के परिसर में एक बरगद के पेड़ की छटाई बिना अनुमति करवाने के मामले में महापौर प्रहलाद पटेल के आदेश पर नगर निगम ने 1 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। साथ ही एफआईआर करवाकर भी एक्शन लिया गया है। ऐसे में सवाल है कि बाकि के मामलो में भी क्या उतनी गंभीरता से कार्यवाही देखने को मिलेगी।

    रिपोर्ट आने पर होगी कार्यवाही

    इस मामले में कर्मचारी के बयान और पंचनामे में क्या लिखा है, क्या कारण है, कौन से पेड़ों की कितनी कटाई हुई है, फिलहाल जानकारी नहीं है। मेरे सामने पूरी रिपोर्ट आएगी तो नियमानुसार कार्यवाही दोषियों पर की जाएगी। 
    - अनिल भाना, आयुक्त, नगर निगम रतलाम। 

    इन मामलों में भी है इंतजार

    - पेड़ों की मनमानी कटाई का ये अकेला मामला नहीं है। इसके पहले हजारों पेड़ों की बलि गाहे-बगाहे चढ़ती ही रहती है। कानून और जुर्माना भी केवल निजी फायदे और पॉलीटिकल स्टंट के रूप में ही होता है। 
    - साल 2022-23 में नगर निगम परिसर में ही दर्जनों हरे पेड़ काट दिए गए थे, जिन्हें छटाई का नाम दिया गया था। कई पक्षी और बारिश में अंडे भी मर गए थे। 
    विरोध भी खूब हुआ लेकिन कार्यवाही का इंतजार है। 
    - साल 2022 में मित्र निवास रोड बगीचे के अंदर नीम, शीशम, गुलमोहर के पेड़ काटे गए थे। 
    - 2022 में बरबड़ के समीप कॉलोनी काटने के दौरान 100 पेड़ काट दिए गए, यहां हंगामा होने पर 1 पेड़ कटाई की बात कहकर एक का जुर्माना 500 रुपए वसूल लिया गया। 
    - 2023 में गोल्ड पार्क के नाम पर बारिश के बीच पक्षियों के अंडों और पक्षियों को नष्ट करते हुए फिर से 200 से ज्यादा पेड़ जिसमें पीपल, बेलपत्र शामिल थे, काट दिए गए। एफआईआर तक हुई, विरोध हुआ, कार्यवाही आज भी नहीं। 
    - 2024 में साल भर ऐसे अनगिनत मामले होते रहे, 10 में शिकायत हुई, कार्यवाही एक में भी नहीं। 
    - 2025 में सेजावता गांव के समीप फोरलेन के निकट 50 से ज्यादा हरे पेड़ काट दिए गए। शिकायत हुई, पंचनामा बना, कार्यवाही के लिए दोषी ही नहीं मिला। 

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    Sat, 13 Sep 2025 17:58:58 +0530 newsmpg
    "बीमा कंपनियों का तंग करने का खेल… किसान भड़के, करणी सेना ने दी आंदोलन की चेतावनी" https://newsmpg.com/Ratlam-Karani-Sena-Muawza-Demand-Kisan-Andolan https://newsmpg.com/Ratlam-Karani-Sena-Muawza-Demand-Kisan-Andolan रतलाम@newsmpg । जिले भर में अतिवृष्टि से बर्बाद हुई फसलों का मुआवजा देने की मांग को लेकर शुक्रवार को किसानों ने प्रदर्शन किया। करनी सेना परिवार के प्रमुख जीवनसिंह शेरपूर के नेतृत्व में 11 से 12500 हजार रुपए प्रति बीघा मुआवजा देने की मांग को लेकर कृषि उपज मंडी से कलेक्ट्रेट तक किसानों ने पैदल रैली निकाली। नारे लगाते हुए हाथों में तख्तियां लेकर चल रहे थे। कलेक्ट्रेट पहुंचकर किसान जमीन पर बैठ गए और प्रशासन के खिलाफ नाराजगी जताई। 
    प्रदर्शन का नेतृत्व करते हुए करणी सेना परिवार प्रमुख जीवन सिंह शेरपुर ने कहा कि जब फसल पूरी तरह खराब हो चुकी है। किसान पूरी तरह खेती पर निर्भर हैं। पटवारी वास्तविक स्थिति छिपा रहे हैं और केवल 70 प्रतिशत नुकसान दर्शा रहे हैं, जबकि खेतों में फसल पूरी तरह खत्म हो चुकी है। अब सर्वे का कोई औचित्य नहीं है। किसानों को तुरंत मुआवजा मिलना चाहिए। यदि मांगे पूरी नहीं हुईं, तो करणी सेना प्रदेशभर में बड़ा आंदोलन करेगी। किसानों ने एसडीएम आर्ची हरित को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। इस दौरान तहसीलदार ऋषभ ठाकुर और भारी पुलिस बल मौके पर मौजूद रहा।

    100 फसल नष्ट, बीमा कंपनी कर रही परेशान

    इस दौरान जीवन सिंह सहित वक्ताओं ने कहा कि जिले में सोयाबीन की फसल पीले मौजक और अधिक बारिश से 100% नष्ट हो चुकी है। सर्वे बारिश के दौरान होना था, अब किसानों को 11,000 से 12,500 रुपये प्रति बीघा का मुआवजा खातों में जमा किया जाए। लंबित बीमा दावों का निपटारा भी मंजूर किया जाए। कंपनियां बार-बार पॉलिसी नंबर मांगकर किसानों को परेशान कर रही हैं। पंचायत स्तर पर बीमा अधिकारी नियुक्त होने चाहिए।

    जानवरों के लिए योजना, बिजली मिले मुफ्त

    ज्ञापन में कहा गया कि सोयाबीन का भाव लागत के अनुसार तय हो। वर्तमान में खेती नुकसान का सौदा है। लागत मूल्य भी नहीं निकलता है। खाद वितरण केंद्र जिले में हर 15-20 गांवों के बीच नगद खाद वितरण केंद्र खोले जाएं और सभी किसानों को खाद उपलब्ध कराया जाए। प्याज और लहसुन का निर्यात पूरे वर्ष चालू रखा जाए। कर्ज माफी और सस्ता ऋण, ब्याज दरें घटाने आदि की भी मांग की। खेती के लिए बिजली निशुल्क हो किसानों को दिन के समय पर्याप्त बिजली मिले और कुओं के ट्रांसफॉर्मर जलने पर 24 घंटे में बदले जाएं। जंगली सूअर और रोजड़ा से बचाव इनसे फसलें चौपट हो रही हैं। शासन कार्ययोजना बनाए।

    किसानों ने दिया खर्च का ब्यौरा

    इस दौरान किसानों ने लिखित में खर्च भी बताया। इसमें कहा कि प्रति बीघा सोयाबीन उगाने के लिए 
    जुताई व बुआई: 500
    बीज: 1,750
    खाद: 850
    बीज उपचार: 250
    खरपतवार नाशक: 800
    इल्ली की दवाई 3,000
    कटाई मजदूरी: 2,500
    निकालने का खर्च: 1,500
    मंडी/घर तक ले जाना: 1,000
    कुल लागत: 12,550 प्रति बीघा

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    Fri, 12 Sep 2025 15:34:05 +0530 Moderator
    "शिवराज सिंह चौहान ने वीडियो में बताया नम्बर, किसान शिकायतें लेकर बेहाल, वैज्ञानिकों के पैरों तले जमीन खिसकी, क्यों मची है किसान हेल्पलाइन पर अफरातफरी" https://newsmpg.com/shivraj-singh-chouhan-helpline-kisan-pareshaan-vaigyanik https://newsmpg.com/shivraj-singh-chouhan-helpline-kisan-pareshaan-vaigyanik नई दिल्ली @newsmpg। बेमौसम बारिश और फसलों को हो रही बीमारियों ने देशभर के हजारों किसानों को आफत में डाल ही दिया है, लेकिन अब केंद्रीय किसान हेल्पलाइन पर वैज्ञानिकों के पैरों तले भी जमीन खिसक रही है। ये हम नहीं खुद एक वैज्ञानिक कह रही हैं। 
    दरअसल रतलाम जिले के आलोट विकासखंड के किसान मानकुंवर और राष्ट्रीय किसान सलाहकार हेल्पलाईन पर बैठी एक महिला (वैज्ञानिक) के बीच हुई बातचीत सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है। 

    इसमें किसान कह रहा है कि देश के कृषि मंत्री खुद वीडियो में ये नंबर बताकर किसानों को अपनी शिकायत इसपर दर्ज करने के लिए कह रहे हैं, इसलिए हम यहां फोन कर रहे हैं। दूसरी ओर से महिला वैज्ञानिक उन्हें कह रही हैं कि यहां केवल वैज्ञानिक बैठे हैं जिन्हें शिकायत दर्ज करने का अधिकार नहीं है। 

    नहीं समझ  आ रहा मंत्रीजी ने ऐसा क्यों किया

    महिला यहां तक कह रही हैं कि दो दिन से किसान लगातार फोन कर रहे हैं जिससे हमें सांस लेने की फुरसत भी नहीं मिल रही है। वे बोल रही है कि यहां सालों से किसानों को कृषि संबंधी सलाह वैज्ञानिकों द्वारा दी जाती हैं, लेकिन अब शिकायत के लिए आ रहे कॉल के कारण हमारे पैरों जमीन खिसक गई है। वे यह भी बोल रही है कि वे किसानों को गलत नहीं मान रही हैं क्योंकि ट्वीट और वीडियो के कारण वे भ्रमित हो रहे हैं, लेकिन मंत्री जी ने ऐसा क्यों किया उन्हें भी सम­ा नहीं आ रहा है। 

    सुनिये पूरी वायरल रिकार्डिंग :- 

    (यह आॅडियो वायरल हो रहा है, लेकिन इसकी सत्यता की पुष्टि पोर्टल नहीं करता है)

    आफिस आफ शिवराज से नंबर जारी

    दरअसल ट्विटर पर आफिस आफ शिवराज नाम से बने आॅफिशियल पेज पर केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के एक वीडियो के साथ पोस्ट की गई है। इसमें लिखा है कि आपकी कोई भी समस्या या शिकायत हो तो टोल फ्री नम्बर 18001801551  पर सा­ाा करें।

    वीडियो में केंद्रीय मंत्री यही नम्बर दोहराते हुए भी दिख रहे हैं। कई किसान नीचे कमेंट करके बता भी रहे हैं कि ये नम्बर केवल सलाह के लिए कांग्रेस के समय से चल रहा है। 

    गूगल पर भी हर ओर यही नम्बर

    इतना ही नहीं बल्कि गूगल या एआई टूल से सर्च करने पर भी किसानों के लिए किसी भी सलाह, शिकायत के लिए यही हेल्पलाइन नम्बर दिखाया जा रहा है। इसी तरह देशभर में चलने वाले कई बड़े कृषि पोर्टल, न्यूज पोर्टल पर भी यही नम्बर और इसपर सभी समस्या और शिकायत दर्ज करने की बात कही जा रही है। शिकायत दर्ज करने के लिए कोई भी अन्य नम्बर सरलता से इंटरनेट पर भी दिखाई नहीं दे रहा है। ऐसे में देशभर के न केवल किसान बल्कि वैज्ञानिक भी परेशान हैं। हजारों किसान अब फसल बीमा और अन्य समस्याओं के लिए इस नम्बर कर फोन कर रहे हैं। 

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    Tue, 19 Aug 2025 17:23:33 +0530 newsmpg
    पीला मोजेक से सोयाबीन की फसल हो रही बर्बाद &परेशान किसान पहुँचे कलेक्टर के पास https://newsmpg.com/Soyabeen-Crop-is-being-damaged-by-Yellow-Mozaic-virus https://newsmpg.com/Soyabeen-Crop-is-being-damaged-by-Yellow-Mozaic-virus रतलाम@Newsmpg। जिले के कई गाँवों में किसानों द्वारा बोई गई सोयाबीन की फसल इस बार पीले मोजेक रोग की चपेट में आकर बबार्दी की कगार पर पहुँच गई है। सोमवार को भारतीय किसान संघ के बैनर तले बोदीना, सैलाना, करिया और आसपास के किसान कलेक्टरेट पहुँचे और कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपकर प्रभावित किसानों को उचित मुआवजा और फसल बीमा योजना का लाभ दिलाने की माँग की।
    किसानों का कहना है कि बोआई के बाद से ही बारिश में आई अनियमितता और कीटों के प्रकोप के चलते पीले मोजेक ने फसल को बुरी तरह प्रभावित किया है। खेतों में पौधों की पत्तियाँ पीली पड़कर सूख रही हैं, जिससे दाने बनना बंद हो गया है। कई जगह 50 से 70 प्रतिशत तक फसल बर्बाद होने की आशंका है।

    पत्तियां हुई पीली, नहीं बनेगा दाना

    कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, पीला मोजेक एक विषाणु जनित रोग है जो मुख्यत: सफेद मक्खी के माध्यम से फैलता है। इस रोग में पौधों की पत्तियाँ हल्की पीली होकर धीरे-धीरे पूरे पौधे को प्रभावित कर देती हैं। पौधे का विकास रुक जाता है और दाना बनने की प्रक्रिया बाधित हो जाती है। समय पर उपचार न होने पर पूरी फसल चौपट हो सकती है।

    किसानों की माँग

    ज्ञापन में किसानों ने माँग की कि कृषि विभाग तत्काल सर्वे कर प्रभावित खेतों का आकलन करे और बीमा कंपनियों से संपर्क कर किसानों को फसल बीमा योजना के तहत लाभ दिलवाए। इसके अलावा राज्य सरकार से विशेष राहत पैकेज की माँग भी की गई है। किसानों के अनुसार समय पर निरीक्षण नहीं होने से बाद में बीमा कंपनियां अधिकतर किसानों को लाभ देने में आनाकानी करती हैं। भारतीय किसान संघ के जिला पदाधिकारियों ने प्रशासन से तत्काल निरीक्षण प्रारंभ करवाने की मांग की।

    Read More रतलाम में रक्षाबंधन पर चोरों का तांडव: तीन सूने घरों में सेंध, जेवर-नकदी पर हाथ साफ https://newsmpg.com/ratlam-rakshabandhan-chori-three-houses-jewellery-cash-stolen

    पीला मोजेक वायरस क्या है?

