Ground Report :- 6 महीने जिस फसल को पाला वो हुई खराब, बारिश ने किसानों के मुंह से छीना निवाला- देखें किसानों का दर्द
6 महीने जिस फसल को पाला वो हुई खराब, बारिश ने किसानों के मुंह से छीना निवाला- देखें किसानों का दर्द..बारिश ने लाखों का नुकसान कर दिया है। खेतों से लेकर मंडी तक किसान बेहाल है, जो अब भगवान और सरकार से रहम की उम्मीद लगा रहे हैं।
रतलाम। 6 महीने तक बच्चों की तरह जिस फसल के लिए उधार लेकर बीज, खाद, दवाई, मेहनत सब लगाई, मुंह तक आने के पहले ही वो निवाला छिन गया। ये हाल बेमौसम हुई बरसात के कारण रतलाम के आसपास लगे हुए गांवों में किसानों का हो गया है। शुक्रवार को सुबह और फिर दोपहर में हुई बारिश ने लाखों का नुकसान कर दिया है। खेतों से लेकर मंडी तक किसान बेहाल है, जो अब भगवान और सरकार से रहम की उम्मीद लगा रहे हैं।
रतलाम शहर, करमदी, तीतरी, मथुरी, रुपाखेड़ा, आलनिया, धराड़, धोलका, भाटीबड़ोदिया, सरवनी, सालाखेड़ी, बाजनखेड़ा, डोसीगांव आदि गांवों में सुबह 4 बजे करीब एक घंटे तक बारिश हुई। शहर में स्टेशन रोड, कोर्ट रोड, दोबत्ती पर इस दौरान छोटे आकार के ओले भी गिरे। इसके बाद भी राहत नहीं मिली, बारिश थमी जरूर, लेकिन घने काले बादल छाए रहे। सुबह करीब 10.30 बजे से दोबारा बारिश शुरु हुई जो करीब एक से दो घंटे तक चलती रही। मौसम की इस मार ने एक दर्जन गांवों में किसानों की कमर तोड़ दी है।
गेंहू, प्याज, लहसुन, पशुओं के लिए भूसे का नुकसान
करमदी के किसान प्रकाश पाटीदार बताते हैं कि खेत में गेंहू की पककर खड़ी फसल आड़ी पड़ी गई है, यानी लेट गई है। प्याज की फसल भी खराब हो गई और लहसुन में भी छिलके खराब होने से पूरी ही फसल नष्ट हो गई है। किसानों की पूरी मेहनत पर पानी फिर गया। तीतरी के किसान प्रदीप खदेड़ा ने बताया कि उन्होंने अपनी पूरी फसल पिछले 3-4 दिन मजदूरों की मदद से काटी थी। अचानक हुई इस बारिश से कटी हुई फसल भीगकर खराब हो गई है। बाली पानी से खराब होने पर गेंहू का रंग सुनहरे से सफेद हो गया है। इस फसल के बदले मंडी में इतनी भी कीमत नहीं मिलेगी, जिससे केवल मजदूरी तक निकल सके। बीज, खाद, मेहनत सब का नुकसान भुगतना पड़ेगा। तीतरी के सरपंच प्रतिनिधि जयंतीलाल पाटीदार बताते हैं कि शुक्रवार को हुई बारिश के कारण किसानों का नुकसान तो हुआ ही है, लेकिन पशु पालकों का भी बड़ा नुकसान हुआ है। बारिश से गेंहू खराब होने का सीधा असर भूंसे के उत्पादन पर होगा। पानी के कारण भूसा नष्ट होने से पशु पालकों के लिए चारा महंगा हो जाएगा।
बारिश से ऐसे हुआ गेंहू और इन फसलों को नुकसान
