विधानसभा में गुरूवार का दिन रहा खास , रतलाम जिले के दो विधायकों ने अवैध कॉलोनियों को लेकर उठाई आवाज, मंत्री काश्यप ने भी की बड़ी घोषणा

विधानसभा के बजट सत्र में गुरूवार का दिन खास रहा। इस दिन रतलाम शहर के विधायक एवं प्रदेश के एमएसएमई मंत्री चैतन्य काश्यप ने अपने वेतन-भत्ते तीसरी बार छोड़ने की घोषणा की तो जिले के दो विधायको ने कॉलोनाईरों की मनमानी के विरूद्ध आवाज उठाई। 

विधानसभा में गुरूवार का दिन रहा खास , रतलाम जिले के दो विधायकों ने अवैध कॉलोनियों को लेकर उठाई आवाज, मंत्री काश्यप ने  भी की बड़ी घोषणा


रतलाम। अवैध कॉलोनाईजरो को लेकर जिले के दो विधायक गुरूवार को विधानसभा में मुखर हुए। रतलाम नगर निगम एंव जिले की अवैध कॉलोनियों को लेकर जावरा विधायक डॉ राजेन्द्र पाण्डेय एवं सैलाना के विधायक कमलेश्वर डोडियार ने सवाल उठाए।
विधानसभा के बजट सत्र में गुरूवार का दिन खास रहा। इस दिन रतलाम शहर के विधायक एवं प्रदेश के एमएसएमई मंत्री चैतन्य काश्यप ने अपने वेतन-भत्ते तीसरी बार छोड़ने की घोषणा की तो जिले के दो विधायको ने कॉलोनाईरों की मनमानी के विरूद्ध आवाज उठाई। 


जावरा के विधायक डॉ राजेन्द्र पाण्डेय ने सवाल नगरीय विकास एवं आवास मंत्री से सवाल किया कि रतलाम जिले में भी नियम विरुद्ध शहरी एवं शहरी क्षेत्र से लगे क्षेत्रों में अवैध कॉलोनियां निरंतर बनाई जाकर आम गरीब जन को मूलभूत सुविधा से वंचित कर मानसिक प्रताड़ना दी जा रही है। किन-किन स्थानों पर अवैध एवं अविकसित कॉलोनी के साथ बिना किसी नियम प्रक्रिया पालन के काटी गई कितनी कॉलोनियां चिन्हित की गई? विधायक डॉ पाण्डेय ने कहा क्या इनके मानचित्र संबंधित निकाय, नगर निवेश विभाग अथवा ग्राम पंचायत द्वारा अनुमोदित किए गए तो, क्या इन्हें कॉलोनी विकसित किए जाने के समय नोटिस दिए गए? नियमानुसार आश्रय शुल्क जमा किया गया तो कहां किस खाते में जमा किया गया एवं क्या नियमानुसार प्लॉट बंधक रखे गए तथा गरीब एवं मध्यम वर्ग हेतु एवं बगीचा इत्यादि हेतु भूमि रिक्त रखी गई? 
सवाल में डॉ पाण्डेय ने पूछा अनियमित कॉलोनियों के संबंध में क्या-क्या कार्यवाही की गई? उन कार्यवाहियों के परिणाम क्या आए? साथ ही विगत वर्षों में कॉलोनाइजर्स के विरुद्ध एफ.आई.आर. दर्ज की गई तो उसके पश्चात क्या विवेचना इत्यादि पूर्ण होकर न्यायालय में प्रकरण प्रस्तुत करवाया गया तथा बंधक प्लॉट विक्रय कर विकास कार्य किए गए एवं जमा आश्रय शुल्क की राशि के माध्यम से क्या-क्या कार्य किए गए ? विधायक डॉ राजेंद्र पांडेय ने पीओ डूडा पर भी विधानसभा में सवाल उठाए , इसके अलावा कॉलोनी सेल को लेकर भी सदन में अनियमितता की आवाज उठाई 

