रतलाम में एक ग्राम पंचायत सरपंच ने प्रशासनिक अमले से परेशान होकर तीन माह का अवकाश मांगा , किसी सरपंच द्वारा छुट्टी मांगने का यह प्रदेश में पहला मामला
जिले के एक ग्राम पंचायत सरपंच ने प्रशासनिक अमले से परेशान होकर तीन माह का अवकाश मांग लिया हैं। किसी सरपंच द्वारा छुट्टी मांगने का यह प्रदेश में पहला मामला हैं।
रतलाम। एक तरफ भोपाल में प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल ‘‘आत्मनिर्भर पंचायत एवं समृद्ध मध्यप्रदेश ’’ पर कान्फेंस कर रहे है। वहीं दूसरी तरफ रतलाम जिले के रिगंनोद ग्राम पंचायत का सरपंच विकास कार्यो के भुगतान के लिए भटक रहा है और परेशान होकर जिला पंचायत सीईओ से अवकाश मांग रहा हैं।
मामला जिले के जावरा जनपद पंचायत क्षत्र के ग्राम पंचायत रिंगनोद का हैं। यहां के यूसुफ खान का आरोप है कि यहां पिछले 2 सालों में चार बार सचिव बदल दिए गए हैं। इतना ही नहीं 6 महीनों से मौखिक रूप से ग्राम पंचायत द्वारा करवाए जा रहे विकास कार्यो का भुगतान भी नहीं करने दिया जा रहा है। इस कारण यहां न तो काम हो पा रहा है न ही आम लोगों को योजना का लाभ मिल रहा है।
जावरा विधानसभा की सबसे बड़ी पंचायत रिंगनोद के सरपंच यूसुफ खान ने गुरुवार को जिला पंचायत सीईओ और जनपद पंचायत जावरा सीईओ को अपनी परेशानियों का पत्र देते हुए उन्हे तीन माह की छुट्टी मांगी हैं। सरंपच ने बताया कि ग्राम पंचायत में 6 महीने से कोई भुगतान नहीं करने दिया जा रहा है जिससे विकास काम प्रभावित हो गए हैं। रिंगनोद के आम लोग भी परेशान हैं और सरपंच तथा पदाधिकारियों से सवाल कर रहे हैं। साथ ही बताया कि 2 साल में ग्राम पंचायत सचिव के रूप में तेजराम सूर्यवंशी, जगदीश चौहान, विष्णु झााला को नियुक्त किया गया। सभी को काम समाते ही हटा दिया गया। वर्तमान रणवीर सिंह को नियुक्त किया गया है, लेकिन इनके पास अतिरिक्त पंचायत हाटपिपलिया का अतिरिक्त प्रभार है जिसके कारण रिंगनोद में पूरा ध्यान नहीं दे पा रहे हैं।
नहीं दिया कोई भी पत्र, लेकिन नहीं हो रहा भुगतान
सरपंच खान ने पत्र में बताया कि पंचायत सफाई, पेयजल का कर तक वसूल नहीं कर पा रही है और व्यवस्था भी पूरी तरह चरमरा रही है, जिससे जनप्रतिनिधियों के साथ आम लोग परेशान हैं। उन्होंने यह भी बताया कि मौखिक रूप से भुगतान नहीं करने के आदेश दिए जा रहे हैं और जांच चलने की बात भी कही गई है। लेकिन आज तक इस संबंध में कोई भी पत्र उन्हें नहीं मिला है। सरपंच ने कहा कि जानबूझ कर उन्हें बदनाम करने और विकास रोकने की साजिश की जा रही है, जिससे वह तनाव में होकर बीमार रहने लगे हैं। आम लोगों के सवालों का जवाब नहीं दे पा रहे हैं।
भुगतान पर नहीं हैं रोक
सरपंच ने अवकाश का पत्र दिया है, उसे जिला पंचायत भेज कर मार्गदर्शन मांग रहे है। ग्राम पंचायत के भुगतान करने पर कोई रोक नहीं हैं। सरपंच क्यों परेशान है ये वो ही बता सकते है , उनका कोई अन्य कारण हो सकता है। सरपंच -सचिव मिलकर पंचायत के कार्यो का संचालन करते है, सचिव कोई भी आए काम प्रभावित नही होते हैं।
बलवंत नलवाया
सीईओ ,जनपद पंचायत जावरा
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