साहब मुझे 2006 में मार दिया, मुझे इंसाफ दो... -एसपी के पास पंहुचा अजब मामला- पत्नियों से पीड़ित पति भी पहुंचे

एसपी के पास पंहुचा अजब मामला- साहब मुझे 2006 में मार दिया- मुझे इंसाफ दो... पत्नियों से पीड़ित पति भी पहुंचे

साहब मुझे 2006 में मार दिया, मुझे इंसाफ दो... -एसपी के पास पंहुचा अजब मामला- पत्नियों से पीड़ित पति भी पहुंचे

रतलाम। मुझे 2006-07 में मृत घोषित कर दिया गया, लेकिन मैं जिंदा हूं। मुझे तो अब जानकारी हुई है कि मैं मर चुका हूं, मुझे कागजों पर जिंदा करके, यह साजिश करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। 
                                            यह अजीब सी दरख्वास्त लेकर गोवर्धन पिता हकजी निवासी जुलवानिया ने एसपी गौरव तिवारी के पास पहुंचा। उसने बताया कि गांव के बाबू पिता फूलजी व नारायण पिता फूलजी ने ग्राम पंचायत के सचिव/पटवारी के साथ मिलकर साजिश की है। उन्होंने वर्ष 2006-07 में उसे मृत घोषित करके खाता-खसरा में भी हेरफेर करके उसकी जमीन को हड़प लिया। एसपी ने मामले में जांच के आदेश दिए हैं। 

भगोड़ी दुल्हनों से परेशान पतियों ने लगाई अर्जी 
ग्राम गोंदीशंकर के चन्द्रसिंह ने एसपी को बताया कि उसने किशोर निवासी कलालिया, राम सेवक निवासी इंदौर और राम किशन निवासी इंदौर के माध्यम से शादी की। तीनों ने इंदौर की लता रावत के साथ शंकर मंदिर गोन्दी- धर्मसी में शादी करवा दी। इसके एवज में डेढ़ लाख रुपए नगद लिए। इंदौर कोर्ट में स्टाम्प पर विवाह एग्रीमेन्ट भी बनवाया। इसके बाद लता उसके साथ पत्नी बनकर गोंदीशंकर भी आ गई। 15 दिन बाद ही लता का कथित भाई उसे राखी पर ले जाने के लिए आ गया। राखी के बाद जब लता को भेजने के लिए फोन लगाया तो कथित भाई ने भेजने से इनकार कर दिया। भाई ने कहा कि लता तलाक चाहती है। 30 हजार रूपए देकर तलाक ले लें, वरना दहेज और घरेलु हिंसा का प्रकरण दर्ज करवा देंगे। 


शादी की, गहनें रुपए लेकर हो गई गायब 
अन्य मामले में ताल के रहने वाले राकेश ने बताया कि अविवाहित होने पर उसने दशरथ उर्फ मोहन निवासी लखमाखेड़ी से बात की। मोहन ने उसे गुरुवारी से मिलवाया। इसके बाद मदनलाल पिता नागू, नागू सूर्यवंशी, नारायण सूर्यवंशी, दशरथ सूर्यवंशी आदि भी गुरुवारी की ओर से शामिल हुए। मोहन ने एक लाख रुपए खर्च की बात कही लेकिन राकेश और उसकी माता शक्कुबाई से चर्चा के बाद 40 हजार रुपए में तय हुआ। राकेश ने मोहन को 40 हजार रुपए दे दिए जिसके बाद गुरुवारी उसके साथ रहने लगी। आते ही उसकी माता शक्कुबाई का सोने का मंगलसूत्र और चांदी के गहने तथा घर में रखे 20 हजार और गुरुवारी गायब हो गए। उसने पुलिस में गुमशुदगी भी दर्ज की। पुलिस ने गुरुवारी को ढूंढ़ लिया लेकिन गहनें रुपए नहीं दे रही और आने से भी इनकार कर रही है।