    यह एक वायरस है जो सोयाबीन की फसल में पीलिया (पीले धब्बे) का कारण बनता है। यह मुख्य रूप से सफेद मक्खी नामक कीट द्वारा फैलता है। विशेषज्ञों के मुताबिक इसका मुख्य लक्षण: पत्तियों पर पीले धब्बे या चित्तीदार पैटर्न है। 
    इससे पौधों की वृद्धि रुक जाती है। पत्तियाँ मुड़ जाती हैं और विकृत हो जाती हैं. फसल की पैदावार कम हो जाती है। अंत में उत्पादन में कमी हो जाती है।

    नियंत्रण कैसे करें

    कृषि विभाग के अनुसार जहां भी खेतों में ऐसी दिक्कत प्रारंभ हुई है वहां सबसे पहले संक्रमित पौधों को खेत से हटाना चाहिए। इसके साथ ही कीटनाशकों का उपयोग और नियमित रूप से फसल की निगरानी करना चाहिए। 

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    Mon, 11 Aug 2025 15:56:13 +0530 newsmpg
    बिग बॉस 19 में होगी राजनीति, दो टीमों में बंटेंगे घरवाले, बनेगी सरकार&चुने जाएंगे मंत्री https://newsmpg.com/बिग-बॉस-19-में-होगी-राजनीति-दो-टीमों-में-बंटेंगे-घरवाले-बनेगी-सरकार-चुने-जाएंगे-मंत्री https://newsmpg.com/बिग-बॉस-19-में-होगी-राजनीति-दो-टीमों-में-बंटेंगे-घरवाले-बनेगी-सरकार-चुने-जाएंगे-मंत्री Tue, 05 Aug 2025 15:39:13 +0530 newsmpg आखिर क्या था Malegaon Blast Case? https://newsmpg.com/आखिर-क्या-था-malegaon-blast-case https://newsmpg.com/आखिर-क्या-था-malegaon-blast-case Thu, 31 Jul 2025 15:44:44 +0530 newsmpg ट्रंप के टैरिफ बम से क्या बढ़ जाएगी iPhone की कीमत, बिगड़ जाएगा बाजार&भाव https://newsmpg.com/ट्रंप-के-टैरिफ-बम-से-क्या-बढ़-जाएगी-iphone-की-कीमत-बिगड़-जाएगा-बाजार-भाव https://newsmpg.com/ट्रंप-के-टैरिफ-बम-से-क्या-बढ़-जाएगी-iphone-की-कीमत-बिगड़-जाएगा-बाजार-भाव Thu, 31 Jul 2025 15:44:44 +0530 newsmpg Mumbai Airport पर रनवे से फिसला Air India का विमान https://newsmpg.com/mumbai-airport-पर-रनवे-से-फिसला-air-india-का-विमान https://newsmpg.com/mumbai-airport-पर-रनवे-से-फिसला-air-india-का-विमान Mon, 21 Jul 2025 15:28:05 +0530 newsmpg अब स्कूल में ही होगा Aadhaar अपडेट, UIDAI का बड़ा फैसला https://newsmpg.com/अब-स्कूल-में-ही-होगा-aadhaar-अपडेट-uidai-का-बड़ा-फैसला https://newsmpg.com/अब-स्कूल-में-ही-होगा-aadhaar-अपडेट-uidai-का-बड़ा-फैसला Mon, 21 Jul 2025 15:28:05 +0530 newsmpg जमीन खरीदने के लिए रखे ₹30 लाख बाढ़ में बह गए https://newsmpg.com/जमीन-खरीदने-के-लिए-रखे-30-लाख-बाढ़-में-बह-गए https://newsmpg.com/जमीन-खरीदने-के-लिए-रखे-30-लाख-बाढ़-में-बह-गए Sun, 06 Jul 2025 15:49:48 +0530 newsmpg राजा जनमेजय को क्यों मिला था कुतिया से श्राप, कैसे सामने आई महाभारत की गाथा? https://newsmpg.com/राजा-जनमेजय-को-क्यों-मिला-था-कुतिया-से-श्राप-कैसे-सामने-आई-महाभारत-की-गाथा https://newsmpg.com/राजा-जनमेजय-को-क्यों-मिला-था-कुतिया-से-श्राप-कैसे-सामने-आई-महाभारत-की-गाथा Sun, 06 Jul 2025 15:49:47 +0530 newsmpg साहब, मेरी डेढ़ बीघा जमीन चोरी हो गई !  & भटक रहा आदिवासी किसान, आज भी है जमीन, लेकिन हो गई गायब  https://newsmpg.com/1.5-bigha-land-stolen-Tribal-farmer-is-wandering-he-still-has-the-land-but-it-has-disappeared https://newsmpg.com/1.5-bigha-land-stolen-Tribal-farmer-is-wandering-he-still-has-the-land-but-it-has-disappeared रतलाम साहब 1947 से मेरे दादा, मेरे पिता और फिर मेरी जमीन थी। 1956 से आज तक के कागजों पर भी हैं, लेकिन अब चोरी हो गई। ये किसी फिल्म का डॉयलाग नहीं है। ये रतलाम जिले के एक आदिवासी किसान का सच है जो उसने अधिकारियों, नेताओं के सामने कई बार दोहराया है। 
    मामला टप्पा तहसील मूंदड़ी की ग्राम पंचायत कनेरी के गांव घोड़ाखेड़ा का है। हेमराज पिता लच्छा खदेड़ा ने बताया कि उसके हक की करीब साढ़े पांच बीघा जमीन घोड़ाखेड़ा में है। 1956 से अब तक रजिस्ट्री, पावती, ग्राम पंचायत के रिकार्ड में जमीन पहले उसके पिता और फिर उसके नाम दर्ज है। उसका कोई भाई नहीं है और दो बेटे, दो बेटियां हैं जिनमें से एक अलग रहता है, दूसरा छोटा है। इसी जमीन पर उसकी एक झ­ोपड़ी है और बाकि पर वह खेती करके गुजारा करता है। परंतु कुछ वर्ष पहले समाज के व्यक्ति ने जमीन के किनारे छोटी से झ­ोपड़ी बना ली। इसपर खदेड़ा ने आपत्ति ली, लेकिन व्यक्ति ने अपनी मजबूरी बताई तो उसने झ­ोपड़ी नहीं हटाई। धीरे-धीरे वहां दूसरे व्यक्ति ने रिश्तेदार के कहने पर झ­ोपड़ी बना ली और फिर इनके बच्चे और रिश्तेदार आ गए जिससे 5 ­झोपड़ी बन गई।

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    बीमार हुआ तब से गायब है जमीन 

    खदेड़ा ने कहा कि जब उसने आपत्ति ली तो पांचों ने एकमत होकर उसी के रिश्तेदार के कहने पर उससे विवाद करना और बच्चों और उसे जान से मारने की धमकी देना प्रारम्भ कर दिया। इसपर खदेड़ा ने 2023 में कलेक्टर कार्यालय में आवेदन देकर जमीन का सीमांकन करने और अतिक्रमणकर्ताओं को जमीन से हटाने की गुजारिश की। परंतु उसके आवेदन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसी बीच वह अत्याधिक बीमार हो गया और उसे रतलाम और फिर दाहोद अस्पताल भर्ती रहना पड़ा। इसका फायदा उठाते हुए तीन लोगों ने झ­ोपड़ी के स्थान पर पक्के मकान बना लिए। उसकी करीब डेढ़ बीघा जमीन पर पांच लोगों का कब्जा हो गया है। हैरानी की बात यह है कि आवेदन पर उन्हें हल्का पटवारी ने जवाब दिया कि जमीन गायब हो चुकी है, अब कुछ नहीं हो पाएगा। 

    ढ़ाई साल से सीमांकन के लिए भी भटक रहा

    स्वस्थ होने के बाद 2024 में खदेड़ा ने दोबारा कलेक्टर और एसपी कार्यालय में आवेदन देकर सीमांकन और विवाद करने पर कार्यवाही की मांग की। खदेड़ा ने बताया कि अब तक वह लगातार आवेदन दे रहा है लेकिन आज तक सीमांकन नहीं किया गया। इस बीच अतिक्रमणकर्ताओं का कब्जा बढ़ता जा रहा है। मई में उसने फिर से सीमांकन और अतिक्रमण हटाने के लिए आवेदन दिया है, लेकिन जून अंत कोई जवाब नहीं मिला है। 

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    Sat, 28 Jun 2025 19:13:56 +0530 newsmpg
    दिल्ली, मुंबई, लखनऊ, पटना समेत इन बड़े शहरों में 24 मार्च का सहरी और इफ्तार टाइमिंग https://newsmpg.com/दिल्ली-मुंबई-लखनऊ-पटना-समेत-इन-बड़े-शहरों-में-24-मार्च-का-सहरी-और-इफ्तार-टाइमिंग https://newsmpg.com/दिल्ली-मुंबई-लखनऊ-पटना-समेत-इन-बड़े-शहरों-में-24-मार्च-का-सहरी-और-इफ्तार-टाइमिंग Sun, 23 Mar 2025 17:09:15 +0530 newsmpg सावधान! UGC ने फर्जी डिग्री को लेकर जारी किया जरूरी नोटिस, देखें अवैध संस्थानों की लिस्ट https://newsmpg.com/सावधान-ugc-ने-फर्जी-डिग्री-को-लेकर-जारी-किया-जरूरी-नोटिस-देखें-अवैध-संस्थानों-की-लिस्ट https://newsmpg.com/सावधान-ugc-ने-फर्जी-डिग्री-को-लेकर-जारी-किया-जरूरी-नोटिस-देखें-अवैध-संस्थानों-की-लिस्ट Sun, 23 Mar 2025 17:09:15 +0530 newsmpg सावधान : रतलाम शहर में हो सकती है दूध की सप्लाई बंद, किसानों ने किया ऐलान, बैठक में क्या हुआ तय जानिए https://newsmpg.com/Milk-prices-to-hike-very-soon-may-increase-by-5-to-10-rupees-per-litre-for-comman-people https://newsmpg.com/Milk-prices-to-hike-very-soon-may-increase-by-5-to-10-rupees-per-litre-for-comman-people रतलाम @newsmpg।  दूध के भाव में एक बार फिर उबाल आने वाला है। दुग्ध उत्पादक और वितरकों में भाव को लेकर ठन गई है। दुग्ध उत्पादको ने चेतावनी दी है , दाम में इजाफा नही किया तो सप्लाई बंद कर देगें। 
    रतलाम क्षेत्र के दूध उत्पादक किसानों की बैठक मंगलवार को  हुई। किसानों ने 5 रुपए प्रति लीटर दूध के भाव बढ़ाने का निर्णय लिया। बैठक में रतलाम ग्रामीण क्षेत्र के भाटी बडोदिया, सागोद, मूंदडी, बाजेड़ा ,कलोरी समेत 20 से अधिक गांव के दूध उत्पादक शामिल हुए। बैठक में निर्णय लिया है कि 1 मार्च से 55  रुपए प्रति लीटर के मूल्य पर दूध विक्रेताओं को देंगे। वर्तमान में दूध उत्पादकों द्वारा 51 से 52 रुपए प्रति लीटर में विक्रेताओं को दूध दिया जा रहा है, जो बाजार में 55 से 60 रुपए प्रति लीटर के भाव में बिक रहा है। बैठक में किसान और मवेशी पालकों ने निर्णय लिया कि यदि दूध के दाम बढ़ाने की मांग नहीं मानी जाती है तो दुग्ध उत्पादक किसान हड़ताल करेंगे।


    जनता को नही होने देगें परेशानी
    दूध उत्पादक बाबूलाल चौधरी मुंदड़ी ने बताया कि पिछले भी दूध के भाव बढ़ाने को लेकर सहमति नही बन पाई थी। डेयरी एवं दूध वितरक संघ ने गर्मी में चार रूपए बढ़ाने का आश्वासन दिया था। अभी तक भाव नही बढ़ने पर हमने 1 मार्च से 5 रूपए भाव बढ़ाने का निर्णय लिया है। अगर दूध वितरक एवं डेयरी वाले हमारे भाव को स्वीकार नही करते है तो हम इन्हे दूध की सप्लाई बंद कर देगें। श्री चौधरी ने की हम इसके बावजूद लोगो को परेशानी नही होने देगें। प्रत्येक गांव से किसान दूध लेकर शहर पहुंचेगें और जनता को सीधे अच्छी गुणवत्ता का दूध कम दाम में उपलब्ध कराएगें। 
     


    इसलिए भाव बढ़ाना जरूरी 
    दूध उत्पादक संघ के पदाधिकारियों ने कहा हम 2 साल से दूध के दाम बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। हर बार उन्हें सिर्फ आश्वासन दिया जा रहा है। तब से दूध उत्पादक घाटा सहन कर रहे है।  दुधारू पशुओ से लगाकर खल, कपास्या, भूसा सभी चीज के दाम बढ़ गए हैं। पशुओ के  चारे के दाम आसमान छू रहे हैं।  ऐसे में दूध उत्पादकों के लिए भी दूध का दाम बढ़ाना जरूरी है। बैठक में दूध उत्पादक संघ के अध्यक्ष बाबूला चौधरी, ईश्वर लाल, मुन्नालाल , निरजंन कलोरी, प्रदीप चंदोड़िया, हीरालाल गुर्जर, विनोद डाबड़ी सहित अन्य दूध उत्पादक किसान मौजूद थे। 