लगभग पूरे जिले और प्रभावित इलाकों में गेंहू बिल्कुल तैयार है। वर्तमान में जिन किसानों ने गेंहू काटकर खेतों में इकट्ठे किए थे, उनकी फसलें भींग गई। पककर खड़े गेंहू की बालियां लेट गईँ। बालियों में छिलकों के अंदर तक पानी जाते ही गेंहू का रंग सुनहरे से सफेद हो जाता है। इसका स्वाद कम हो जाता है। अब भी यदि धूप न मिली, तो गेंहू पूरी तरह सड़ जाएंगे, धूप लगी तो पानी सूखेगा और इनका आकार बिल्कुल छोटा और वजन बिल्कुल कम हो जाएगा। यानी दोनों स्थितियों में नुकसान किसान का होगा। किसानों के अनुसार जिस गेंहू की कीमत 24 घंटे पहले 2500 रुपए क्विंटल तक थी, वो अब 800-1000 पर बिकेंगे।
अफीम किसान भी परेशान
वर्तमान समय की जो बारिश है, उसमें मालवा की प्रमुख फसल गेंहू किसान की कमर तोड़ दी है। गेंहू या तो लेट गए हैं, या कटे हुए सड़ने लगे हैं। इससे उसका रंग, स्वाद और आकार खराब हो जाएगा। किसानों की लागत तो दूर, बीज का पैसा भी नहीं निकलेगा। अफीम फसलें भी लोहाई पर है, डोडे में चीरा लगाने का काम चल रहा है। इस समय बारिश ने खसखस और अफीम फसलों को भी नुकसान पहुंचाया है।
-डीपी धाकड़, किसान नेता, सदस्य जिला पंचायत रतलाम।तत्काल सर्वे का काम हो शुरु
एक पखवाड़े पहले भी इस क्षेत्र में बारिश और ओलावृष्टि हुई थी, जिससे 20-30 प्रतिशत नुकसान हुआ था, लेकिन शुक्रवार को हुई बारिश ने 70 प्रतिशत तक फसलों को नष्ट कर दिया है। पहले भी सर्वे काम पूरी नहीं हुआ। प्रशासन और सरकार तत्काल खेतों में सर्वे शुरु करवाए, वरना गरीब और छोटे किसानों के सामने कर्ज के बोझ तले दबने और रोजीरोटी चलाने में भी भारी समस्या हो जाएगी।
-राजेश पुरोहित, अध्यक्ष जिला युवा किसान संघ।बारिश से आदिवासी किसानों का भारी नुकसान विधायक ने की मुआवजे की मांग
बारिश के कारण बाजना, सैलाना के दर्जनों गांवों में खेतों में खड़ी फसलें बरबाद हो गई हैं। गरीब, आदिवासी किसानों की मेहनत तो दूर, लागत तक नहीं निकलेगी। गेंहू की फसल लेट गई है या कटी हुई फसल सड़ने की कगार पर पंहुच गई है। सरकार और प्रशासन तत्काल राजस्व और कृषि अमले को खेतों में जाकर सर्वे करने के निर्देश दे। बीमा राशि उपलब्ध करवाने के साथ गरीब किसानों को मुआवजा दिया जाए, वरना किसान मरने की कगार पर पंहुच जाएगा। यह मांग सैलाना विधायक हर्षविजय गेहलोत ने की है। श्री गेहलोत ने कहा कि बाजना, सैलाना क्षेत्र सहित जिले में शुक्रवार को हुई बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि और आंधी ने किसानों का भारी नुकसान किया है। गेंहू, चना, प्याज, लहसुन फसलें खराब हुई हैं। विशेषकर गेंहू की तो 70 से 80 फीसदी तक फसलें बरबाद हो गई हैं। अत: सरकार तत्काल मुआजवा घोषित करें। प्रशासन भी जल्द सर्वे करवाए, अन्यथा किसानों के सामने कोई रास्ता नहीं बचेगा। गेंहू की फसल इतनी खराब हो चुकी है कि फायदा, लागत तो दूर की बात बीज और मजदूरी के पैसे भी नहीं निकलेंगे। श्री गेहलोत ने कहा कि जिले के अधिकतर आदिवासी किसान बेहद गरीब हैं, जिन्हें तत्काल सहायता दी जाए।
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