चौथे दिन विधायक डोडियार और सभी को मिली जमानत, आगे की रणनीति होगी तय
विधायक और समर्थकों को मिली जमानत बुधवार को हुई थी गिरफ्तारी
रतलाम @newsmpg। भारत आदिवासी पार्टी से सैलाना विधायक कमलेश्वर डोडियार को चौथे दिन जमानत मिल गई है। तीन दिनों से जेल में बंद विधायक के समर्थकों ने इसके पहले जेल भरो आंदोलन, मौन धरने और सोशल मीडिया पर धोलावाड़ से पेयजल रोकने की भी चेतावनी वायरल कर दी।
इसके पहले झोपड़ी वाले विधायक कमलेश्वर डोडिया और उनके साथ बंद अन्य लोगों को जमानत नहीं मिलने पर विधायक समर्थकों ने जेल भरो आंदोलन करने की चेतावनी दी थी। इतना ही नहीं सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने धोलावाड़ से शहर तक आने वाला पानी रोकने की भी चेतावनी डाली थी। इन चेतावनियों के बीच विधायक की ओर से अधिवक्ता दिनेश अटोलिया और नंदकिशोर कटारिया ने पैरवी की जिसपर एसडीएम न्यायालय ने सभी को जमानत दे दी है।
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विधायक और समर्थकों को मिली जमानत
सैलाना विधायक कमलेश्वर डोडियार के साथ भूरालाल (25) पिता हुमजी देवदा निवासी वासी सुंदेल सुंदेल (रावटी), दीपक (25) पिता हीरालाल निनामा निवासी विनोबा नगर, दिनेश (25) पिता रामाजी माल निवासी रामपुरिया, दिलीपसिंह (28) पिता लखनलाल तड़वी निवासी रेहटी (सिहोर), छोटू (18) पिता राधू गरवाल निवासी भीलड़ी (रावटी), सिद्धार्थ (50) पिता स्व. आरएन गुप्ता निवासी भोपाल, ध्यानवीर (41) पिता दर्शनसिंह डामोर निवासी जाम्बूखादन, दिनेश (19) पिता कानजी निवासी बड़ी सरवन, पप्पू (28) पिता कमजी डामोर निवासी अडवानिया, मांगीलाल (45) पिता नेमजी राणा निवासी पांडिचरी, जितेंद्र (28) पिता कोजाराम राणा व गौतमपुरी (34) पिता प्रकाशपुरी दोनों निवासी पाली, करण (20) पिता धरमसिंह कर्मा निवासी सिंगापुरा (सीहोर) को जमानत मिल गई है।
यहां से शुरु हुआ था विवाद
विवाद की शुरुआत 5 दिसंबर को जिला अस्पताल में हुई थी जब विधायक डोडियार जिला अस्पताल पंहुचे थे। यहां डॉ. सीपीएस राठौर के साथ विवाद हो गया था। वीडियो भी सामने आया था। डॉक्टर ने विधायक को अपशब्द कहे तो विधायक की भी डॉक्टर से तू-तू, मैं-मैं हो गई थी। इसके अगले दिन विधायक की रिपोर्ट पर डॉक्टर के खिलाफ पुलिस ने धरने पर बैठने के बाद केस दर्ज किया था। डॉक्टरों ने भी विधायक के बर्ताव को लेकर थाने में शिकायत की थी। डॉक्टर के सस्पेंड नहीं होने के विरोध में 11 दिसम्बर को बिना अनुमति के विधायक व उनके समर्थक बुधवार को शहर में नेहरु स्टेडियम में आंदोलन करने वाले थे। यहां जिला प्रशासन और पुलिस ने शहर में भीड़ नहीं आ सके इसलिए बैरिकेडिंग की थी और विधायक को गिरफ्तार भी कर लिया था।
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बुधवार को हुई थी गिरफ्तारी
11 दिसम्बर को सुबह ही विधायक अपने समर्थकों के साथ बंजली हवाई पट्टी पहुंचे थे जहां से पुलिस ने 13 लोगों को गिरफ्तार कर सर्किल जेल भेज दिया था। जानकारी समर्थकों को लगने पर आदिवासी बंजली हवाई पट्टी के पास पहुंचे थे और धीरे-धीरे रिहाई की मांग को लेकर 4.30 बजे रतलाम-सैलाना रोड के बीच आए थे। पुलिस की सख्ती के सामने सभी रतलाम-बांसवाड़ा मुख्य रोड पर बैठ गए थे और करीब 5 घंटे तक प्रदर्शन चला था। तीन में डॉक्टर के निलंबन नहीं होने और विधायक की जमानत नहीं होने पर कलेक्ट्रेट व एसपी आॅफिस के घेराव की चेतनावनी दी थी।
इसलिए नहीं मिली थी जमानत
बुधवार शाम को विधायक को रिहा करने एवं चिकित्सक को तीन दिन में निलंबित करने के आश्वासन पर आंदोलन को समाप्त किया गया था। गुरूवार सुबह अधिवक्ता एसडीएम कार्यालय पहुंचे तो शहर एसडीएम अनिल भाना के हाई कोर्ट इंदौर में जाने की जानकारी मिली थी जिस कारण विधायक को जमानत नही मिल सकी थी। शुक्रवार को भी यही क्रम चला। शुक्रवार देर रात तक कलेक्ट्रेट में डटे विधायक के समर्थकों ने शनिवार को जमानत नहीं मिलने पर जेल भरो आंदोलन करने और मौन धरना देने की चेतावनी दी थी।
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