    भाव बढ़ने पर जनता पर होगा असर
    शहर के बाजार में वर्तमान में दूध उत्पादक किसान 50 से 52 रुपए प्रति लीटर में विक्रेताओं को दूध दे रहे हैं और आम जनता को यह दूध 55 रुपए प्रति लीटर के भाव में मिल रहा है। दुग्ध उत्पादकों की मांग के अनुसार भाव 60 रुपए प्रति लीटर होता है तो आम जनता को भी महंगाई का झटका लगेगा और दूध के दाम 65 रुपए प्रति लीटर तक हो सकते हैं।

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    Tue, 25 Feb 2025 15:30:48 +0530 newsmpg
    बरेली कोर्ट का बड़ा फैसला, 10 वर्षीय लड़की की मर्डर के दोषियों को उम्रकैद https://newsmpg.com/बरेली-कोर्ट-का-बड़ा-फैसला-10-वर्षीय-लड़की-की-मर्डर-के-दोषियों-को-उम्रकैद https://newsmpg.com/बरेली-कोर्ट-का-बड़ा-फैसला-10-वर्षीय-लड़की-की-मर्डर-के-दोषियों-को-उम्रकैद Sat, 22 Feb 2025 14:39:04 +0530 newsmpg हल्ला बोल: महाकुंभ में बन रहे नए&नए रिकॉर्ड, संगम में पानी की शुद्धता को लेकर सियासत तेज https://newsmpg.com/हल्ला-बोल-महाकुंभ-में-बन-रहे-नए-नए-रिकॉर्ड-संगम-में-पानी-की-शुद्धता-को-लेकर-सियासत-तेज https://newsmpg.com/हल्ला-बोल-महाकुंभ-में-बन-रहे-नए-नए-रिकॉर्ड-संगम-में-पानी-की-शुद्धता-को-लेकर-सियासत-तेज Sat, 22 Feb 2025 14:39:04 +0530 newsmpg राहुल गांधी ने BJP की नीतियों पर लगाए आरोप, विपक्षी एकता पर दिया जोर https://newsmpg.com/राहुल-गांधी-ने-bjp-की-नीतियों-पर-लगाए-आरोप-विपक्षी-एकता-पर-दिया-जोर https://newsmpg.com/राहुल-गांधी-ने-bjp-की-नीतियों-पर-लगाए-आरोप-विपक्षी-एकता-पर-दिया-जोर Thu, 20 Feb 2025 16:27:58 +0530 newsmpg Delhi विधानसभा के लिए स्पीकर&डिप्टी स्पीकर के नाम तय https://newsmpg.com/delhi-विधानसभा-के-लिए-स्पीकर-डिप्टी-स्पीकर-के-नाम-तय https://newsmpg.com/delhi-विधानसभा-के-लिए-स्पीकर-डिप्टी-स्पीकर-के-नाम-तय Thu, 20 Feb 2025 16:27:58 +0530 newsmpg UP: अस्पताल में भर्ती टीबी के मरीज ने खिड़की से कूदकर दी जान, 8 महीनों से था बीमार https://newsmpg.com/up-अस्पताल-में-भर्ती-टीबी-के-मरीज-ने-खिड़की-से-कूदकर-दी-जान-8-महीनों-से-था-बीमार https://newsmpg.com/up-अस्पताल-में-भर्ती-टीबी-के-मरीज-ने-खिड़की-से-कूदकर-दी-जान-8-महीनों-से-था-बीमार Fri, 06 Dec 2024 15:20:21 +0530 newsmpg कुएं में गिरा घोड़ारोज, खाली हाथ पंहुचा वन विभाग का अमला, लेकिन ये जुगत लगाकर जीव प्रेमियों ने बाहर निकाला https://newsmpg.com/Neelgay-fell-into-a-well-forest-department-staff-reached-empty-handed-but-animal-take-it-out https://newsmpg.com/Neelgay-fell-into-a-well-forest-department-staff-reached-empty-handed-but-animal-take-it-out
    रतलाम @newsmpg। सर्द हवाओं के बीच जिले के ग्राम करमदी में ग्रामीणों और जीव प्रेमियों ने एक बार फिर से मानवता की गर्माहट से एक जीवन बचा लिया। रविवार सुबह गांव में ही एक खेत में बने कुएं में मादा घोड़ारोज (नीलगाय) गिर पड़ा। किसान ने जब इसे देखा तो ग्रामीणों के साथ ही वन विभाग और रतलाम के जीव मित्रों की भी सूचना दी गई। हर बार की तरह वन विभाग की टीम न काफी संसाधन के साथ पंहुची, लेकिन सभी ने ट्रैक्टर, रस्सियों और साहस के साथ जुगत लगाकर किसी तरह जीव को बचाकर निकाल लिया। 

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    करमदी में किसान ओकांरलाल पाटीदार सुबह करीब 11 बजे अपने खेत पर पंहुचे तो उन्हें कुएं के अंदर से गिरी जीव को कराहने की आवाज सुनाई दी। उन्होंने जाकर देखा तो घोड़ारोज अंदर गिर हुआ दिखा तो बाहर आने की कोशिश में असफल हो रहा था। पाटीदार ने अपने परिवार के साथ ही समाजसेवी और किसान नेता राजेश पुरोहित को भी सूचना दी। 

    गांव के कई लोग कुछ ही मिनटों में कुएं तक पंहुच गए लेकिन भारी भरकम जानवर को निकालने के लिए रास्ता नहीं सू­ाा। इस बीच गांव की सरपंच निष्ठा पाटीदार ने वन विभाग और रतलाम के जीव मित्रों को भी सूचना दी। रतलाम के आर्यन राठौड़ और उनके दोस्त गांव पंहुचे जहां वन विभाग से भी दो कर्मचारी मौके पर पंहुच गए। हालांकि इन कर्मचारियों के पास संसाधन के नाम पर कुछ भी उपलब्ध नहीं था। उन्होंने बताया कि रविवार का अवकाश होने से किसी भी प्रकार के रेसक्यू साधन का इस्तेमाल करने में और भी घंटे या संभवत: पूरा दिन चला जाएगा। 

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    साहस के साथ उतरे कुएं में और खींचा

    जब काफी देर तक कोई रास्ता नहीं निकला तो बढ़ती ठंड में रात के वक्त जानवर के कुएं में पड़े रहने को लेकर ग्रामीण भी परेशान हो गए। इस बीच आर्यन राठौड़ ने कुएं में उतरकर घोड़ारोज की कमर पर रस्सी बांधने की बात सु­ााई। किसान ने बाहर से भारी भरकम जानवर को ट्रैक्टर पर रस्सी बांधकर खींचने की बात कही। इसके बाद वन विभाग के कर्मचारी ने कुएं में उतरकर घोड़ारोड की कमर पर रस्सी बांधने का साहस दिखाया। 

    उन्होंने डरे हुए जानवर के हमले की परवाह किए बगैर उसके पास जाकर कमर में फंदा बांधी दिया। रस्सी का दूसरा सिरा ट्रैक्टर में बांधकर घोड़ारोज को बाहर खींच लिया गया जिसके बाद वन विभाग के कर्मचारी को भी रस्सी से ऊपर खींच लिया गया। बाहर आने के बाद जानवर ने बिना कुछ कहे ही इंसानों के प्रति अपनी जान बचाने के लिए खुशी जाहिर की और कुछ देर थकान और डर को दूर करके कुलाचे भरते हुए दौड़ लगा दी।

    Report By- Sikandar Patel 

    Read More - "रतलाम की सड़कें" और  "मौत का कुआं"  - https://newsmpg.com/The-roads-of-Ratlam-and-well-of-death-have-become-synonyms

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    Sun, 24 Nov 2024 19:29:31 +0530 newsmpg
    ​सोने से मुकाबला कर रही है लहसुन, रतलाम मंडी में रिकार्ड भाव में हुई नीलामी , दिपावली बाद के हुए मुहूर्त के सौदे, देखे वीडियो https://newsmpg.com/Garlic-is-competing-with-gold,-auctioned-at-record-price-in-Ratlam-Mandi https://newsmpg.com/Garlic-is-competing-with-gold,-auctioned-at-record-price-in-Ratlam-Mandi


     रतलाम@Newsmpg.com  सफेद चांदी कहलाने वाली लहसुन सोने से मुकाबला करती हुई दिख रही है। रतलाम में गुरूवार को लहसुन मंडी में अब तक के रिकार्ड भाव 71171 रूपए प्रति क्विटंल में बिकी।
    कृषि उपज मंडी में दिवाली के बाद के मुहूर्त सौदे में व्यपारी सांवलिया ट्रेडर्स द्वारा अब तक की सर्वोच्च बोली लगाते हुए ग्राम भटूनी के किसान शंकर सिंह की लहसुन को 71 हजार 171 रूपए प्रति क्विंटल में खरीदा। इसके पूर्व व्यापारियों एवं हम्मालो एवं मंडी के कर्मचारियों ने महूर्त खरीदी की पूजा की। मुहूर्त की खरीदी करने वाले व्यापारी एवं विक्रेता किसान का साफा बांध कर सम्मान भी किया गया।
    उल्लेखनीय है कि इस बार लहसून के भाव आसमान छू रहे हैं। लहसून उत्पादक किसान इससे बेहद खूश है। अभी तेजी से जिले भर में लहसून की बोवनी भी चल रही है। देशी लहसून के मुहूर्त भाव 71 हजार से अधिक मिलने से किसान गदगद हैं। नीलामी के बाद मंडी में चर्चा चल पड़ी कि लहसून सोने से प्रतियोगिता करने में लग गई हैं।

    लिंक पर क्लिक कर वीडियो देखे 

    https://youtube.com/shorts/5EaHfE0dNnw?feature=share

    लहसुन की खेती से नई पहचान 
    रतलाम जिले की  परंपरागत पहचान सेंव एवं गराड़ू के स्वाद, सोने  की शुद्धता और साड़ियों के व्यापार को लेकर है। इसके साथ ही अब लहसुन की खेती से जिले की नई पहचान बन रही है।  आत्मनिर्भर मप्र में एक जिला एक पहचान में सोना, सेंव के साथ लहसुन को भी लिया गया है। इस अभियान में जिले की विशेषता में लहसुन की खेती व उत्पादन को भी चिन्हित किया जा रहा है। जिले के मल्चिंग पद्धति से खेती करने के चलते किसानों को 30 फीसदी अधिक उत्पादन मिल रहा है। एक एकड़ में डेढ़ लाख रुपये तक का मुनाफा हो रहा है। जिले के रतलाम, पिपलौदा, जावरा और आलोट ब्लॉक में सर्वाधिक किसान इस पद्धति से लहसुन की खेती कर रहे हैं।  सोयाबीन की फसल काटकर किसान लहसुन लगाने में लगे हैं।


    मल्चिंग खेती की तरफ बड़ा रूझान
    मल्चिंग खेती के लिए खेत तैयार करने के बाद ट्रैक्टर की सहायता से मल्चिंग मशीन को खेत में उतारा जाता है। चार फीट चौड़ी क्यारी बनाकर ड्रिप लाइन फिट कर इसके ऊपर मशीन की सहायता से पूरे खेत में प्लास्टिक बिछाई जाती है। इसके बाद मशीन रोलर की सहायता से 6-6 इंच की दूरी पर छेद कर लहसुन के पौधे लगाए जाते हैं। यही विधि टमाटर, खीरा, मिर्च, तरबूज, बैंगन सहित अन्य हाईब्रिड फसलों में अपनाई जाती है। एक बीघा  खेत में 25 हजार रुपये तक लागत आती है।

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    Thu, 07 Nov 2024 16:21:13 +0530 newsmpg
    डीपी से भरे ट्रैक्टर पंहुचे कलेक्ट्रेट, जमीन पर बैठे किसानों ने लगाई गुहार  https://newsmpg.com/Farmers-protest-at-Ratlam-reached-collector-office-to-demonstrate-protest-against-electricity-company https://newsmpg.com/Farmers-protest-at-Ratlam-reached-collector-office-to-demonstrate-protest-against-electricity-company
    रतलाम @newsmpg.com । एक तरफ खेतों में लहसुन, गेंहू की सिंचाई शुरु हो गई है, दूसरी तरफ किसान बिजली नहीं मिलने से परेशान होकर धरने पर बैठे हैं। रतलाम जिले के गांव चितावाद के किसानों ने डीपी ट्रांसफार्मर को लेकर मंगलवार को कलेक्ट्रेट में धरना दिया। 
    धरने पर बैठे किसानों से एडीएम अनिल भाना मिलने आए। किसानों ने उनसे कहा कि ट्रांसफार्मर लेने जाने पर 5 10 दिन की वेटिंग बताते हैं। अधिकारी पैसे की मांग करते हैं। किसानों को ट्रांसफार्मर मिल नहीं रहे और खेतों को सिंचाई का पानी। रतलाम ग्रामीण के जनपद प्रतिनिधि मानवेंद्र सिंह लुनेरा ने बताया की ग्राम पंचायत लुनेरा के गांव चितावाद के किसानों की ट्रांसफार्मर डीपी 1 महीने से बंद पड़ी है। लाइनमैन या अन्य कोई ध्यान नहीं दे रहा है। किसान खुद ही ट्रांसफॉमर को खुलवाकर रतलाम चंबल कॉलोनी लेकर आए। इसके बाद भी उनको 5 दिन की वेटिंग बता कर भेज दिया गया। इस बीच दीपावली की छुट्टी आ गयी। फिर किसान 10 दिन बाद आने का कहकर टाल दिया गया। इसके बाद भी किसानों को वापस जला हुआ ट्रांसफार्मर दे दिया गया। किसानों ने जब गांव पंहुचकर ट्रांसफार्मर लगाया तो चला नहीं। इसपर फिर किसान वापस ट्रांसफार्मर रतलाम लेकर आए तो उसे फिर वेटिंग 10 दिन की बताई गई। 

