मध्यप्रदेश पंचायती राज चुनाव -जानिये अब क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने - 

मध्यप्रदेश में होने वाले पंचायती राज चुनाव को लेकर गेंद एक बार फिर से सुप्रीम कोर्ट के पाले में पहुंच गई है।बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए, हाईकोर्ट को मामले पर तत्काल सुनवाई करने को कहा था।

मध्यप्रदेश पंचायती राज चुनाव -जानिये अब क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने - 

रतलाम। तारीख पर तारीख... सन्नी देओल का यह डॉयलॉग मध्यप्रदेश पंचायती राज चुनाव की सुनवाई पर सटीक है। चुनाव को लेकर गेंद एक बार फिर से सुप्रीम कोर्ट के पाले में पहुंच गई है। प्रत्याशियों के दिलों में जितनी बेचैनी है, सुनवाई में उतना ही यहां से वहां के चक्कर बढ़ रहे हैं। 
बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट को मामले पर तत्काल सुनवाई करने को कहा था। गुरुवार को हाईकोर्ट ने सुनवाई में कहा कि विंटर वेकेशन के कारण 3 जनवरी को मामला सुनेंगे। इसके बाद कांग्रेस फिर से सुप्रीम कोर्ट के पास पंहुची, जहां न्यायालय ने अब खुद ही 6 जनवरी को सुनवाई करने का फैसला किया है। जबकि 6 जनवरी को ही पहले चरण का चुनाव है। ऐसे में चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार बुरी-तरह पशोपेश की स्थिति में फंस गए हैं।  

क्या हुआ गुरुवार सुनवाई में 
कांग्रेस ने मध्यप्रदेश में 2014 की आरक्षण प्रणाली से घोषित हुए पंचायती राज चुनावों के खिलाफ याचिका दायर की है। याचिकाकर्ता पंचायत प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष और रतलाम जिला पंचायत के पूर्व उपाध्यक्ष डीपी धाकड़ ने बताया कि गुरुवार को मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई शुरु हुई। दोपहर को देश के ख्यात वकीलों में शामिल कांग्रेस नेता विवेक तन्खा ने पैरवी शुरु की। लेकिन जबलपुर हाईकोर्ट ने कहा कि अभी शीतकालीन अवकाश चल रहे हैं। इसलिए इस मामले की सुनवाई 3 जनवरी 2022 को की जाएगी। 

सुप्रीम कोर्ट सुनाएगा फैसला 
बुधवार को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस खानविलकर ने कहा कि प्रदेश की हाईकोर्ट मामले मे तुरंत निर्णय ले। बावजूद इसके हाईकोर्ट द्वारा सुनवाई में देरी करने पर गुरुवार दोपहर ही कांग्रेस तत्काल सुप्रीम कोर्ट के पास पंहुच गई। श्री धाकड़ सहित अन्य याचिकाकर्ताओं की ओर से वकीलों ने पैरवी में सुप्रीम कोर्ट से अब इस मामले में सुनवाई करके फैसला सुनाने की दरख्वास्त की। दलील में कहा गया कि चुनावी प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है। मामले की सुनवाई देरी से होने पर चुनाव भी हो जाएंगे। ऐसे में जनता और शासन दोनों का नुकसान होगा। इसपर सुप्रीम कोर्ट ने ही अब 6 जनवरी को सुनवाई करके फैसला सुनाने की बात कही। 

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यहां से वहां घूम रहे हैं याचिकाकर्ता
मामले में कांग्रेस ने सबसे पहले मध्यप्रदेश की जबलपुर हाईकोर्ट में पिटिशन दायर कर चुनाव प्रक्रिया पर रोक लगाने की मांग की थी। पंरतु ग्वालियर हाईकोर्ट ने इसी दौरान समान मामले में चुनाव प्रक्रिया को रोकने से इनकार कर दिया। इसी आधार बनाते हुए जबलपुर कोर्ट ने भी चुनावी प्रक्रिया पर रोक से इनकार कर दिया था। इसके बाद कांग्रेस 14 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट के पास पंहुची जहां से 14 दिसंबर को सुनवाई एक दिन के लिए टली। 15 दिसंबर को न्यायालय ने मामले की सुनवाई की, लेकिन वापस मध्यप्रदेश हाईकोर्ट को ही तत्काल सुनवाई का आदेश देकर केस वापस लौटा दिया। हाईकोर्ट ने अब 3 जनवरी तक सुनवाई टाल दी है, जिसके बाद याचिकाकर्ता फिर से सुप्रीम कोर्ट के पास पंहुचे हैं। अब उम्मीद की जा रही है कि 6 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट से उन्हें राहत मिल सकती है। 


पहले चरण का चुनाव हो जाएगा मतदान 
कांग्रेस सहित इस केस को लेकर पशोपेश में पड़े सभी उम्मीदवार एक बार फिर से निराश हुए हैं। मध्यप्रदेश में शासन द्वारा जारी की गई अधिसूचना अनुसार पहले और दूसरे चरण के नाम निर्देशन भरने की अंतिम तिथि 20 दिसंबर, जबकि तीसरे चरण के लिए 6 जनवरी है। वहीं 6 जनवरी को पहले चरण का मतदान भी होना है। ऐसे में न्यायालय का फैसला आने से पहले ही उम्मीदवारों को नाम दाखिल करने पड़ेंगे। ऐसे में संशय है कि अगर प्रक्रिया निरस्त होती है या इसमें किसी तरह का बदलाव होता है तो प्रत्याशियों को फिर से तैयारी करनी पड़ेगी। 

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