सेव-परमल कांड: लापरवाही पर लीपापोती या पक्षपात? शिक्षा विभाग में अपनों को बचाने का ‘खेल’ जारी!

Ratlam's Lalguwadi primary school served Sev-Permal instead of Kheer-Puri in the midday meal on 24 June 2025, sparking controversy. Suspension of BAC Bhupendra Sisodiya raised questions on the education department’s biased action, while main officials escaped scrutiny. Teacher unions have opposed the unilateral action.

Jul 22, 2025 - 18:08
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सेव-परमल कांड: लापरवाही पर लीपापोती या पक्षपात? शिक्षा विभाग में अपनों को बचाने का ‘खेल’ जारी!
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रतलाम @newsmpg।  शिक्षा विभाग में अपनों को बचाने और दूसरों पर गाज गिराने की सुगबुगाहट एक बार फिर उजागर हुई है। मध्याह्न भोजन में गंभीर लापरवाही के बाद रतलाम जिले में जो कार्रवाई हुई, संगठन और शिक्षक उसके विरोध में उतरने लगे हैं।

लालगुवाड़ी स्कूल में बच्चों को खीर-पूड़ी की बजाय सेंव-परमल परोसे जाने का मामला वायरल होने के बाद जिस तरह बीएसी, जनशिक्षक और प्रधानध्यापिका को जल्दीबाजी में सस्पेंड किया गया है, उसपर सवाल उठ रहे हैं। वहीं जिम्मेदार अन्य जनशिक्षक और बीआरसी, निरीक्षण के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं होना भी कई सवाल खड़े कर रहा है। 

मामला लालगुवाड़ी प्राथमिक विद्यालय में बांटे गए सेव परमाल का है। मामले में पूरे प्रदेश में रतलाम की खिल्ली उड़ी थी। घटनाक्रम 24 जून 2025 का था जब मध्याह्न भोजन नहीं आने पर बच्चों को सेंव परमल परोसकर खिलाई गई थी। जबकि इस दिन समूह को नियमानुसार खीर-पुडी खिलानी थी। जब वीडियो वायरल हुआ और भोपाल तक पंहुचा तो ताबड़तोड़ जिला पंचायत सीईओ रतलाम ने संज्ञान लेते हुए एडिशनल सीईओ निर्देशक शर्मा को जांच के निर्देश दिए थे। 

तीन दिन का वक्त दिया, लेकिन दूसरे दिन किया निलंबित

जांच के बाद 15 जुलाई 2025 की रात 10 बजे वाटसएप पर बीआरसी (विकासखंड स्त्रोत समन्वयक) और बीएसी भूपेंद्र सिसोदिया, प्रधानअध्यापिका विजया मईड़ा को नोटिस जारी किए गए। नोटिस में तीन दिवस के अंदर जवाब मांगा। व्यक्ति जवाब दे सके, इसके पहले 17 जुलाई की दोपहर को ही भूपेंद्र सिसोदिया और विजया मईड़ा को निलंबित कर दिया गया। जबकि नोटिस में तीन दिन में जवाब देने का समय दिया गया था।

बिना नोटिस ही कर दिया निलंबित

इसी मामले में जनशिक्षक (कुआ­ाागर) कैलाश डामोर को बिना नोटिस जारी किए गए, 17 जुलाई को निलंबित कर दिया गया। इन्हें जवाब देने के लिए मौका तक नहीं दिया गया। सूत्रों के अनुसार  सिसोदिया ने जवाब में बताया है कि उन्हें 15 की रात को वाट्सएप पर नोटिस मिला है, जिसमें तीन दिन में जवाब मांगा गया है। परंतु जवाब सुनने के पहले ही उन्हें 17 जुलाई को दोपहर को ही निलंबित कर दिया गया है। इसी तरह श्रीमती मईड़ा को भी दूसरे ही दिन निलंबित कर दिया गया। 

इनपर खास मेहरबानी

प्रकरण में खास बात यह है कि लालगुवाड़ी प्राथमिक विद्यालय जनशिक्षा केंद्र कुआ­ाागर के तहत है। यहां की समस्या व्यवस्थाएं करने की जिम्मेदारी और निरीक्षण करके रिपोर्ट देने की जिम्मेदारी जनशिक्षक केंद्र कुआ­ाागर का प्रभार सम्भालने वाले जनशिक्षक और बीएसी अशफाख कुरैशी की है। कुरैशी को नोटिस तक जारी नहीं किया गया है। जबकि नियमानुसार जनशिक्षक और बीएसी की रिपोर्ट के आधार पर और निरीक्षण करके व्यवस्थाओं का संचालन विखासखंड स्त्रोत समन्वयक का जिम्मा है। बीआरसी विवेक नागर को नोटिस देने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