    की जा रही पैसों की मांग 

    किसानों ने बताया कि बार बार परेशान किया जा रहा है। चंबल कॉलोनी में ट्रांसफार्मर जल्दी देने की ऐवज में किसानों से रुपए की मांग की जाती है। किसान पैसे दे देते हैं तो उनका काम जल्दी कर दिया जाता है। वरना उनको 5-10 दिन की वेटिंग  बता दी जाती है। किसानो की फसल को पानी नही मिलने पर फसल सुख रही हैं और किसानो को नुकसान हो रहा है। किसान बार-बार परेशान होकर वह बार-बार ट्रैक्टर का भाडा देखकर परेशान हो गया है। 

    अधिकारियों को बुलाकर हल करवाई समस्या 

    कलेक्टर आॅफिस में डीपी से भरी ट्रैक्टर ट्राली खड़ी कर किसानों ने प्रदर्शन किया और धरना भी दिया। उनसे चर्चा करते वक्त एडीएम अनिल भाना ने बिजली कंपनी के अधीक्षणयंत्रि ग्रामीण शैलेंद्र गुप्ता को मौके पर बुलाया और किसानों की समस्या बताई। साथ ही किसानों को हाथों हाथों हाथ ट्रांसफार्मर भी दिलवाए। 
    इस मौके पर किसान नेता राजेश पुरोहित, देवेंद्र सिंह सेजावता, योगेंद्र, शरीफ खान, पन्नालाल, प्रभुलाल, राहुल जाट आदि उपस्थित थे। 

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    Tue, 05 Nov 2024 19:00:19 +0530 newsmpg
    खरीफ की फसलों में लग रही बीमारी, तो मत लीजिए टेंशन, विशेषज्ञ बता रहे अचूक उपाय  https://newsmpg.com/Agriculture-specialist-gives-tips-for-farmers-to-combat-crop-diseases-and-problems-in-Khareef-Fasal https://newsmpg.com/Agriculture-specialist-gives-tips-for-farmers-to-combat-crop-diseases-and-problems-in-Khareef-Fasal
    कृषि रिपोर्टर@newsmpg

    भादव का महीना है और देश के मैदानी उत्तरी हिस्सों के खेतों में खरीफ की फसलें लहलहा रही हैं। खासकर राजस्थान, मध्यप्रदेश और गुजरात के खेतों और खलिहानों में इस साल अच्छी बारिश से खरीफ को अच्छी पैदावार की उम्मीद है। हालांकि लगातार बारिश और कीट, पतिंगों के साथ जीवाणु बीमारियों के रूप में किसानों को परेशान भी कर सकते हैं। ऐसे में कृषि विशेषज्ञ और कृषि वैज्ञानिक किसानों के लिए विश्वसनीय सु­ााव बता रहे हैं, जिससे किसान अपनी फसलों को सेहतमंद रखने के साथ अच्छी पैदावार हासिल कर सकते हैं। 

    रतलाम कृषि विभाग की उपसंचालक नीलम सिंह चौहान बताती हैं कि इस मौसम में खरीफ फसल जैसे सोयाबीन, मक्का, कपाल आदि खेतों में खड़ी है। कहीं-कहीं सोयाबीन में सेमी लूपर इडली का आंशिक रूप से प्रकोप दिखाई दे रहा है इसके नियंत्रण आसान है। कृषि विशेषज्ञ डॉ. माणिक मिश्र बताते हैं कि क्लोरेट्रानिलीप्रोएल 18.5 ईसी, 150 मिली लीटर प्रति हेक्टेयर का छिड़काव किया जाना चाहिए। गर्डल बीटल के नियंत्रण के लिए थायोमिथोक्सम 12.60 प्रतिशत+ लेम्ब्डा सायहेलोथ्रिन 9.50 प्रतिशत, 125 मिली लीटर प्रति हेक्टेयर पानी का घोलबनाकर छिड़काव बनाने की सलाह भी दी जाती है। 

    फॉल आर्मी वर्म कीट दिखे तो क्या करें ?

    विशेषज्ञ बताते हैं कि मक्का फसल में फॉल आर्मी वर्म कीट का प्रकोप दिखाई दे रहा है। जिसके नियंत्रण के लिए इमामेक्टिन बेजोएट 5 प्रतिशत एसीजी 0.4 ग्राम प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करने की सलाह दी जा रही है। साथ ही कपास फसल में विल्ट (पौध गलन) की समस्या दिखाई दे रही है जिसके नियंत्रण के लिए कार्बनडाईजिंग 50 प्रतिशत, 500 ग्राम को 300 लीटर पानी में घोल बनाकर कपास के पौधो के आसपास मिट्टी हटाकर छिड़काव करने की सलाह दी गई हैं।

    बारिश को देखते हुए भी जारी की सलाह 

    वर्तमान में लगातार बारिश होने वाले क्षेत्रों में एन्थ्रोकनोज रोग की संभावना अधिक रहती है। इसके प्रारंभिक लक्षण देखे जाने पर कृषको को सलाह दी जाती है कि इसके नियंत्रण हेतु टेबूकोनाजोल 29.9 एउ(625 ट.छ. /ऌंू.) का घोल बनाकर छिड़काव करें। इसके अलावा पीला मोजेक/सोयाबीन मोजेक रोग के लक्षण  दिखने पर प्ररंभिक अवस्था में ही रोग ग्रस्त पौधो को खेत से उखाड़कर नष्ट करें तथा इन रोगों को फैलाने वाले वाहक सफेद मक्खी/एफिड की रोकथाम हेतु थायोमिथाक्सम + लेम्बडा सायलोथ्रिन (125 ट.छ./ऌंू.) घोल बनाकर छिडकाव करने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा किसान सफेद मक्खी के नियंत्रण हेतु अपने खेत में 07-08 स्थानों पर पीला स्ट्रिकी ट्रेप लगाए।

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    Tue, 27 Aug 2024 17:50:35 +0530 newsmpg
    घर की बालकनी या छत पर यूं उगाएं शिमला मिर्च, महंगाई के दौर में होगी पैसों की बचत https://newsmpg.com/घर-की-बालकनी-या-छत-पर-यूं-उगाएं-शिमला-मिर्च-महंगाई-के-दौर-में-होगी-पैसों-की-बचत https://newsmpg.com/घर-की-बालकनी-या-छत-पर-यूं-उगाएं-शिमला-मिर्च-महंगाई-के-दौर-में-होगी-पैसों-की-बचत Wed, 31 Jul 2024 17:16:31 +0530 newsmpg महाराष्ट्र के पूर्व DGP ने किया चुनाव लड़ने का ऐलान! https://newsmpg.com/महाराष्ट्र-के-पूर्व-dgp-ने-किया-चुनाव-लड़ने-का-ऐलान https://newsmpg.com/महाराष्ट्र-के-पूर्व-dgp-ने-किया-चुनाव-लड़ने-का-ऐलान Sat, 27 Jul 2024 13:36:46 +0530 newsmpg मंदसौर में गधों को पहनाई माला और खिलाए गुलाब जामुन, हैरान कर देगी वजह https://newsmpg.com/मंदसौर-में-गधों-को-पहनाई-माला-और-खिलाए-गुलाब-जामुन-हैरान-कर-देगी-वजह https://newsmpg.com/मंदसौर-में-गधों-को-पहनाई-माला-और-खिलाए-गुलाब-जामुन-हैरान-कर-देगी-वजह Fri, 26 Jul 2024 18:27:22 +0530 newsmpg घोड़ारोज यानि नीलगाय पकड़ेगी मध्यप्रदेश सरकार, इस जिले से हुई शुरूआत, विधानसभा में वनमंत्री ने दी जानकारी  https://newsmpg.com/Government-will-catch-Ghodaroz-Nilgai,-it-started-from-this-district,-Forest-Minister-gave-information-in-the-Assembly https://newsmpg.com/Government-will-catch-Ghodaroz-Nilgai,-it-started-from-this-district,-Forest-Minister-gave-information-in-the-Assembly

     रतलाम @newsmpg.com  | नीलगाय यानि घोड़ारोज से किसान त्रस्त है। ऐसे में किसान सरकार से लगातार इनसे मुक्ति दिलाने की गुहार लगा रहे हैं। सरकार द्वारा नीलगाय नियंत्रण के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया हैं। विधानसभा में वनमंत्री ने एक सवाल के जवाब में जानकारी दी हैं। 
    घोड़ारोज उर्फ नीलगाय किसानों के लिए आंतक का पर्याय हो गई हैं। फसलों के दुश्मन इस वन्यप्राणी पर नियत्रंण के लिए सालों से किसान आंदोलनरत हैं। रतलाम जिले सहित प्रदेशभर में ये बड़ी समस्या बन गई हैं।

                                             

    धरमपुरी विधायक कालुसिंह ठाकुर  ने उठाया मुद्दा

    धार जिले के धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र के विधायक कालुसिंह ठाकुर ने शुक्रवार को विधानसभा में जंगली सुअर और नीलगाय से किसानो की फसलों को हो रहे नुकसान का मुद्दा उठाया। एक सवाल के दौरान ठाकुर ने कहा कई वर्षों से अत्यधिक संख्या में घोड़ारोज और जंगली सूअर द्वारा किसानों की फसलों का प्रतिवर्ष भारी मात्रा में नुकसान किया जाता है।  सरकार द्वारा समस्या के निराकरण हेतु क्या प्रयास किये जा रहे है? किसानों और जनप्रतिनिधि द्वारा घोड़ारोज को बेहोश कर वन्यअभयारण्य में छोड़ने और नर घोड़ारोज की नसबंदी हेतु शासन को अवगत कराया गया था?विभाग द्वारा कार्यवाही की गई है? 

    एसडीएम देगें  जंगली सूअरों को मारने की अनुमति 

                                                         


    वन मंत्री श्री नागर सिंह चौहान ने विधानसभा में बताया कि जंगली सूअरों के शिकार  की अनुमति जारी करने हेतु एसडीएम को प्राधिकृत अधिकारी घोषित किया गया है। 
     वन्यप्राणी द्वारा किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचाये जाने पर सहायता राशि का भुगतान यथा संशोधित राजस्व पुस्तक परिपत्र खण्ड छ: क्रमांक-4 के प्रावधानों के तहत किया जाता है। वन्यप्राणियों द्वारा जनहानि/जनघायल/पशुहानि/पशुघायल करने पर शासन द्वारा निर्धारित क्षतिपूर्ति राशि का भुगतान प्रभावित लोगों को किया जाता है। 


    शाजापुर में सबसे पहले पकड़ेगें सौ नीलगाय 
    नीलगाय के संबंध में वनमंत्री नागरसिंह चौहान ने विधानसभा में बताया कि  नीलगाय को पकड़कर अन्यत्र स्थान पर छोड़ने हेतु किसानो ने आवेदन दिया है।पायलट आधार पर प्रायोगिक तौर पर शाजापुर जिले में 100 नीलगाय को पकड़कर अन्यत्र स्थानांतरित करने हेतु अनुमति जारी हुई है। कार्यवाही आगामी शीतऋतु में प्रस्तावित है। इस प्रयोग से परिणाम के गुण-दोष के आधार पर ही अन्य जगह कार्यवाही संभव होगी।  ये प्रयोग सफल रहा तो प्रदेशभर में लागू होने की संभावना बढ़ जाएगी। इससे किसानों को राहत मिलने की उम्मीद जगी हैं।   

                                               

    धाकड़ बोले  किसान बर्बाद हो रहे है ,सरकार प्रयोग में ही लगी 
    इधर, प्रदेश भर में नीलगाय के आंतक को लेकर आंदोलन कर रहे किसान नेता डीपी धाकड़ ने कहा किसान बर्बाद हो रहे है और सरकार अभी तक प्रयोग में ही लगी हुई है। पूर्व में भी मंदसौर जिले से घोड़ारोज को गांधीसागर अभ्यारण में छोड़ने का प्रयोग कर चुके है। इसमें प्रति नीलगाय 36 हजार रूपए का खर्च बताया गया था। सरकार किसानों की चिंता करे और प्रयोग की बजाय बिहार की तर्ज पर घोड़ारोज की समाप्ति का प्रयास करे। 
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    Fri, 05 Jul 2024 15:53:58 +0530 newsmpg
    बेतहाशा गर्मी में भी किसान को न पीने का पानी, न छाया में खड़ा होने का अधिकार &परेशान किसानों ने दिया धरना  https://newsmpg.com/Even-in-this-scorching-heat-farmers-have-neither-drinking-water-nor-the-right-to-stand-in-the-shade--distressed-farmers-stage-a-sit-in-protest https://newsmpg.com/Even-in-this-scorching-heat-farmers-have-neither-drinking-water-nor-the-right-to-stand-in-the-shade--distressed-farmers-stage-a-sit-in-protest
    मंदसौर में मारे गए किसानों को भी दी श्रद्धांजलि 

    रतलाम@newsmpg ।                   बेतहाशा गर्मी में घंटों धूप में अपनी फसल लेकर खड़े रहने के बाद भी  
    फसल कब तुलेगी कोई ग्यारंटी नहीं। इस दौरान न तो छाया मिलेगी, न शेड में जगह। यहां तक कि किसान को पीने का पानी तक नसीब नहीं होगा। मशक्कत के बाद नीलामी होने पर फसल तुल भी गई तो भी उसमें से कटाई करके भुगतान क्वालिटी के नाम पर कम होगा। ये तमाम सारी मुसीबतें रतलाम की कृषि मंडी में किसान रोज उठा रहा है। 
    इन्हीं बातों के साथ महू रोड स्थित कृषि उपज मंडी में किसानों ने गुरुवार को धरना दिया। किसान नेता और जिला पंचायत सदस्य डीपी धाकड़, युवा किसान संघ के जिला अध्यक्ष राजेश पुरोहित करमदी, समरथ पाटीदार, भगवतीलाल पाटीदार आदि के नेतृत्व में सुबह करीब 11 बजे सैकड़ों किसानों की मौजूदगी में धरना प्रारंभ हुआ।इस दौरान मंदसौर में हुए गोलीकांड में मृत किसानों का बैनर लगाकर उन्हें श्रद्धांजलि भी दी गई। किसानों ने नारेबाजी भी की और अपनी मांगों के समर्थन में प्रशासन को भी सूचित किया।

