रतलाम के गौरवशाली अतीत की अनमोल धरोहर, बंद अंधेरे कमरे में हो रही धूल धूसरित, कलेक्टर ने मोबाईल की रोशनी में जाना हजारों साल प्राचीन मुर्तियों का हाल, देखें वीडियो

यहां 10वीं सदी से लेकर 15वीं सदी तक की अनेक विशिष्ट प्रतिमाएं रखी गई थीं। परमार कालीन ये मूर्तियां देवी देवताओं की हैं और इतिहास के साथ धार्मिक महत्व भी है। कलेक्टर राजेश बाथम गुलाब चक्कर का निरीक्षण करने पंहुचे।

रतलाम के गौरवशाली अतीत की अनमोल धरोहर, बंद अंधेरे कमरे में हो रही धूल धूसरित, कलेक्टर ने मोबाईल की रोशनी में जाना हजारों साल प्राचीन मुर्तियों का हाल, देखें वीडियो
Ratlam Collector Rajesh Batham Visiting Gulab Chakkar


रतलाम। 10वीं, 11वीं, 12वीं सदी की एतिहासिक परमार कालीन शिलाएं और मूर्तियां जिन्हें दूसरे जिलों में धरोहर मानकर सहेजा जाता है, रतलाम में अंधेरे कमरे में सीलन, धूल और कीड़ों के बीच पड़ी हैं। रतलाम कलेक्टर राजेश बाथम  मंगलवार को इनकी सुध लेने पंहुचे तो अधिकारियों की लापरवाही पर खुद भी हैरान हो गए। अंधेरे कमरे में लाइट नहीं जलने पर कलेक्टर ने अपने मोबाइल की रोशनी में बंद कमरे में पड़ी एतिहासिक धरोहरों को देखा और इन्हें सेहजने के निर्देश दिए। 

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रतलाम के पुराने कलेक्ट्रेट परिसर स्थित गुलाब चक्कर में म्युजियम था जहां जिले में विभिन्न स्थानों की खुदाई के अलावा ­ार, धराड़, बिलपांक, आलोट आदि के प्राचीन मंदिरों से मिली ऐतिहासिक शिलाओं और प्रतिमाओं को रखा गया था। यहां 10वीं सदी से लेकर 15वीं सदी तक की अनेक विशिष्ट प्रतिमाएं रखी गई थीं। परमार कालीन ये मूर्तियां देवी देवताओं की हैं और इतिहास के साथ धार्मिक महत्व भी है। परंतु करीब 8 साल पहले गुलाब चक्कर के रखरखाव के लिए इन्हें हटाया गया। इसके कुछ समय बाद इन्हें एक कमरे में बंद करके रख दिया गया। कई सालों से जिले का समृद्ध इतिहास यहीं बंद है। 

कलेक्टर ने जताई नाराजगी 

मंगलवार शाम करीब 4.45 बजे कलेक्टर राजेश बाथम गुलाब चक्कर का निरीक्षण करने पंहुचे। इस दौरान उन्हें यहां स्थित म्युजियम और मूर्तियों के बारे में अधिकारियों ने बताया तो कलेक्टर ने इन्हें देखने की इच्छा जताई। पुराने कलेक्ट्रेट में ही उस कमरे में पंहुचे जहां मूर्तियां रखी थीं। लेकिन यहां पंहुचते ही कलेक्टर बंद इंतजामी और लापरवाही पर नाराज हो गए। पहले तो कक्ष की लाईट ही चालू नहीं हो सकी जिसके बाद कलेक्टर ने खुद अपने मोबाइल की रोशनी में इन ऐतिहासिक मूर्तियों को देखा। कक्ष में सीलन, कीड़े और धूल के बीच पड़ी मूर्तियों पर कलेक्टर ने अधिकारियों पर नाराजगी जताई। उन्होंने निर्देशित किया कि इन्हें साफ करवाकर व्यवस्थित रूप से रखा जाए ताकि भावी पीढियां भी हमारे भव्य इतिहास और सांस्कृतिक विरासत को देख और अनुभव कर पाए। 

गुलाब चक्कर को लेकर बनेगी योजना 

इस दौरान कलेक्टर श्री बाथम ने गुलाब चक्कर का लाभ आम लोगों को देने के लिए योजना बनाने के निर्देश भी दिए। उन्होंने अधिकारियों से पूछा कि यहां ओपन रेस्टोरेंट, सांस्कृतिक आयोजनों के लिए अच्छे स्थान के रूप में विकसित किया जाए। एडीएम आरएस मंडलोई, एसडीएम अनिल भाना, परियोजना अधिकारी डूडा एके पाठक समेत विभागीय अधिकारी मौजूद रहे। कलेक्टर ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि गुलाब चक्कर को समूचित रूप से विकसित करने और आम लोगों के लिए लाभ के लिए योजना बनाएं। कलेक्टर ने कहा कि शहर के बीचों बीच इतना अच्छा स्थान वीरान पड़ा है।