अंतिम संस्कार के लिए संकरे, कीचड़ से सने रास्ते पर चलने को मजबूर ग्रामीण बिफरे, कांग्रेस नेता सोलंकी ने पंहुचकर अधिकारियों से की बात -जानिये कहां शमशान के लिए लोग हुए नाराज
On Monday morning in Arnia Gurjar village a person died. the villagers started trying to go for his last rites but it was very difficult to go through the unpaved, narrow path near the ditch. angry villagers called Virendra Singh Solanki
रतलाम। भारी बारिश के बीच गांव के व्यक्ति की मृत्यु से भी ज्यादा परेशानी जब अंतिम संस्कार ने पैदा कर दी तो गांव वाले बिफर पड़े। यह स्थिति हुई सोमवार सुबह ग्राम अरनिया गुर्जर में। यहां 5 सालों से शमशान तक रास्ता नहीं होने और प्रशासन की अनदेखी से परेशान ग्रामीणों ने कांग्रेस नेता विरेंद्र सिंह सोलंकी को बुलाया। सोलंकी ने तुंरत वहां पंहुचकर अधिकारियों से चर्चा की और मामला शांत करवाया।
दरअसल गांव अरनिया गुर्जर में ही रहने वाले रामलाल चंद्रवंशी की रविवार रात को अचानक मृत्यु हो गई। सोमवार सुबह उनके अंतिम संस्कार के लिए गांव वाले जाने की कोशिश करने लगे, लेकिन कच्चे, खाई के समीप पतली सी पगडंडी से होकर गुजरते रास्ते से होकर जाना बेहद मुश्किल था। ऐसे में ग्रामीण आक्रोशित हो गए और जिला पंचायत के पूर्व उपाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह सोलंकी को फोन लगाया।
इसपर श्री सोलंकी भी अपने काम छोड़कर संवेदनशीलता के साथ तत्काल गांव पंहुचे। वहां ग्रामीणों ने बताया कि शमशान तक केवल खाई नूमा, कच्चा कीचड़ भरी पगडंडी ही है। 5 वर्ष पूर्व ग्राम पंचायत अरनिया गुर्जर में ग्राम पंचायत द्वारा नदी किनारे गांव से लगभग 300 मीटर दूर थावर चन्द्रवंशी की निजी जमीन में शमशान घाट बना दिया गया था। परंतु शमशान घाट के आसपास कोई जगह लोगों के खड़े रहने के लिए भी नहीं है। रास्ता भी बेहद बुरा है। प्रशासन और पंचायत दोनों ही सुनवाई भी नहीं कर रहे हैं।
सोलंकी ने कलेक्टर और एसडीएम से की चर्चा
सोलंकी ने जब ग्रामीणों की समस्या सुनने के साथ वास्तुस्थिति देखी तो कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी और एसडीएम अनिल भाना से फोन पर चर्चा की। सोलंकी की शिकायत पर एसडीएम ने आश्वस्त किया कि ग्राम पंचायत से प्रस्ताव प्राप्त होने पर तत्काल अन्यत्र शमशान घाट के लिए भूमि आवंटित की जाएगी। आश्वासन मिलने ेके बाद ग्रामीणों का आक्रोश समाप्त हुआ और किसी तरह शमशान लेकर जाकर अंतिम संस्कार किया गया।
स्कूल, आंगनवाड़ी की हालत भी बदतर
इस दौरान ग्रामीणों ने सोलंकी को बताया कि गांव के आंगनवाड़ी तथा स्कूल भवन भी दुर्दशा में है। बद्रीलाल, सुंदरलाल, भूरा लाल, गुर्जर प्रकाश तथा लखन सिंह गुर्जर ने बताया कि गांव की दो आंगनवाड़ी एक ही पुराने कमरे में संचालित हो रही है। जर्जर भवन में बारिश का पानी पूरे कमरे में भरता है। बारिश में बच्चे बैठ भी नहीं पाते। इसी प्रकार स्कूल के पुराने भवन का फर्श भी दरक गया है। शौचालयों के जर्जर हो जाने के कारण बच्चे परेशान है। सोलंकी ने इस संबंध में भी अधिकारियों को दूरभाष पर अवगत करवाया। गांव के उपसरपंच ओंकार लाल गुर्जर, भरत परमार सहित कई ग्रामीण उपस्थित थे।