    एसडीएम भी मंडी प्रशासन पर हुए नाराज 

    किसानों के धरने की खबर सोशल मीडिया पर भी वायरल हो गया। इसके बाद दोपहर में एसडीएम संजीव केशव पाण्डेय किसानों से चर्चा करने के लिए धरना स्थल पंहुचे। धरना स्थल पर पहुंचे एसडीएम ने किसानों और किसान नेताओं से चर्चा कर समस्याओं को सुना। एसडीएम ने मंडी सचिव और प्रबंधकों को भी मौकै  पर बुलाकर कड़ी नाराजगी भी जताई। किसानों ने कहा कि जब तक शेड और पेयजल का निरारकरण नहीं होगा तब तक धरना जारी रहेगा। 

    कीड़े, काई से भरी टंकी, पानी नहीं 

    धाकड़ ने बताया कि यह गंभीर लापरवाही है कि इतनी गर्मी के बावजूद मंडी में किसानों को ठंडा पेयजल तक नहीं मिलता है। व्यापारियों के यहां जो पेयजल केन रखी होती है उसमें से हम्माल और तुलावटी आदि पानी पी सकते हैं, लेकिन किसानों को रोक दिया जाता है। मंडी प्रशासन ने जो टंकी बनवाई है उनमें काईं, कीड़े हैं लेकिन पानी नहीं है। नगर निगम ने यहां पाइप लाइन डाल दी हैं, लेकिन उसमें भी पानी सप्लाई आज तक नहीं होता है। पुरोहित और पाटीदार ने बताया कि मंडी के सभी शेड में व्यापारियों का पूरी तरह कब्जा है। बारिश या कड़ी धूप में किसानों को एक ट्राली या ट्रैक्टर तक खड़ा करने की कहीं भी जगह नहीं होती है। किसानों ने मांग की शेड खाली करने के लिए कई वर्षों से मौखिक आश्वासन मिल रहे हैं, लेकिन कार्यवाही नहीं होती। 

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    Thu, 06 Jun 2024 17:09:57 +0530 newsmpg
    कलेक्ट्रेट में संयुक्त कलेक्टर के कदमों में गिर पड़े किसान नेता और कर दी बड़ी मांग, जानिए ,ऐसा क्या हो गया कि किसान को गिरना पड़ा कदमों में ... https://newsmpg.com/Farmer-fell-at-the-feet-of-the-officer-to-express-their-problem-know-why-he-had-to-do-this https://newsmpg.com/Farmer-fell-at-the-feet-of-the-officer-to-express-their-problem-know-why-he-had-to-do-this

    रतलाम @newsmpg। भाजपा को किसानों के लिए किए गए वादों को याद दिलाने और किसानों की समस्याओ को लेकर कांग्रेस ने राज्यपाल के नाम सयुंक्त कलेक्टर अनिल भाना को दिया। इस दौरान किसान नेता राजेश पुरोहत ने संयुक्त कलेक्टर के पैरो मे गिर कर किसानों की समस्याओ को हल करने का निवेदन किया। 

    जिला कांग्रेस अध्यक्ष कैलाश पटेल के नेतृत्व में कांग्रेसी और अन्य किसान नेताओ ने कलेक्ट्रेट में नारेबाजी कर ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में मांग की गई कि भाजपा सरकार ने विधानसभा चुनाव के पहले गेंहू का समर्थन मुल्य 2700 रूपए करने का वादा अपने घोषणा पत्र में किया था। उसके बाद सरकार आते ही सरकार वादे से मुखर गई और किसानो के गेंहू औने पौने दाम पर मंडियों में बिक रहे है। समर्थन मुल्य के लिए पोर्टल पर पंजीयन नही हो पा रहे है। किसान परेशान हो रहे है लेकिन कोई सुनने वाला नही है। आॅनलाईन सेन्टर पर सर्वर डाउन होने की वजह से गेहूँ के पंजीयन नहीं हो पा रहे है, प्रशासन स्तर पर उचित व्यवस्था करें। 

    स्वामीनाथन समिति की सिफारिशे हों लागू 

    ज्ञापन में कहा गया कि किसानों और कृषि के कल्याण के लिये स्वामीनाथन समिति की सिफारिशों को तत्काल प्रभाव से लागू करें। भाजपा की सरकार द्वारा एक तरफ तो स्वामीनाथनजी को भारत रत्न दिया जा रहा है और दूसरी ओर उनकी किसानों के लिये लागू की जाने वाली कृषि कल्याण की नितियों को लागू नहीं कर दोहरी राजनीति की जा रही है। रतलाम जिले में जंगली जानवर घोड़ारोज, सुअर इत्यादि किसानों की फसल को बर्बाद कर रहे है कृषि और किसानों को बचाने के लिये इन समस्याओं से निजात पाने के में लिये उचित कदम उठाए। कांग्रेस ने चतावनी दी है कि मांगे नहीं मानी गई तो 11 मार्च 2024 को कृषि उपज मण्डी धरना प्रदर्शन किया जावेगा। 

    किसान नेता संयुक्त कलेक्टर के कदमों में गिरे

    ज्ञापन देने के दौरान प्रसिद्ध किसान नेता और रक्तमित्र राजेश पुरोहित भावुक हो गए । उन्होने कहा किसान लगातार परेशान है। हम लोग किसानो की समस्याओ को हल करने जब आंदोलन करते है तो आप लोग किसान और उनके नेताओ पर मुकदमें लाद देते है। इसलिए अब आपके चरणो में नमन कर किसानो की समस्या हल करने का निवेदन कर रहे है। ऐसे में संयुक्त कलेक्टर भाना अचानक  असहज हो गए और उन्होने पुरोहित को उठाया।पुरोहित ने कहा कि किसानो का गेहूं का उत्पादन भी कम हो रहा है। सरकार तत्काल उसे 2700 रूपए में खरीदने की व्यवस्था करे। 
     इस दौरान मौजूद लोग जय -जवान ,जय किसान के नारे लगाने लगे। अभिषेक शर्मा, दशरथ भाभर आदि उपस्थित थे। 

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    Thu, 29 Feb 2024 17:12:14 +0530 newsmpg
    कैसे मिलता है फसल बीमा योजना का फायदा? ऐसे मिलेगी 50 फीसदी सब्सिडी https://newsmpg.com/कस-मलत-ह-फसल-बम-यजन-क-फयद-ऐस-मलग-50-फसद-सबसड https://newsmpg.com/कस-मलत-ह-फसल-बम-यजन-क-फयद-ऐस-मलग-50-फसद-सबसड सरकार की ओर से किसानों के हित के लिए तमाम योजनाएं चलाई जा रही हैं. जिनके जरिए किसान भाइयों को लाभ भी दिया जा रहा है. इन्हीं में से एक प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना भी है. इस योजना के तहत किसान भाइयों को अपनी फसलों को प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान से बचाने के लिए बीमा कवर प्रदान किया जाता है. इस योजना के माध्यम से किसानों को बीमा प्रीमियम का केवल 50 प्रतिशत हिस्सा देना होता है. वहीं, 50 फीसदी भाग केंद्र व राज्य सरकारों की तरफ से सब्सिडी के रूप में प्रदान किया जाता है.

    प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के माध्यम से किसानों को खड़ी फसलों के नुकसान के खिलाफ बीमा कवर दिया जाता है. योजना के जरिए रबी फसलों के लिए बीमा कवर का प्रीमियम 1.5 फीसद है. जबकि सरकार 50 फीसदी सब्सिडी देती है. जिसका मतलब यह है कि किसान भाइयों को बस 0.75 प्रतिशत प्रीमियम का भुगतान करना होता है.

    इन डॉक्यूमेंट्स की होगी जरूरत

    • फसल बीमा के लिए आवेदन पत्र
    • फसल बुआई का प्रमाण-पत्र
    • खेत का नक्शा
    • खेत का खसरा या बी-1 की प्रति
    • किसान का आधार कार्ड
    • बैंक पासबुक
    • पासपोर्ट साइज का फोटो

    फसल बीमा योजना का लाभ लेने के लिए किसान भाइयों को करने होंगे ये स्टेप्स

    • आवेदन करने के लिए किसान को अपने जिले के बैंक या कृषि कार्यालय में जाना होगा.
    • इसके बाद किसान को फसल बीमा योजना का आवेदन पत्र भरना होगा.
    • फिर आवेदन पत्र में किसान को अपनी फसल की जानकारी, भूमि की जानकारी  बीमा राशि की जानकारी दर्ज करनी होगी.
    • इसके बाद किसान भाई आवेदन पत्र के साथ, किसान को अपनी फसल के आधार कार्ड, भूमि का पट्टा, और अन्य आवश्यक दस्तावेज जमा करें.
    • अब किसान भाई बैंक या फिर कृषि कार्यालय की ओर से किसान का आवेदन पत्र स्वीकार कर लिया जाएगा.
    • इसके बाद किसान को बीमा प्रीमियम का भुगतान करना होगा.
    • बीमा प्रीमियम का भुगतान होने के बाद किसान को बीमा पॉलिसी मिल जाएगी.

    यह भी पढ़ें- रबी सीजन से करनी है तगड़ी कमाई तो करें इन फसलों की बुवाई

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    Fri, 08 Dec 2023 19:41:41 +0530 newsmpg
    आलू के किसानों के लिए खुशखबरी....ये कंपनी ले आई है जबरदस्त इंटेलिजेंस मॉडल, अब बिना नुकसान मिलेंगे आलू के दोगुने दाम https://newsmpg.com/आल-क-कसन-क-लए-खशखबरय-कपन-ल-आई-ह-जबरदसत-इटलजस-मडल-अब-बन-नकसन-मलग-आल-क-दगन-दम https://newsmpg.com/आल-क-कसन-क-लए-खशखबरय-कपन-ल-आई-ह-जबरदसत-इटलजस-मडल-अब-बन-नकसन-मलग-आल-क-दगन-दम Agri Tech: जलवायु परिवर्तन का बुरा असर आलू की पैदावार पर भी देखने को मिल रहा है. कई जगह भारी बारिश के कारण आलू की खुदाई काफी देर से हुई तो वहीं कुछ स्थानों पर सुखाने के लिए खेत में रखे आलू खेतों में पड़े-पड़े बर्बाद हो गए. इस प्रकार मौसम में हो रहे अनिश्चितकालीन बदलावों के चलते आलू की क्वालिटी भी बुरी तरह प्रभावित होती है. बाजार में मानकों के आधार पर आलू को जब सही दाम नहीं मिलते तो किसानों को भी नुकसान हो जाता है. ऐसी कई चुनौतियों को दूर करने के लिए पेप्सिको इंडिया ने ग्लोबल एग्री-टेक फर्म क्रोपिन के सहयोग से द प्रेडिक्टिव एंड प्लॉट इंटेलिजेंस मॉडल तैयार किया है, जो आलू की विशिष्ट किस्मों, परिस्थितियों और स्थानों के हिसाब से आलू की पैदावार को बेहतर बनाने में मदद करेगा. फिलहाल इसे मध्य प्रदेश और गुजरात में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लागू करने की प्लानिंग है.

    किसानों के लिए मददगार साबित होगा मॉडल

    अपने एक आधिकारिक बयान में पेप्सिको इंडिया ने बताया कि भारत में ज्यादातर किसानों के पास एक हेक्टेयर या उससे कम खेती योग्य जमीन है. इतनी कम जमीन पर आलू उगाने में सिंचाई के लिए पानी से लेकर उर्वरक और कीटनाशकों जैसे कृषि इनपुट्स पर काफी खर्च हो जाता है, जबकि कृषि कार्यों के लिए आवश्यक मौसम संबधी डेटा का मूल्यांकन करना भी अपने आप में चुनौतीपूर्ण काम है.

    इन वजहों से कम हो रही पैदावार

    एक्सपर्ट्स की मानें तो आलू की फसल की क्वालिटी मेंटेन करने के लिए मौसम का सटीक पूर्वानुमान होना बेहद आवश्यक है. यदि किसानों तक ये जानकारी नहीं पहुंचेगी तो ब्लाइट जैसे फसल रोगों के कारण आलू का उत्पादन 80 फीसदी तक कम हो सकता है.

    पेप्सिको इंडिया ने अपने बयान में कहा है कि देश के उत्तरी इलाकों में, जहां आलू की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है, यहां अचानक जमीन के अंदर बढ़ती ठंड की वजह से आलू की क्वालिटी और क्वांटिटी प्रभावित होना अपने आप में एक गंभीर समस्या है, जिसका जल्द समाधान निकालना होगा.

    10 दिन पहले ही पता चल जाएगी मौसम की चाल

    ग्लोबल एग्री-टेक फर्म क्रोपिन के सहयोग से पेप्सिको इंडिया ने जो क्रॉप इंटेलिजेंस मॉडल डेवलप किया है. इस मॉडल के जरिए किसानों को आलू की फसल के चरणों का अंदाजा लगाने के लिए 10 दिन का मौसम पूर्वानुमान उपलब्ध करवाया जा सकता है.

    इस पूर्वानुमान के आधार पर फसल को तमाम कीट-रोग और जलवायु परिवर्तन संबंधी चुनौतियों से बचाया जा सकता है. इससे फसल की निगरानी भी कई गुना आसान हो जाएगी. इससे किसानों की उपज की मात्रा और गुणवत्ता में सुधार होगा और बिना नुकसान के बाजार में किसानों को आलू के बेहतर दाम मिलने लगेंगे.