कैलाश विजयवर्गीय ने दिया जवाब 
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री  कैलाश विजयवर्गीय ने अपने जवाब में कहा  नगरीय क्षेत्र एवं नगरीय क्षेत्र से लगे क्षेत्रों में अनधिकृत रूप से कॉलोनियों का निर्माण होता है, जिनके विरुद्ध दण्डात्मक कार्यवाही करने के लिए अधिनियम में उपबन्ध भी रखे गए हैं, जिसके अनुसार सक्षम प्राधिकारी द्वारा स्थानीय स्तर पर कार्यवाही की जाती है। अनधिकृत कॉलोनियों में मूलभूत सुविधाओं का अभाव रहता है, जिसके दृष्टिगत राज्य सरकार द्वारा निर्दिष्ट अवधि के पर्व अस्तित्व में आई नगरीय क्षेत्र की चिन्हित अनधिकृत कॉलोनियों में नागरिक अधोसंरचना प्रदान करने के लिए म.प्र. नगरपालिका
(कॉलोनी विकास) नियम, 2021 में प्रावधान हैं। 

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सैलाना विधायक ने रतलाम, इंदौर एवं भोपाल की जानकारी मांगी 
सैलाना विधायक कमलेश्वर डोडियार ने भी नगरीय विकास एवं आवास मंत्री से नगरीय निकायों से संबधित सवाल किया। डोडियार ने सवाल में कहा कि मध्यप्रदेश के इंदौर एवं भोपाल एवं रतलाम नगर निगम में विगत तीन वर्षों में कितने अवैध निर्माणकतार्ओं/बिल्डरों को मध्यप्रदेश नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 के विभिन्न प्रावधानों के अंतर्गत अवैध निर्माण को हटाने/अवैध निर्माण को तोड़ने हेतु सक्षम अधिकारी द्वारा नोटिस दिए गए। उक्त समस्त दिए गए नोटिस का क्रमांक अवैध निर्मित भवन का क्रमांक, भवन स्वामी का नाम एवं नोटिस देने वाले सक्षम अधिकारी का नाम पदनाम सहित बताएं।
विधायक डोडियार ने पुछा  कितने अवैध निमार्णों को नगर निगम इंदौर एवं भोपाल के सक्षम अधिकारियों द्वारा अवैध निर्माण तोड़ने की कार्रवाई की गई। पृथक-पृथक संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें।अधिकारी का नाम, पदनाम सहित संपूर्ण सूची पृथक-पृथक उपलब्ध करावें।  कितने अवैध निमार्णों को तोड़ा गया। बतावें, यदि नहीं, तो क्यों नहीं की गई। इसके लिए कौन दोषी हैं, बतावें। भवन अनुज्ञा शाखा के दोषी अपर आयुक्त, सहायक यंत्री एवं उपयंत्री को कब तक निलंबित कर विभागीय जांच आदेशित की जाएगी, बतावें।  नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय के ज्ने सदन में जानकारी दी जानकारी संकलित की जा रही है।

एमएसएमई मंत्री चेतन्य काश्यप ने वेतन-भत्ता नहीं लेने का ऐलान किया
मध्य प्रदेश के सबसे रईस बीजेपी विधायक एंव एमएसएमई मंत्री चेतन्य काश्यप ने वेतन-भत्ता नहीं लेने का ऐलान किया है।15 वीं विधानसभा में भी रतलाम शहर से विधायक चैतन्य कश्यप ने वेतन-भत्ता नहीं लिया था। विधायक चैतन्य कश्यप ने गुरुवार को सदन की कार्यवाही में  सदन को इसकी सूचना दी थी। 
उन्होंने कहा कि उनके वेतन-भत्तों की राशि सरकारी खजाने में जमा करा दें। वह बोले राष्ट्रसेवा और जनहित मेरा ध्येय है।  किशोरा अवस्था से ही सामाजिक कार्यों में अग्रसर हूं।  ईश्वर ने मुझे इस योग्य बनाया है कि मैं जन सेवा में थोड़ा योगदान कर सकूं। इसलिए वेतन भत्ते और पेंशन नहीं लेने का निश्चत किया है। प्रदेश के विधायकों को 30 हजार रुपये प्रति माह वेतन मिलता है, जबकि निर्वाक्षेत्र भत्ता 35 हजार, भत्ता 10 हजार रुपये, कम्प्यूटर आॅपरेटर भत्ता 15 हजार रुपये, लेखन सामग्री-डाक भत्ता के रूप में 10 हजार रुपये प्रति महीने मिलते हैं. इस तरह प्रत्येक विधायक को महीने के 1 लाख 10 हजार रुपये मिलते हैं। 
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