चार दिनों में ही तीन विभागों तक पहुंच गई फाईल 

रविवार को मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने ऐलान किया था कि दोनों  बड़े शहरों में अब कमिश्नर प्रणाली लागू होगी। इस ऐेलान के मात्र 4 दिन के अंदर ही तीन विभागों तक इसके लिए फाईल भी पहुंच गई है। 

चार दिनों में ही तीन विभागों तक पहुंच गई फाईल 


-भोपाल-इंदौर में कमिशनर प्रणाली लागू करने में सरकार की तेज रफ्तार 
भोपाल। भोपाल और इंदौर में कमिश्नर प्रणाली प्रारंभ करने को लेकर सरकार बहुत तेज रफ्तार से बढ़ रही है। रविवार को मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने ऐलान किया था कि दोनों  बड़े शहरों में अब कमिश्नर प्रणाली लागू होगी। इस ऐेलान के मात्र 4 दिन के अंदर ही तीन विभागों तक इसके लिए फाईल भी पहुंच गई है। 
अमूमन सरकारी फाईलों को एक टेबल से दूसरी टेबल तक पहुंचने में दिन नहीं महीनों का समय लग जाता है। लेकिन प्रदेश के मुखिया द्वारा ऐलान करने के चार दिनों के अंदर तीन विभागों तक फाईल पहुंचने से यह स्पष्ट है, कि बहुत जल्द ही इसपर अमल हो जाएगा। विधि विभाग, वित्त विभाग और गृह विभाग तक प्रणाली बदलने संबंधित दस्तावेजों सहित फाईल पहुंच चुकी हैं। 


आईएस लॉबी है विरोध में 
मुख्यमंत्री का ऐलान तो औपचारिक हुआ, लेकिन अनौपचारिक रूप से इस ऐलान ने आईएस लॉबी को नाराज कर दिया है। मध्य प्रदेश प्रशासनिक सेवा संघ, मध्य प्रदेश राजस्व अधिकारी संघ और अधिवक्ताओं के एक संघ ने तो खुलकर प्रणाली को लागू करने के  पहले उनका पक्ष सुने जाने की मांग की है। मप्र प्रशासनिक सेवा संघ ने तो मुुख्यमंत्री से समय भी मांगा है। 

...तो कमिशनर के हाथ में आ जाएंगे अधिकार
फिलहाल मध्यप्रदेश में कमिशनर प्रणाली लागू नहीं है जबकि महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान के कुछ बडेÞ शहरों सहित देश के कई राज्यों में यह प्रणाली लागू है। इस प्रणाली के लागू होने के बाद फिलहाल भोपाल-इंदौर शहरों में पुलिस कमिशनर की नियुक्ति होगी। कमिशनर के पास जिला दंडाधिकारी की हैसियत से अधिकांश लॉ एंड आॅर्डर वाली स्थिति में निर्णय लेने के अधिकार आ जाएंगे। इससे कलेक्टर के अधिकारों में कमी हो जाएगी। यह प्रणाली बड़े शहरों में इसलिए लागू की गई है क्योंकि वहां पुलिस ही तत्काल निर्णय ले सकती है, जबिक फिलहाल कलेक्टर से अनुमति मिलने पर ही अधिकांश बड़े निर्णय लिए जा सकते हैं।