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क्या है नियम, कौन है जिम्मेदार 

दरअसल मध्यप्रदेश में शासकीय विद्यालयों में समूहों या मध्याह्न भोजन भेजने वाली संस्थाओं द्वारा टेंडर के आधार पर भोजन व्यवस्था की जाती है। इन समूह और संस्थाओं का प्रशासन के साथ एग्रीमेंट जनपद पंचायत के माध्यम से होता है। जबकि इन्हें भुगतान करने की जिम्मेदारी जिला पंचायत की होती है। मध्याह्न भोजन में बच्चों को क्या मिलेगा, उसका मीनू, उसकी गुणवत्ता आदि प्रति दिन के लिए अलग-अलग पहले से तय होता है। इसकी गुणवत्ता, मीनू अनुसार भोजन समय पर मिल रहा है या नहीं, इसका निरीक्षण करने का दायित्व जनपद पंचायत का है। शिक्षा विभाग में निरीक्षण करने का दायित्व बीआरसी, बीएसी जिन्हें संकुल अनुसार प्रभार दिया गया हो तथा मध्याह्न भोजन का प्रभार दिए गए बीएसी का है। कोई गड़बड़ी न हो इसके लिए जिला स्तर पर मॉनीटरिंग के लिए डीपीसी, सहायक कार्यक्रम अधिकारी, जिला नोडल अधिकारी आदि भी जिम्मेदार 

इस मामले में क्या हुआ

रतलाम में सेंव परमाल मामले में वीडियो वायरल होने के बाद जिला पंचायत सीईओ ने जांच आदेश 15 जुलाई को एसीईओ निर्देशक शर्मा को दिए। इन्हीं के पास जनपद पंचायत सीईओ का प्रभार है तथा मध्याहन भोजन के लिए जिला नोडल अधिकारी भी हैं। नोडल अधिकारी के द्वारा जारी आदेश केवल वाट्सएप पर रात 10 बजे बीएसी भूपेंद्र सिसोदिया को मिला। जबकि प्रधानध्यापिका विजया मईड़ा और जनशिक्षक कैलाश डामोर को अगले दिन नोटिस की जानकारी मिली। जबकि इसी दिन 16 जुलाई को नोडल अधिकारी जांच के लिए संबंधित स्कूल पंहुचे और रिपोर्ट बनाकर जिला पंचायत सीईओ को भेज दी। 17 जुलाई को सीईओ के आदेश पर सिसोदिया सहित तीनों कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया।

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संगठन उतरे विरोध में

मामले में तीन कर्मचारियों पर हुई कार्रवाई के विरोध में शिक्षक और कर्मचारी संगठन उतर गए हैं। आजाद अध्यापक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष सुनील कुमार गौंड ने बताया कि तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ, आजाद अध्यापक शिक्षक संघ, शासकीय शिक्षक संघ आदि की बैठक हुई। इसमें सभी ने संयुक्त मोर्चा के माध्यम से मामले में हो रही एक पक्षीय और पक्षपात पूर्ण कार्यवाही के विरोध में सीईओ जिला पंचायत से मिलकर चर्चा करने का निर्णय लिया। आजाद अध्यापक संघ के संभागीय अध्यक्ष प्रकाश शुक्ला ने बताया कि कार्यवाही में जिम्मेदार अधिकारियों को पूरी तरह बचाया गया है। ऐसे में बुधवार को जिपं सीईओ से मुलाकात की जाएगी

निर्दोष पर नहीं होगी कार्यवाही 

सभी कार्यवाही नियमानुसार की जा रही है। सभी संबंधित कर्मचारियों को चार्जशीट दी जाएगी। निलंबन तो जांच का सामान्य हिस्सा है, यह सजा नहीं है। जो भी निर्दोष हैं, उनपर कार्यवाही नहीं होगी, यह तो निश्चित ही है। 
- निर्देशक शर्मा, नोडल अधिकारी मध्याह्न भोजन एवं प्रभारी सीईओ जनपद पंचायत रतलाम 

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