    यह भी पढ़े:- सिर्फ इन किसानों के खाते में आएगी अगली वाली किस्त... जान लीजिए क्या हैं नए नियम?

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    Sat, 01 Apr 2023 16:05:53 +0530 newsmpg
    यहां के तोतों को भी लगी नशे की लत, खेतों से उड़ा ले जाते हैं कई किलो अफीम...किसानों को भारी नुकसान! https://newsmpg.com/यह-क-तत-क-भ-लग-नश-क-लत-खत-स-उड-ल-जत-ह-कई-कल-अफमकसन-क-भर-नकसन https://newsmpg.com/यह-क-तत-क-भ-लग-नश-क-लत-खत-स-उड-ल-जत-ह-कई-कल-अफमकसन-क-भर-नकसन Opium Farming: इन दिनों मंदसौर में अफीम की फसल पककर तैयार हो गई है. अच्छे मुनाफे की उम्मीद में किसान अफीम के डोडों की लुआई-चिराई कर रहे हैं. इस काम में तोतों ने खलल डालना चालू कर दिया है. जी हां. कभी चोर-लुटेरों और नशेबाजों से अफीम की फसल को खतरा रहता था, लेकिन अब यहां के तोते अफीम खाकर नशेड़ी होते जा रहे हैं. इन तोतों की वजह से किसानों की चिंताएं  बढ़ती जा रही हैं, क्योंकि किसानों को अफीम की फसल से औसत उपज सरकार को देनी होती है. यदि किसान ऐसा करने में असमर्थ रहते हैं तो सरकार अफीम की खेती का कांट्रेक्ट कैंसिल कर देती हैं. हालांकि मंदसौर के किसानों ने तोतों और नीलगायों से फसल को बचाने के जालीदार बाड़ लगाई हुई है. सख्त निगरानी के बावजूद ये तोते जाली तोड़कर सुबह-शाम अफीम की दावत करने खेत में पहुंच जाते हैं. वन विभाग से लेकर कृषि विभाग तक के अधिकारी तोतों की चालबाजी को देखकर अचरज में पड़े हुए.

    मंदसौर में तैयार है अफीम की फसल

    मार्च के महीने में अफीम की फसल अपनी पीक पर होती है. किसान भी अपना औसत पाने के लिए अफीन के डोडों की लुआई-चिराई करने लगते हैं. इस काम में तोते सबसे ज्यादा मुसीबत पैदा कर रहे हैं. किसानों ने बताया कि तोतों को अफीम की लत लग चुकी है.

    दोपहर में खेत को कोई खतरा नहीं है,  लेकिन सुबह और शाम के समय ये तोते अफीम के डोडे काटकर ले जाते हैं. इन्हें रोकने के लिए किसान ने जाली लगाई थी. फसल के आसपास कपड़े बांधे और रात के लिए एलईडी लाइट भी लगाई हैं, लेकिन ये तोते नशे के इतने आदी हो गए हैं कि अब जाली तोड़कर खेत में घुंस आते हैं.

    तोतों के इसी आंतक के चलते किसानों की उपज कम होती जा रही है और औसत हासिल करने पर भी संकट खड़ा हो रहा है. अब किसानों के साथ उनका पूरा परिवार अपनी रोजीरोटी बचाने के लिए पूरा दिन खेतों में ही बैठा रहता है.

     
     
     
     
     
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    हिंसक हो रहे तोते और नीलगाय

    मंदसौर के किसानों ने बताया कि पहले तोते सिर्फ खेतों से अफीम चुराते थे, लेकिन इसकी रोकथाम के लिए किए गए उपायों के बाद ये हिंसक होते जा रहे हैं. ठीक ऐसा ही नील गायों के साथ है. ये अफीम चट करने के बाद हिंसा पर उतर आते हैं, जिसके चलते कई किसानों पर अटैक भी हुए हैं.

    किसान अपनी समस्या को लेकर कृषि और वन विभाग के पास जा रहे हैं, लेकिन अधिकारी भी इस समस्या का समाधान नहीं निकाल पा रहे. इस घटना पर वैज्ञानिकों की एक टीम ने अपनी रिसर्च में पाया कि अफीम एक नशीला और मादक पदार्थ है. ये तोतों के नर्वस सिस्टम को प्रभावित कर रहा  है. यही वजह है कि तोतों को नशे की लत लग चुकी है.

    रोजी रोटी की चिंता में किसान

    जानकारी के लिए बता दें कि भारत में अफीम की खेती करने के लिए सरकार से परमिशन लेनी होती है. अफीम उगाने के लिए सरकार हर साल किसानों को 10-20 आरी के पट्टे देती है. बदले में किसानों को औसत उपज सरकार को देनी होती है.

    यदि किसान औसत उत्पादन नहीं दे पाते तो अफीम की खेती का लाइसेंस रद्ध कर दिया जाता है. साथ ही कानूनी कार्रवाई भी झेलनी पड़ जाती है. मंदसौर अफीम की खेती का बह है. यहां के 19,000 किसान केंद्रीय वित्त मंत्रालय की लांसिंग और सीपीएस पद्धति के तहत अफीम उगाते हैं.

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    Tue, 21 Mar 2023 16:30:19 +0530 newsmpg
    Rabi Crop Compensation: फसल नुकसान के बीच इन किसानों को 4&4 लाख रुपये का मुआवजा, यहां करना होगा संपर्क https://newsmpg.com/rabi-crop-compensation-फसल-नकसन-क-बच-इन-कसन-क-4-4-लख-रपय-क-मआवज-यह-करन-हग-सपरक https://newsmpg.com/rabi-crop-compensation-फसल-नकसन-क-बच-इन-कसन-क-4-4-लख-रपय-क-मआवज-यह-करन-हग-सपरक Compensation to Farmers: देश के ज्यादातर इलाकों में बारिश आफस बनकर बरसी है. शहरों में बेशक इस बारिश ने गर्मी और ऊमस से राहत दिला दी हो, लेकिन किसानों के लिए किसी अभिशाप से कम नहीं रही. कई राज्यों में बारिश ने हजारों एकड़ फसल को बर्बाद कर दिया है. यूपी से भी कुछ ऐसे ही रुझान सामने आ रहे हैं, जहां तेज हवा और बारिश के चलते गेहूं, सरसों, चना समेत दलहनी, तिलहनी और बागवानी फसलों में भारी नुकसान हुआ है. राज्य सरकार ने विभिन्न जिलों में हुआ नुकसान के आकलन के लिए गिरदावरी रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए हैं. इसी आधार पर किसानों को मुआवजा दिया जाएगा.

    यूपी के वाराणसी में एक विजिट के दौरान कृषि मंत्री सूर्य प्रताप साही ने बताया कि बरसाती मौसम में आकाशीय बिजली गिरने से किसानों की जानहानि के लिए भी 4-4 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा. खासतौर पर ललितपुर, प्रतापगढ़, बुलंदशहर और अंबेड़करनगर के किसानों को सरकार की ओर से क्षतिपूर्ति की जाएगी.

    यहां दें जानकारी

    मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अचानक बैमौसम बारिश ने फसल के साथ-साथ किसानों का व्यक्तिगत काफी नुकसान किया. यूपी में आकाशीय बिजली गिरने से करीब 10 किसानों की मौत की खबर आ रही हैं. यूपी के कृषि मंत्री साही ने इन किसानों की जानहानि के लिए 4 लाख रुपये की आर्थिक सहायता करने का आश्वासन दिया है.

    ये रकम पीड़ित किसान परिवार के बैंक खाते में ट्रांसफर कर दिया जाएगा. ऐसी कोई घटना होने पर किसान परिवार कृषि विभाग के कार्यालय में सूचना दे सकते हैं. ये सहायता उन किसानों को दी जाएगी जिन्होंने रबी फसल का बीमा करवाने के साथ किसान बीमा योजना के तहत अपना भी इंश्योरेंस लिया था. 

    72 घंटे के अंदर करें आवेदन

    भारतीय मौसम विज्ञान विभाग की ओर से जारी पूर्वानुमान के मुताबिक, एक और पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने और राजस्थान के पास भी चक्रवाती दवाब क्षेत्र की उपस्थिति के चलते 25 मार्च तक यूपी में बारिश जैसे हालात बने हुए हैं.

    ऐसे में किसानों को खासतौर पर सावधान रहने की आवश्यकता है. इस बीच यदि फसल में नुकसान हुआ है तो बिना देरी किए 72 घंटे के अंदर अपनी फसल बीमा कंपनी, बैंक या कृषि विभाग के कार्यालय में सूचना दें. इस तरह आवेदन करने वाले किसानों का निरीक्षण होगा और मुआवजे की रकम खाते में भेज दी जाएगी.

    यह भी पढ़ें:- बारिश-ओलावृष्टि से हुए फसल नुकसान का मुआवजा देंगी ये सरकारें, किसान जान लें पूरी प्रक्रिया

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    Tue, 21 Mar 2023 16:30:19 +0530 newsmpg
    Ground Report :& 6 महीने जिस फसल को पाला वो हुई खराब, बारिश ने किसानों के मुंह से छीना निवाला& देखें किसानों का दर्द  https://newsmpg.com/Ground-Report-crops-damaged-due-to-rains-in-many-villages-especially-wheat-crops-lost-its-color-and-texture-farmers-are-in-deep-trouble https://newsmpg.com/Ground-Report-crops-damaged-due-to-rains-in-many-villages-especially-wheat-crops-lost-its-color-and-texture-farmers-are-in-deep-trouble


    रतलाम। 6 महीने तक बच्चों की तरह जिस फसल के लिए उधार लेकर बीज, खाद, दवाई, मेहनत सब लगाई, मुंह तक आने के पहले ही वो निवाला छिन गया। ये हाल बेमौसम हुई बरसात के कारण रतलाम के आसपास लगे हुए गांवों में किसानों का हो गया है। शुक्रवार को सुबह और फिर दोपहर में हुई बारिश ने लाखों का नुकसान कर दिया है। खेतों से लेकर मंडी तक किसान बेहाल है, जो अब भगवान और सरकार से रहम की उम्मीद लगा रहे हैं। 
                                              रतलाम शहर, करमदी, तीतरी, मथुरी, रुपाखेड़ा, आलनिया, धराड़, धोलका, भाटीबड़ोदिया, सरवनी, सालाखेड़ी, बाजनखेड़ा, डोसीगांव आदि गांवों में सुबह 4 बजे करीब एक घंटे तक बारिश हुई। शहर में स्टेशन रोड, कोर्ट रोड, दोबत्ती पर इस दौरान छोटे आकार के ओले भी गिरे। इसके बाद भी राहत नहीं मिली, बारिश थमी जरूर, लेकिन घने काले बादल छाए रहे। सुबह करीब 10.30 बजे से दोबारा बारिश शुरु हुई जो करीब एक से दो घंटे तक चलती रही। मौसम की इस मार ने एक दर्जन गांवों में किसानों की कमर तोड़ दी है। 

    गेंहू, प्याज, लहसुन, पशुओं के लिए भूसे का नुकसान 

    करमदी के किसान प्रकाश पाटीदार बताते हैं कि खेत में गेंहू की पककर खड़ी फसल आड़ी पड़ी गई है, यानी लेट गई है। प्याज की फसल भी खराब हो गई और लहसुन में भी छिलके खराब होने से पूरी ही फसल नष्ट हो गई है। किसानों की पूरी मेहनत पर पानी फिर गया। तीतरी के किसान प्रदीप खदेड़ा ने बताया कि उन्होंने अपनी पूरी फसल पिछले 3-4 दिन मजदूरों की मदद से काटी थी। अचानक हुई इस बारिश से कटी हुई फसल भीगकर खराब हो गई है। बाली पानी से खराब होने पर गेंहू का रंग सुनहरे से सफेद हो गया है। इस फसल के बदले मंडी में इतनी भी कीमत नहीं मिलेगी, जिससे केवल मजदूरी तक निकल सके। बीज, खाद, मेहनत सब का नुकसान भुगतना पड़ेगा। तीतरी के सरपंच प्रतिनिधि जयंतीलाल पाटीदार बताते हैं कि शुक्रवार को हुई बारिश के कारण किसानों का नुकसान तो हुआ ही है, लेकिन पशु पालकों का भी बड़ा नुकसान हुआ है। बारिश से गेंहू खराब होने का सीधा असर भूंसे के उत्पादन पर होगा। पानी के कारण भूसा नष्ट होने से पशु पालकों के लिए चारा महंगा हो जाएगा। 

    बारिश से ऐसे हुआ गेंहू और इन फसलों को नुकसान 

    लगभग पूरे जिले और प्रभावित इलाकों में गेंहू बिल्कुल तैयार है। वर्तमान में जिन किसानों ने गेंहू काटकर खेतों में इकट्ठे किए थे, उनकी फसलें भींग गई। पककर खड़े गेंहू की बालियां लेट गईँ। बालियों में छिलकों के अंदर तक पानी जाते ही गेंहू का रंग सुनहरे से सफेद हो जाता है। इसका स्वाद कम हो जाता है। अब भी यदि धूप न मिली, तो गेंहू पूरी तरह सड़ जाएंगे, धूप लगी तो पानी सूखेगा और इनका आकार बिल्कुल छोटा और वजन बिल्कुल कम हो जाएगा। यानी दोनों स्थितियों में नुकसान किसान का होगा। किसानों के अनुसार जिस गेंहू की कीमत 24 घंटे पहले 2500 रुपए क्विंटल तक थी, वो अब 800-1000 पर बिकेंगे। 

    अफीम किसान भी परेशान

    वर्तमान समय की जो बारिश है, उसमें मालवा की प्रमुख फसल गेंहू किसान की कमर तोड़ दी है। गेंहू या तो लेट गए हैं, या कटे हुए सड़ने लगे हैं। इससे उसका रंग, स्वाद और आकार खराब हो जाएगा। किसानों की लागत तो दूर, बीज का पैसा भी नहीं निकलेगा। अफीम फसलें भी लोहाई पर है, डोडे में चीरा लगाने का काम चल रहा है। इस समय बारिश ने खसखस और अफीम फसलों को भी नुकसान पहुंचाया है। 
    -डीपी धाकड़, किसान नेता, सदस्य जिला पंचायत रतलाम। 

