गुलाबी ठंड के साथ पीली धूप की लुकाछुपी से हर चौथा व्यक्ति बीमार -बचना चाहते हैं मौसमी बीमारियों से तो करें ये उपाय 

तापमान में आ रहा यह अंतर खासतौर पर श्वसन तंत्र से संबंधित बीमारियां बढ़ाकर पुराने मरीजों के लिए भी मुश्किल बन रहा है।

गुलाबी ठंड के साथ पीली धूप की लुकाछुपी से हर चौथा व्यक्ति बीमार -बचना चाहते हैं मौसमी बीमारियों से तो करें ये उपाय 
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हेल्थ रिर्पोटर @newsmpg ।  वसंत के बाद अब मौसम सर्दी से गर्मी की ओर करवट लेने लगा है। लगभग पूरे मध्य भारत में सुबह और शाम को जहां सर्दी अभी तक अपना एहसास करवा रही है, वहीं दोपहर में गर्मी की आमद का संदेश भी मिलने लगा है। तापमान में आ रहा यह अंतर खासतौर पर श्वसन तंत्र से संबंधित बीमारियां बढ़ाकर पुराने मरीजों के लिए भी मुश्किल बन रहा है।
पिछले एक पखवाड़े से मौसम दोनों तरह के एहसास करवा रहा है। किसी दिन सुबह से दोपहर तक ठंडी हवा चल रही है तो अगले ही दिन धूप। कभी शाम तक हवाओं का असर रह रहा है तो कभी रातें भी गर्म हो रही हैं। दिन और रात के तापमान में भी 15 से 20 डिग्री तक का अंतर आ रहा है। 

जीवाणुओं के लिए सबसे उपयुक्त मौसम 

ग्वालियर के माइक्रोबॉयोलॉजिस्ट भूषण अवस्थी बताते हैं कि बैक्टीरिया और कुछ तरह के वायरस और इंसानों को परेशान करने वाले फंगस के लिए यह सबसे उपयुक्त और अनुकूल परीस्थिति है। इस तरह के जीवाणु खास तौर पर इंसानों में नाक, गले से लेकर फैफड़ों में संक्रमण करते हैं। कुछ अवस्था में त्वचा पर भी इसका असर देखने को मिलता है। इस कारण इस समय सामान्य लगने वाली सर्दी-खांसी दरअसल वायरल या बैक्टीरियल इंफेक्शन हैं जो बिना सही दवाईयों के बहुत दिनों तक ठीक नहीं होते। सामान्य प्रतिरोधक क्रियाओं के कारण इंफेक्शन होते ही खांसी, नाक बहना या पूरी तरह बंद होना, बुखार आना और अत्याधिक थकान होती है। लंबे समय तक इंफेक्शन रहने पर यह धीरे-धीरे श्वसन नलियों के साथ फैंफड़े को स्थायी नुकसान भी पंहुचा सकते हैं।

इन बातों और लक्ष्णों पर दें ध्यान

  • - घर या आसपास किसी को भी इंफेक्शन होने पर उसके संपर्क में सीधे न आएं। सेनेटाइजेशन करें, मरीज को आईसोलेट करें। उसके बर्तन, कपड़े आदि भी 4 से 5 दिन पूरी तरह अलग धोएं और बिना धोए मास्क लगाकर ही सपंर्क में आएं।
  • भीड़ वाली जगहों शादी आदि में जाने-आने पर मास्क, सेनेटाइजर आदि का उपयोग करें। ऐसा न कर पाने पर भी खाने, पीने के पहले अनिवार्य रूप से साबुन से हाथ धोने और बाहरी परतों को छूने से बचें
  • नाक बंद होने, बहने, सर में लगातार दर्द, चक्कर, उल्टी जैसा लगने या होने, तेज या हल्का बुखार, कपकपी के साथ सरदर्द, सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्ष्ण होने पर तत्काल डॉक्टर को बताएं।
  • इंफेक्शन होने पर दवाईयों के साथ तरल पौष्टिक पेय पीएं और भारी खाने, ठंडे पदार्थो से दूर रहें।
  • मच्छरों के काटने से बचाव के सभी उपाय करें और घरों की सफाई फिनाइल, सर्फ आदि से पोछे लगाकर करते रहें। इस दौरान दरवाजे, खिड़की, गेट आदि जहां बाहरी लोगों के हाथ ज्यादा लगते हैं, उनकी भी सफाई करें।
  • खाने में ताजे फल जैसे पपीता, अंगूर, संतरा, चीकू, सेवफल आदि, धुली और साफ की हुई पत्तेदार सब्जियां, टमाटर, लहसुन, अदरक का सेवन प्रतिदिन करें।
  • आईस्क्रीम, शीतल पदार्थ, ठंडे जूस, अत्याधिक मसालेदार गरिष्ठ भोजन, तली हुई चीजों का सेवन न करें।