हरे-भरे पेड़ों और सैकड़ों पक्षियों की निर्मम हत्या -नगर निगम ने ही अपने ही परिसर में चातुर्मास के ठीक पहले काटे पेड़
हरे-भरे पेड़ों और सैकड़ों पक्षियों की निर्मम हत्या -नगर निगम ने ही अपने ही परिसर में चातुर्मास के ठीक पहले काटे पेड़
-सैकड़ों बगुलों के घौंसलों में नन्हें बच्चे भी तड़प तड़प कर मरे
रतलाम। खाना लाने के लिए दुधमुंहे नवजातों को छोड़कर गई मां लौटी तो उजड़े हुए घरों के मलबे में अपने नन्हों को तलाशते चीखती तो कभी हैरत से पल भर में उजड़ गई दुनिया का सच डबडबाई आंखों में समेटती। मलबे में कही तड़प तड़प कर दम तोड़ते नन्हें बच्चे तो कहीं बचाने की जुगत में फंसकर घुटन से मरते मां-बाप।
ये नजारा इंसानी नहीं लेकिन यकीकन उतना ही दुखद था। ये नजारा था चौदस के दिन मंगलवार को नगर निगम परिसर का। नगर निगम परिसर में गणेश मंदिर के सामने और उसके पीछे बारिश के बीच हरे-भरे आधा दर्जन पेड़ उजाड़ दिए गए। इन्हें मृत्यु का दंड क्यों मिला इसका कोई जवाब नहीं। इनके साथ ही सैकड़ों बेजुबान पक्षी, अंडों में बंद जिंदगिया, फलों में कैद बीज भी मर गए। वो भी चातुर्मास और सावन शुरु होने के ठीक एक दिन पहले।
जिनके ऊपर जिम्मेदारी उन्होंने की हत्या
कानूनन नगर निगम के पास संपूर्ण सीमा में पेड़ों की रक्षा करने और कटाई से बचाने की जिम्मेदारी है। इसके लिए निगम दूसरों पर कर भी थोपती है। परंतु अपने ही परिसर में बारिश के मौसम के बीच ऐसे स्थान पर पेड़ क्यों काटे गए जहां ऊपर एक भी बिजली का तार तक नहीं, यह बताने को जिम्मेदार भी कतराते रहे। मंगलवार को हुई कटाई से हुई जीव हत्या और पर्यावरण को नुकसान पर कर भी अधिरोपित नहीं हुआ।
तीसरी बार परिसर में हुई निर्मम कटाई
नगर निगम शहर में कहीं भी पेड़ों की अनाधिकृत कटाई रोक नहीं रही है। ऊपर से तीन बार अपने ही परिसर में बिना किसी कारण के पेड़ों की कटाई हाल ही में की है। इस बार तो सावन महीने के ठीक पहले जिस तरह कटाई की गई है उससे न केवल पर्यावरण को नुकसान हुआ है, बल्कि जीव हत्या हुई है।
-प्रकाश लोढ़ा, जीव प्रेमी
जिनपर रक्षा का दायित्व वो कैसा संदेश दे रहे...
जिनपर पर्यावरण की रक्षा का दायित्व है, वो ही ऐसा कृत्य करेंगे तो समाज में क्या दायित्व जाएगा। जीवों को बेघर करके जिस प्रकार का कृत्य किया गया है वो अच्छा नहीं है। इसके अलावा शहर में कई हरे पेड़ अचानक सूख रहे हैं, इसपर भी लोगों को चिंता करनी होगी।
-नरेश सकलेचा, पर्यावरण प्रेमी
भोपाल तक पंहुची शिकायत
पर्यावरण और जीव दया बहुत जरूरी मसला है। जिस तरह नगर निगम परिसर में बारिश के बीच पेड़ों की कटाई करके पक्षियों से न केवल आशियाना बल्कि परिवार और जिंदगी छीनी गई है वो बहुत गलत है। ट्वीट करके इसकी शिकायत सीएम शिवराजसिंह चौहान सहित कई जिम्मेदारों को भी दी जा रही है।
-मुकेश पुरी गोस्वामी, अध्यक्ष रतलाम प्रेस क्लब
बारिश में जीवों पर हुआ अत्याचार
बारिश के समय जब पौधारोपण और प्रकृति नए जीवन को बढ़ाती है, तब पेड़ों की कटाई-छटाई बहुत गलत है। पेड़ों की कटाई और ऊपर से जीवों पर अत्याचार हुआ है।
-मुकेश मेहता, सदस्य श्री पंचान ओसवाल बड़े सात समाज
पेड़ों की निर्मम कटाई गलत
पूरे शहर और आसपास पर्यावरण को लेकर नगर निगम द्वारा कोई ठोस प्लानिंग वैसे भी नहीं की जा रही है। ऊपर से पेड़ों की कटाई वो भी इस तरह बेहद गलत है। यह जीवों के साथ क्रूरता है।
-दीपक कटारिया, सदस्य जीव मैत्री परिवार
कानूनन भी गलत है निगम का कृत्य
जिनपर सुरक्षा की जिम्मेदारी है, वृक्ष अधिनियम का पालन नहीं करवा पाते हैं। बिगड़ते पर्यावरण संतुलन के बीच जीवों के साथ भी कई गई निर्ममता कानूनन भी गलत है। इसकी शिकायत हम उच्च स्तर पर भी करेंगे।
-अदिति दवेसर, अधिवक्ता एवं पर्यावरणविद्
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