    तत्काल सर्वे का काम हो शुरु 

    एक पखवाड़े पहले भी इस क्षेत्र में बारिश और ओलावृष्टि हुई थी, जिससे 20-30 प्रतिशत नुकसान हुआ था, लेकिन शुक्रवार को हुई बारिश ने 70 प्रतिशत तक फसलों को नष्ट कर दिया है। पहले भी सर्वे काम पूरी नहीं हुआ। प्रशासन और सरकार तत्काल खेतों में सर्वे शुरु करवाए, वरना गरीब और छोटे किसानों के सामने कर्ज के बोझ तले दबने और रोजीरोटी चलाने में भी भारी समस्या हो जाएगी। 
    -राजेश पुरोहित, अध्यक्ष जिला युवा किसान संघ। 

    बारिश से आदिवासी किसानों का भारी नुकसान विधायक ने की मुआवजे की मांग 

    बारिश के कारण बाजना, सैलाना के दर्जनों गांवों में खेतों में खड़ी फसलें बरबाद हो गई हैं। गरीब, आदिवासी किसानों की मेहनत तो दूर, लागत तक नहीं निकलेगी। गेंहू की फसल लेट गई है या कटी हुई फसल सड़ने की कगार पर पंहुच गई है। सरकार और प्रशासन तत्काल राजस्व और कृषि अमले को खेतों में जाकर सर्वे करने के निर्देश दे। बीमा राशि उपलब्ध करवाने के साथ गरीब किसानों को मुआवजा दिया जाए, वरना किसान मरने की कगार पर पंहुच जाएगा। यह मांग सैलाना विधायक हर्षविजय गेहलोत ने की है। श्री गेहलोत ने कहा कि बाजना, सैलाना क्षेत्र सहित जिले में शुक्रवार को हुई बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि और आंधी ने किसानों का भारी नुकसान किया है। गेंहू, चना, प्याज, लहसुन फसलें खराब हुई हैं। विशेषकर गेंहू की तो 70 से 80 फीसदी तक फसलें बरबाद हो गई हैं। अत: सरकार तत्काल मुआजवा घोषित करें। प्रशासन भी जल्द सर्वे करवाए, अन्यथा किसानों के सामने कोई रास्ता नहीं बचेगा। गेंहू की फसल इतनी खराब हो चुकी है कि फायदा, लागत तो दूर की बात बीज और मजदूरी के पैसे भी नहीं निकलेंगे। श्री गेहलोत ने कहा कि जिले के अधिकतर आदिवासी किसान बेहद गरीब हैं, जिन्हें तत्काल सहायता दी जाए। 

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    Fri, 17 Mar 2023 18:21:58 +0530 newsmpg
    नीलगाय से परेशान 14 किसानो ने मिलकर निकाला उपाय, सैंकड़ो बीघा जमीन को किया सुरक्षित, जिले भर में किसान नीलगाय से है परेशान https://newsmpg.com/Troubled-by-Nilgai--14-farmers-together-found-a-solution https://newsmpg.com/Troubled-by-Nilgai--14-farmers-together-found-a-solution
    रतलाम। (NEWSMPG.COM)  एक पुरानी कहावत है ‘‘जहां चाह वहां राह ’’  यानि  कोई कठिन से कठिन, असंभव कार्य हो फिर भी अगर मनुष्य हार ना माने और दृढ़ निश्चय होकर लग जाए उपाय खोजने में तो उसे रास्ता व उपाय अवश्य मिलेगा। ऐसा ही जिले के किसानो ने नीलगाय से परेशान होकर ढूंढ निकाला है। 
     नीलगाय यानि घोड़ा रोज से जिले भर के किसान बेहद परेशान हैं। इसी परेशानी से मुक्ति के लिए पिपलोदा तहसील के ग्राम बड़ायला माताजी के किसानों हल ढुंढ निकाला हैं। 14  किसानों ने मिलकर सैकड़ो बीघा जमीन को  मजबूत जाली लगाकर कवर कर लिया हैं ताकि इसमें घोड़ारोज नही घूस सके और फसल बच जाए। बड़ायला माताजी के किसान कमलेश पटेल बताते है कि  इस जगंली जानवर द्वारा  किसानो की फसल बर्बाद करने के कारण कई किसान या तो खेती छोड़ने पर मजबूर हो गए है । कई फसले तो ऐसी है जिसका उत्पादन किसान घोड़ारोज के आंतक से करना बंद कर चुके है। ऐसे में इस समस्या से निपटने के लिए सब अपने -अपने स्तर से प्रयास करते रहते हैं। 
    कुछ किसान अपने खेत की तार फैंसिग कर सुरक्षित करने की इच्छा रखते थे लेकिन उसका खर्च बहुत ज्यादा था। इसके बाद आसपास के किसानों ने मिल कर लोहे की जाली बड़े स्तर पर लगाने की ठानी। बड़ा काम होने से लागत कम हो गई और 14 किसानों ने मिलकर करीब 175 बीघा जमीन को कवर कर दिया। 

    14 लाख की लागत आई 
    ग्राम बड़ायला के किसान ईश्वरलाल जाम्बुड़िया के मुताबिक नान्दलेटा रोड़ पर हम 14 किसानो ने मिलकर हमारी सारी जमीन को सुरक्षित कर लिया हैं। इससे नीलगाय के आंतक से मुक्ति मिलेगी। प्रतिबीघा का खर्च 7900 रूपए आया और हमने बीघे कि हिसाब से रूपए एकत्र करके एक कारीगर को करीब 14 लाख रूपए में ठेका दे दिया हैं। बड़ा काम होने से लागत कम हो गई , और किसानों पर भी ज्यादा बोझ नही आया। 


    इन किसानों ने की पहल
    ग्राम बड़ायला माताजी के किसान कमलेश पटेल, नंदराम शाह, शांतिलाल शाह, बाबूलाल, डालूरामलकार, कारूलाल चौधरी, ईश्वरलाल जाम्बुड़िया, दशरथ कोरा, सत्यनारायण कोरा, रामचंद्र गामी, ईश्वरलाल गामी, रामकिशन चौधरी,श्यामलाल डाका, मुलचन्द्र भटोड़िया ने मिल कर ये अनोखी पहल की । 

    नीलगाय के आतंक से परेशान
    जिले में इन दिनों क्षेत्र के किसान नीलगाय के आतंक से परेशान नजर आ रहे है।  क्षेत्र में नीलगायों के आतंक से किसानों को खेती करने में लागत अधिक हो गई है।  इसके बाद भी नीलगायों के आतंक से किसान अपनी फसल को बचाने में सफल नहीं हो रहे हैं,  कई  जुगाड़ लगाने के बाद भी किसानों का फसल बच जाए, इसकी कोई गारंटी नहीं है.। कटीले तार जैसे ही पुराने हो रहे हैं, वैसे ही झुंड में नीलगाय खेतों में प्रवेश कर फसल को चट कर जा रही है, जिससे किसान को खेती करना महंगा ही नहीं बहुत ही कष्टदायक भी हो गया है।  क्षेत्र के किसान जहां एक तरफ लगातार फसल खराबी की मार का सामना कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ नीलगाय के आतंक से भी परेशानी बढ़ी हुई है।  नीलगायों के झुंड गेहूं, मक्का, गौभी, आलू, सरसों आदि फसलों को बर्बाद कर रहे हैं।   रात का अंधेरा हो या फिर दिन का उजाला इससे इन जंगली जानवरों को कोई फर्क नहीं पड़ रहा है।  खाने से ज्यादा इनके पैरों से फसल की बबार्दी हो रही है ऐसी स्थिति में  किसान भगवान भरोसे खेती करने को मजबूर हैं।
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    Mon, 30 Jan 2023 16:16:04 +0530 newsmpg
    खेतों में कीट&पतंगों से निपटेंगे किसान ड्रोन, सरकार की बड़ी तैयारी https://newsmpg.com/खत-म-कट-पतग-स-नपटग-कसन-डरन-सरकर-क-बड-तयर https://newsmpg.com/खत-म-कट-पतग-स-नपटग-कसन-डरन-सरकर-क-बड-तयर Thu, 29 Sep 2022 14:48:00 +0530 newsmpg बिना लाईसेंस किसानों से गांव जाकर खरीद रहे धान, मंडी ने चेताया लालच में न आएं किसान  https://newsmpg.com/alleged-people--buying-grains-from-farmers-without-valid-licence-Mandi-says-its-illegal https://newsmpg.com/alleged-people--buying-grains-from-farmers-without-valid-licence-Mandi-says-its-illegal
    रतलाम। कृषि उपज मंडी समिति सचिव द्वारा समस्त कृषकों को सूचित किया गया है कि विश्वसनीय सूत्रों से मंडी प्रशासन के संज्ञान में आया है कि कुछ अज्ञात व्यक्ति बिना लाइसेंस के गांव घर जाकर धान खरीद रहे हैं। किसानों से सीधा संपर्क कर उनको अधिक भाव का लालच देकर सोयाबीन, गेहूं, चना, प्याज, लहसुन आदि खरीदने का प्रयास कर रहे हैं। किसानों को सूचित किया गया कि यदि अपनी कृषि उपज अपने घर से ही विक्रय करना है तो संबंधित व्यक्ति से मंडी के लाइसेंस की जानकारी ली जाए तथा व्यक्ति के बारे में पूर्ण रूप से पूछताछ किए जाने के उपरांत कृषि उपज सोदा पत्रक के माध्यम से ही विक्रय कर उसी दिन नगद भुगतान प्राप्त करें एवं पक्का बिल प्राप्त करने के उपरांत गांव या घर से कृषि उपज विक्रय करना सुनिश्चित करें। अधिक भाव का लोभ लालच देकर खरीदने वाले व्यक्ति की जानकारी मोबाइल नंबर- 9993159764 अमर सिंह गहलोत सहायक उप निरीक्षक मंडी रतलाम को सूचित कर सकते हैं।

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    Wed, 28 Sep 2022 16:45:51 +0530 newsmpg
    देश भर के शौकिनों की जुबां पर हैं रतलाम के इस ‘‘बालम ’’का नाम.... जानिये कहानी सैलाना से निकली रसीली ककड़ी की, जो देश में सिर्फ यहीं क्यों होती है पैदा https://newsmpg.com/The-name-of-this-Balam-of-Ratlam-is-on-the-lips-of-fans-across-the-country https://newsmpg.com/The-name-of-this-Balam-of-Ratlam-is-on-the-lips-of-fans-across-the-country


    - रसीली बालम ककड़ी का स्वाद है बेजोड़

    - सैलाना क्षेत्र के गांव वाली से पड़ा नाम

    रतलाम। रतलाम की पहचान सिर्फ चमकते सोने या नमकीन सेंव की वजह से ही नहीं है, बल्कि एक और चीजÞ है जिसके लिए पूरे भारत में रतलाम को जाना जाता है। वो है रतलाम जिले की बालम ककड़ी। रतलाम के सैलाना क्षेत्र में पैदा होने वाली बालम ककड़ी देश भर में अपने अनूठे स्वाद के लिए जानी जाती है।
    सड़को पर इन दिनों बालम ककड़िया बिकती खूब दिख रही हंै। ये ककड़ी साल भर नही मिलती, बस कुछ दिनों के लिए मिलती हैं। इन कुछ दिनों में ही ये ककड़ी देश भर में मेहमान नवाजी के लिए भी भेजी जाती हैं। सचिवालय के बड़े अफसरों से लगा कर मुख्यमंत्री, राजनेताओं से लेकर परिवार के लोग तक इसका लुफ्त लेते हंै।
    तो चलिए आपको रतलाम के सैलाना क्षेत्र से निकलकर देश भर में पहचान बना चुकी बालम ककड़ी की पूरी कहानी जानते हैं। क्यों ये ककड़ी देश भर में स्वाद के शौकिनो की पहली पंसद है, और इसका नाम बालम ककड़ी कैसे पड़ा?

