बेतहाशा गर्मी में भी किसान को न पीने का पानी, न छाया में खड़ा होने का अधिकार -परेशान किसानों ने दिया धरना 

रतलाम की कृषि उपज मंडी जिन किसानों के सहारे चलती है, वहां किसानों के लिए मूलभूत सुविधाओं के भी अभाव को लेकर किसानों ने गुरुवार को धरना दिया। किसानों की मांगे निराकरण नहीं होने तक धरना जारी रखने की चेतावनी भी दी है।

बेतहाशा गर्मी में भी किसान को न पीने का पानी, न छाया में खड़ा होने का अधिकार -परेशान किसानों ने दिया धरना 
रतलाम की कृषि उपज मंडी किसानों ने दिया धरना 


मंदसौर में मारे गए किसानों को भी दी श्रद्धांजलि 

रतलाम@newsmpg ।                   बेतहाशा गर्मी में घंटों धूप में अपनी फसल लेकर खड़े रहने के बाद भी  
फसल कब तुलेगी कोई ग्यारंटी नहीं। इस दौरान न तो छाया मिलेगी, न शेड में जगह। यहां तक कि किसान को पीने का पानी तक नसीब नहीं होगा। मशक्कत के बाद नीलामी होने पर फसल तुल भी गई तो भी उसमें से कटाई करके भुगतान क्वालिटी के नाम पर कम होगा। ये तमाम सारी मुसीबतें रतलाम की कृषि मंडी में किसान रोज उठा रहा है। 
इन्हीं बातों के साथ महू रोड स्थित कृषि उपज मंडी में किसानों ने गुरुवार को धरना दिया। किसान नेता और जिला पंचायत सदस्य डीपी धाकड़, युवा किसान संघ के जिला अध्यक्ष राजेश पुरोहित करमदी, समरथ पाटीदार, भगवतीलाल पाटीदार आदि के नेतृत्व में सुबह करीब 11 बजे सैकड़ों किसानों की मौजूदगी में धरना प्रारंभ हुआ।इस दौरान मंदसौर में हुए गोलीकांड में मृत किसानों का बैनर लगाकर उन्हें श्रद्धांजलि भी दी गई। किसानों ने नारेबाजी भी की और अपनी मांगों के समर्थन में प्रशासन को भी सूचित किया।

एसडीएम भी मंडी प्रशासन पर हुए नाराज 

किसानों के धरने की खबर सोशल मीडिया पर भी वायरल हो गया। इसके बाद दोपहर में एसडीएम संजीव केशव पाण्डेय किसानों से चर्चा करने के लिए धरना स्थल पंहुचे। धरना स्थल पर पहुंचे एसडीएम ने किसानों और किसान नेताओं से चर्चा कर समस्याओं को सुना। एसडीएम ने मंडी सचिव और प्रबंधकों को भी मौकै  पर बुलाकर कड़ी नाराजगी भी जताई। किसानों ने कहा कि जब तक शेड और पेयजल का निरारकरण नहीं होगा तब तक धरना जारी रहेगा। 

कीड़े, काई से भरी टंकी, पानी नहीं 

धाकड़ ने बताया कि यह गंभीर लापरवाही है कि इतनी गर्मी के बावजूद मंडी में किसानों को ठंडा पेयजल तक नहीं मिलता है। व्यापारियों के यहां जो पेयजल केन रखी होती है उसमें से हम्माल और तुलावटी आदि पानी पी सकते हैं, लेकिन किसानों को रोक दिया जाता है। मंडी प्रशासन ने जो टंकी बनवाई है उनमें काईं, कीड़े हैं लेकिन पानी नहीं है। नगर निगम ने यहां पाइप लाइन डाल दी हैं, लेकिन उसमें भी पानी सप्लाई आज तक नहीं होता है। पुरोहित और पाटीदार ने बताया कि मंडी के सभी शेड में व्यापारियों का पूरी तरह कब्जा है। बारिश या कड़ी धूप में किसानों को एक ट्राली या ट्रैक्टर तक खड़ा करने की कहीं भी जगह नहीं होती है। किसानों ने मांग की शेड खाली करने के लिए कई वर्षों से मौखिक आश्वासन मिल रहे हैं, लेकिन कार्यवाही नहीं होती।