कलेक्ट्रेट पहुंची आदिवासी बेटी, तो कलेक्टर ने किया कुछ ऐसा कि सभी हो गए भावुक - देखें वीडियो - कलेक्टर सूर्यवंशी ने पेश की संदेवनशीलता की मिसाल 

When a tribal girl reached collectorate, the collector did something that made everyone emotional Collector Suryavanshi set an example of sensitivity मन में शंका लिए वो कलेक्टर के पास थोड़ी बहुत मदद की उम्मीद में पंहुची। लेकिन वहां कलेक्टर ने कुछ ऐसा कर दिया जिसने न केवल उस बेटी की उम्मीद पूरी कर दी, बल्कि हर सुनने-देखने वालों को भी मानवता और संवेदनशीलता की ऐसी मिसाल मिली जो भावुक कर गई। 

कलेक्ट्रेट पहुंची आदिवासी बेटी, तो कलेक्टर ने किया कुछ ऐसा कि सभी हो गए भावुक - देखें वीडियो - कलेक्टर सूर्यवंशी ने पेश की संदेवनशीलता की मिसाल 
Ratlam Collector


रिपोर्टर, न्यूजएमपीजी रतलाम। पिता का एक्सीडेंट हुआ, उन्हें अत्याधिक घायल होने पर गरीब आदिवासी बेटी, अपनी मां के साथ निजी अस्पताल ले गई। वहां इलाज का खर्च लाखों हो गया। अस्पताल प्रबंधन ने पैसा जमा नहीं करवा पाने पर पिता को आईसीयू से बाहर कर दिया तो बेटी के सामने कोई रास्ता न बचा। मन में शंका लिए वो कलेक्टर के पास थोड़ी बहुत मदद की उम्मीद में पंहुची। लेकिन वहां कलेक्टर ने कुछ ऐसा कर दिया जिसने न केवल उस बेटी की उम्मीद पूरी कर दी, बल्कि हर सुनने-देखने वालों को भी मानवता और संवेदनशीलता की ऐसी मिसाल मिली जो भावुक कर गई। 
                                    सोमवार को कलेक्ट्रेट में बाजना क्षेत्र के ग्राम इमलीपाड़ाकला की आदिवासी बालिका मनीषा चरपोटा पहुंची। उसने कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी से भेंट की और बताया कि उसके पिता दुर्घटना के कारण शाह नर्सिंग होम में भर्ती हैं। काफी राशि उपचार पर खर्च हो चुकी है। अस्पताल को अभी 2 लाख रुपए और चाहिए। अब परिवार के पास पैसे नहीं है। इसके कारण अस्पताल वालों ने आईसीयू से भी उसके पिता को बाहर करके जनरल वार्ड में भर्ती कर दिया है और 4 दिन से इलाज भी नहीं कर रहे हैं।

बालिका की पीड़ा को सुनते ही कलेक्टर ने उसके सर पर हाथ रखा और फिर सीईओ जिला पंचायत जमुना भिड़े एवं सीएमएचओ को साथ लेकर अस्पताल में पहुंचे। बालिका के पिता मरीज भूरजी चरपोटा को देखा। अस्पताल प्रबंधन को सख्ती से निर्देशित किया कि भूरजी का पूर्ण उपचार किया जाए। उसको किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं आने पाए। कलेक्टर ने मरीज को वापस आईसीयू में भर्ती करवाया तथा अस्पताल प्रबंधन से कहा कि मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान अत्यंत संवेदनशील है। मुख्यमंत्री के निदेर्शानुसार मरीज के उपचार का पूरा खर्च शासन प्रशासन वहन करेगा।


अस्पताल का बदला मन नहीं लेंगे 2 लाख 

कलेक्टर की संवेदनशीलता देखकर अस्पताल प्रबंधन ने भी आदिवासी परिवार से मरीज के उपचार की पेंडिंग राशि के 2 लाख रुपए नहीं लेने का निर्णय लिया। कलेक्टर ने अन्य खर्चों के लिए बालिका को रेडक्रॉस से 25 हजार रुपया का चेक भी दिया। 

छलक पड़े बेटी और देखने वालों के भी आंसू 

कलेक्टर ने मनीषा और उसकी भाभी अमरीबाई से कहा कि भूरजी चरपोटा को हर आवश्यक उपचार दिलवाया जाएगा। आगे यदि किसी और अच्छे अस्पताल में भर्ती कराने की आवश्यकता होगी तो वह भी किया जाएगा। शासन उनके साथ है। कलेक्टर की सहृदयता देखकर बेटी ही नहीं बल्कि यह नजारा देखने वालों के भी आंसू छलक पड़े। परिवार ने कलेक्टर के साथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का आभार जताया।