     पहाड़ियों की तलहटी तक घुमावदार सफर

    सैलाना क्षेत्र की पहाड़ियोें की तलहटी में बसा हुआ है, एक बेहद खूबसूरत गांव ‘‘वाली’’। इसी गांव से निकली है रसीले स्वाद के साथ अपनी खास तासीर रखने वाली बालम ककड़ी। ये गावं सैलाना-बांसवाड़ा हाइवे से सरवन के पास से छह किलोमीटर पश्चिम में स्थित है। आखिरी छह किलोमीटर का घुमावदार रास्ता और हरियाली मन मोहने वाली है। उण्डेर ग्राम पंचायत के अन्तर्गत आने वाले इस गांव के मध्य एक तालाब भी है, जो इसकी सुंदरता में चार चांद लगाता है।

    कहानी ककड़ी के बालम बनने की

    ग्राम वाली के वयोवृद्ध किसान नानूराम बताते है कि बालम ककड़ी मूल रूप से वाली गांव की ही है। ये ककड़ी कितनी पीढ़ियों से गांव में लगाई जा रही है यह याद ही नहीं। आजÞादी के बाद से ही ग्राम की ये ककड़ी धीरे-धीरे देश भर में जाने लगी। इसके बाद इसका बीज भी आसपास के गांवो में फैलता गया। इस ककड़ी की उत्पत्ति वाली से होने के कारण पहले इसे वालन ककड़ी कहा जाता था। इसका नाम अपभ्रंश हुआ और वाली से वालन और फिर बालम ककड़ी हो गया।

    पत्थर, मक्का-कपास की बेटी

    गांव के ककड़ी उत्पादक किसान नाकू बा खराड़ी ने कपास, मक्का के बीच बालम ककड़ी की बेल दिखाते हुए बताया कि अमूमन ये पहाड़ी क्षेत्र की परंपरागत खेती है। इसके लिए पानी की आवश्यकता तय होती है। पहाड़ी और पथरीली जमीन ही उपयोगी है और यह अन्य फसलों पर चलती है। इस ककड़ी की मुख्य खेती अब भी वाली एवं इसके आसपास के गांव अलावा उंडेर, महापुरा, अमरगढ़, पुण्याखेड़ी, चावड़ा खेड़ी में होती है। हालांकि बीज लेकर देश के अन्य भागों में भी इसे पैदा करने की कोशिश की जा रही है, लेकिन ऐसा स्वाद कहीं नहीं मिला। जिस प्रकार असली आगरा का पेठा आगरा में ही मिलता है, वैसे ही बालम ककड़ी का स्वाद वाली में है।

    सैंकड़ो टन होता है उत्पादन, इस साल कम

    गांव के रूपाजी खराड़ी बताते हैं कि एक अनुमानित आंकड़े सैलाना क्षेत्र के किसान पूरे सीजन में 500 टन ककड़ी बाहर सप्लाई कर रहे है। यानी जिले में इसकी औसत 700-800 टन बालम  ककड़ी की पैदावार होती है। इससे किसानों को अच्छी कमाई भी हो रही है। इस बार सैलाना क्षेत्र में बाद की बारिश में खेंच की वजह से बालम ककड़ी के उत्पादन पर असर पड़ा है। गांव की किसान अनीता खराड़ी बताती हैं कि ककड़ी का बीज भी बड़ी मेहनत और जतन से सुखाकर संभालकर साल भर रखना पड़ता है।


    केसरिया और हरी ककड़ी इसलिए हैं इतनी खास

    पर्यावरणविद एवं कृषि के जानकार नंदकिशोर पाटीदार ने बताया कि वालन ककड़ी में प्रचुर मात्रा प्रोटीन एवं पानी होता है। वालन ककड़ी का अंदर से मुलायम होती है और खाने में काफी मीठी लगती है। ऊपर से हरी और अंदर से केसरिया कलर की निकलने वाली बालम ककड़ी के बीज भी मीठे होते है। ऊपर से हरे पीले रंग की ककड़ी का छिलका भी कम होता है। धूप में बारिश होने पर हरी और सफेद रंग की ककड़ी आती है। जो खाने में कम मीठी होती है। इसकी इसी तासीर के कारण लोग खीरा, तर ककड़ी कहते हैं।

    प्रसिद्ध कवि ने लिखी बालम ककड़ी पर कविता

    बहुत कम लोगो को पता है कि बालम ककड़ी पर देश के जाने माने कवि स्वर्गीय चन्द्रकांत देवताले  ने बालम ककड़ी बेचने वाली लड़कियां शीर्षक से एक बढिया कविता भी लिखी है । इस कविता में रतलाम के अलग -अलग इलाको का भी उल्लेख है, जहां ये बालम ककड़ी सीजन में बिकती है। कविता के साथ बालम ककड़ी का स्वाद लेना न भूले क्योकि बस अब ये इस सीजन में कुछ ही दिनों की मेहमान है।

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    Mon, 26 Sep 2022 18:41:14 +0530 newsmpg
    किसानों से चौतरफा जबरन वूसली, न पीने को पानी न बिस्तर, किसान नेताओं ने मंडी पंहुचकर जताया आक्रोश, 21&22 को होगा बड़ा आंदोलन  https://newsmpg.com/Farmers-protest-in-Ratlam-Mandi-farmers-says-no-proper-drinking-water-or-facilities-available-also-said-extra-cost-is-being-taken https://newsmpg.com/Farmers-protest-in-Ratlam-Mandi-farmers-says-no-proper-drinking-water-or-facilities-available-also-said-extra-cost-is-being-taken

    रतलाम। गेंहू की बंपर आवक शुरु होने के बाद भी मंडी में किसानों के लिए व्यवस्था नहीं होने पर मंगलवार को हंगामा हुआ। तुलवाई, हम्माली में किसानों से जबरन  डबल वसूली के विरोध में किसान नेताओं ने आक्रोश जताया। मंडी प्रशासन और व्यापारियों द्वारा मिलीभगत करके लाखों रुपए का हेरफेर का आरोप भी लगाया। किसान संघ ने चेतावनी भी दी है कि अगर एक सप्ताह में व्यवस्था नहीं सुधरी तो मंडी में उग्र प्रदर्शन किया जाएगा। 

    किसान नेता और जिला पंचायत के पूर्व उपाध्यक्ष डीपी धाकड़, युवा किसान संघ के जिलाध्यक्ष राजेश पुरोहित करमदी सहित बड़ी संख्या में किसानों ने मंगलवार को विरोध जताया। श्री पुरोहित ने बताया कि किसानों को मंडी में बड़े तौलकाटा पर फसल तौलने के बाद भी व्यापारी नीलामी के बाद गोदामों पर लगे सॉलवेक्स पर भेज रहे हैं। यहां तक जाने का भाड़ा, सॉलवेक्स पर दोबारा तुलवाई के प्रति क्विंटल 500-700 रुपए, हम्माली भी किसानों से ही वसूली जा रही है। गेंहू भी कम करके काट रहे हैं, उसका भुगतान भी नहीं किया हो रहा। मंडी अधिनियम के तहत मंडी में गाड़ी आने के बाद यहीं पर तुलवाई होनी चाहिए। यहीं पर पैसा मिलना चाहिए। खुलेआम मनमानी के बावजूद मंडी प्रशासन देखने को तैयार नहीं है। 


    शिकायत पर धमका रहे व्यापारी 

    गेंहू लेकर पंहुचे अर्जुन जाट ने बताया दो दिन पहल 34 क्विंटल गेंहू लेकर आया था। मंडी में लाने के बाद भी व्यापारी ने गोदाम पर दोबारा तुलवाई प्रति क्विंटल 500 रुपए, रखने के लिए हम्माली ली। 10 किलो गेंहू काटकर भुगतान भी नहीं किया गया। किसान मंगलवार को मंडी कार्यालय में शिकायत लेकर पंहुचा तो व्यापारी ने भुगतान कर दिया, लेकिन धमकी दी कि आगे से माल नहीं खरीदा जाएगा। 


    न पानी न बिस्तर, 21-22 को करेंगे घेराव 

    किसान नेता श्री धाकड़ ने कहा कि रतलाम, जावरा आदि सभी मंडियों में 500 गाड़ी तक प्रतिदिन आ रही हैं। बावजूद इसके किसानों के लिए पर्याप्त पेयजल, बिस्तर तक का प्रबंध नहीं है। तुलवाई, हम्माली, गोदाम तक जबरदस्ती भेजने का भाड़ सब किसानों से खुलेआम वसूला जा रहा है। श्री धाकड़ ने आरोप लगाया कि मंडी प्रशासन, कर्मचारियों, व्यापारी आदि सभी मिलकर करीब 5 लाख रुपए का हेरफेर कर रहे हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि व्यवस्था नहीं सुधरी तो 21 व 22 मार्च को मंडी में बड़ा आंदोलन किया जाएगा। 

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    Tue, 15 Mar 2022 15:14:52 +0530 newsmpg
    शीतलहर एवं पाले से फसलों में बचाव के लिये किसानों को जरूरी सलाह https://newsmpg.com/Important-advice-to-farmers-to-protect-crops-from-cold-wave-and-frost https://newsmpg.com/Important-advice-to-farmers-to-protect-crops-from-cold-wave-and-frost
    रतलाम। वर्तमान में तापमान में गिरावट के कारण रबी फसलो में पाले का प्रभाव होने की संभावना हो सकती है यदि शाम के समय उत्तरी हवाये चलती है तो किसानो को पाले से फसलो को बचाव के लिये निम्न उपाय करना चाहिये।
    उप संचालक कृषि विजय चौरसिया, ने बताया कि  खेत के पास धुआ करें :- अपनी फसल को पाले से बचाने के लिये आप अपने खेत में धुंआ पैदा कर दें जिससे तापमान जमाव बिन्दु तक नहीं गिर पाता और पाले से होने वाली हानि से बचा जा सकता है ।
    पौधे को ढकें :- पाले से सबसे अधिक नुकसान नर्सरी में होता है नर्सरी में पौधो को रात में प्लास्टिक की चादर से ढकने की सलाह दी जाती है ऐसा करने से प्लास्टिक के अंदर का तापमान 2.3 डिग्री सेल्सियस बढ़ जाता है जिससे सतह का तापमान जमाव बिन्दु तक नहीं पहंच पाता और पौधे पाले से बच जाते है । पॉलिथिन की जगह पर पुआल का इस्तेमान भी किया जा सकता है पौधो को ढकते समय इस बात का ध्यान जरूर रखे कि पौधो का दक्षिण पूर्वी भाग खुला रहें ताकि पौधो को सुबह व दोपहर को धुप मिलती रहे ।

    रसायनिक उपचार भी जरूरी 
    रसायनिक उपचार :- जिस दिन पाला पड़ने की संभावना हो उन दिनो फसलो पर गंधक के तेजाब के 0.1 प्रतिशत घोल का छिड़काव करना चाहियें । इस हेतु एक लीटर गंधक के तेजाब को 1000 लीटर पानी में घोलकर एक हेक्टर क्षेत्र में प्लास्टिक के स्प्रेयर से छिड़के । ध्यान रखे की पौधों पर घोल की फुहार अच्छी तरह लगें । छिड़काव का असर दो सप्ताह तक रहता है यदि इस अवधि के बाद भी शीत लहर व पाले की संभावना बनी रहे तो गंधक के तेजाब को 15-15 दिन के अंतर से दोहराते रहें । सल्फर 90 प्रतिशत पाउडर को 3 किलोग्राम एक एकड़ में छिड़काव करने के बाद सिंचाई करें । सल्फर 80 प्रतिशत पाउडर को 40 ग्राम प्रति पम्प (15 लीटर पानी) में मिलाकर स्प्रे करें ।  ग्लूकोज का उपयोग 25 ग्राम पर प्रतिटंकी (15 लीटर) पानी में घोल बनाकर फसलो पर छिड़काव करें।


    इसपर भी दे ध्यान 
    फसलों को बचाने के लिये खेत की उत्तरी पश्चिमी मेंड़ो पर तथा बीच-बीच में उचित स्थानो पर वायु अवरोधक पेड़ जैसे शहतूत बबलू, खेजड़ी, अरड़ू एवं जामुन आदि लगा लिये जाये तो पाले और ठण्डी हवा के झोको से फसल का बचाव हो सकता है ।

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    Mon, 20 Dec 2021 18:38:42 +0530 newsmpg
    अब ऑनलाइन प्राप्त होगी भू&अधिकार पुस्तिका https://newsmpg.com/now-land-rights-records-can-be-availed-online https://newsmpg.com/now-land-rights-records-can-be-availed-online

    रतलाम /  अब भू-अधिकार पुस्तिका आवेदक को ऑनलाइन प्राप्त होगी। भू-स्वामी अपनी भू-अधिकार पुस्तिका प्राप्त करने के लिए आईटी सेंटर, एम.पी. ऑनलाइन, लोक सेवा केन्द्र, कियोस्क सेंटर और शासन द्वारा प्राधिकृत सेवा प्रदाता के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे।

       ऑनलाइन मिलने वाली भू-अधिकार पुस्तिका सामान्यतरू दो पृष्ठों की होगी। इसके लिए शासन द्वारा 45 रुपये शुल्क निर्धारित किया गया है। प्रकरण विशेष में पुस्तिका यदि अधिक पृष्ठों की है, तो प्रत्येक पृष्ठ के लिए 15 रुपये अतिरिक्त देय होंगे। प्रदेश में भू-अधिकार पुस्तिका अब ऑनलाइन प्रदाय की जायेगी। पूर्व में प्राप्त की गई भू-अधिकार पुस्तिका यथावत उपयोग में ली जा सकेगी। राजस्व विभाग द्वारा भू-अधिकार पुस्तिका प्रदाय करने के लिए समय-सीमा लोक सेवा प्रबंधन विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार निर्धारित की गई है। भूलेख पोर्टल से भू-अधिकार पुस्तिका की डिजिटल हस्ताक्षरित प्रति डाउनलोड कर आवेदक को निर्धारित समय-सीमा में प्रदाय की जायेगी।

    ऑनलाइन भू-अधिकार पुस्तिका प्राप्त करने के लिए कृषक (आवेदक) को अपना आधार कार्ड, फोटो, मोबाइल नम्बर, समग्र आईडी, पटवारी हल्का और सेक्टर क्रमांक आदि अभिलेख उपलब्ध कराना होंगे। इन अभिलेखों के आधार पर ऑनलाइन सेवा प्रदाता संस्था आवेदक का आवेदन प्रस्तुत कर देगी। कृषक द्वारा भू-अधिकार पुस्तिका का आवेदन किए जाने के लिए यदि आधार नम्बर उपलब्ध नहीं है, तो कृषक का फोटो लेकर क्षेत्र के पटवारी से सत्यापित करवाया जायेगा। पटवारी का दायित्व है कि वह कृषक का फोटो तीन कार्य दिवस में सत्यापित अथवा अमान्य करें। पटवारी द्वारा ऐसा नहीं किए जाने की दशा में फोटो को सही मानकर भू-अधिकार पुस्तिका जारी की जायेगी। भू-अधिकार पुस्तिका का आवेदन अमान्य किए जाने अथवा समय-सीमा में निराकरण नहीं होने पर आवेदक को अपील करने का अधिकार होगा। आवेदक प्रथम अपील 30 दिवस और द्वितीय अपील 60 दिवस में प्रस्तुत कर सकेगा। दोनों ही अपील निराकरण करने की समय-सीमा 15 दिवस निर्धारित की गई है।

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    Thu, 02 Dec 2021 18:26:24 +0530 newsmpg