आय दो गुना करने के दावे करती है भाजपा सरकार, लेकिन लागत कर दी 10 गुना

- सैलाना में हजारों ट्रेक्टरो के साथ निकली किसान न्याय यात्रा,किसानों ने जताया आक्रोश - पूर्व विधायक गेहलोत और सुसनेर विधायक बापूसिंह के नेतृत्व में किसानों ने भरी हुंकार

आय दो गुना करने के दावे करती है भाजपा सरकार, लेकिन लागत कर दी 10 गुना
kisan nyay Yatra In Ratlam Sailana

रतलाम/ सैलाना।  

सरकार किसानों की आय दोगुना करने के दावे कर रही है, किसान आत्महत्या करने के लिए मजबूर है। आज हर तरफ से किसान की स्थिति खराब है। खेती के लिए बीज, दवाई, ट्रैक्टर का डीजल, मजदूरी, परिवहन सब कुछ पिछले 10 सालों में 10 गुना महंगा हो गया है। फसलों के दाम बढ़ने के बजाय कम ही हुए हैं। 10 साल से सोयाबीन फसल का समर्थन मूल्य 6 हजार रुपए करने की मांग की जा रही है, लेकिन सरकार के कान पर जूं भी नहीं रेंग रही है। किसान और गरीबों की कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही, बातें बहुत बड़ी-बड़ी की जा रही हैं। इस देश की रीढ़ किसान है, उसकी सुनना ही पड़ेगी।
यह बातें यात्रा संयोजक और पूर्व विधायक हर्षविजय गेहलोत ने प्रदेश कांग्रेस के आह्वान पर सैलाना में आयोजित किसान न्याय यात्रा का नेतृत्व करते हुए कही। प्रदेश कांग्रेस के आह्वान पर  जिला स्तरीय न्याय यात्रा सैलाना में सुसनेर विधायक बापूसिंह के नेतृत्व में शुक्रवार को किसान न्याय यात्रा निकाली गई। न्याय यात्रा में हजारों की संख्या में किसान, ट्रैक्टर पर सवार होकर निकले तो बड़ी संख्या में पैदल भी मौजूद रहे।

तपती धूप में बैठे रहे किसान 

सरवन रोड से प्रारंभ होकर गोधुलिया तालाब तक पूर्व विधायक गेहलोत के साथ ही नेतृत्व में यह यात्रा निकली। बांसवाड़ा रोड से प्रारंभ हुई यात्रा सैलाना नगर के मार्गों से होते हुए रतलाम रोड स्थित गोधुलिया तालाब पर पहुंची। यहां पर सभा रखी गई। तपती धूप में किसान व कांग्रेस नेता बैठे रहे। कांग्रेस नेताओं ने केंद्र व प्रदेश सरकार को आड़े हाथों लिया। किसान हाथों में सोयाबीन की सुखी फसल व सोयाबीन भी लेकर पहुंचे। यात्रा में रतलाम शहर कांग्रेस अध्यक्ष महेंद्र कटारिया, कार्यवाहक जिलाध्यक्ष दिनेश शर्मा, फैय्याज मंसूरी, पूर्व पार्षद राजीव रावत, बसंत पंड्या, किसान नेता डीपी धाकड़, राजेश पुरोहित, राजेश भरावा, सैलाना नगर परिषद अध्यक्ष लक्की शुक्ला ,शेखर  गेहलोत , जीवनलाल मईड़ा,  लक्ष्मीचंद्र कटारिया , सलिया देवड़ा,  सुरेश डिंडोर, जगदीश पटीदार श्रीराम चौधरी, कारूलाल निनामासमेत कांग्रेस नेता, पदाधिकारी व हजारों की संख्या में किसान मौजूद रहे।

किसानों ने एकजुट होकर जताया आक्रोश

इस दौरान किसानों ने जमकर नारेबाजी की। किसान व कांग्रेस नेता सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए पैदल भी चल रहे थे तो हाथों में सोयाबीन की भाव 6 हजार रुपए प्रति क्विंटल करने की मांग की तख्तियां भी लेकर शामिल हुए।
किसानों और कांग्रेस नेताओं ने कहा कि अगर हमारी मांग सरकार नहीं मांगती तो आगे और आंदोलन किए जाएंगे। न्याय यात्रा के माध्यम से किसानों को आ रही समस्याओं से प्रदेश सरकार को जगाया जा रहा है। सोयाबीन का भाव 10 साल पहले जो था वो मंहगाई के इस दौर में भी अभी उसी भाव में मिल रहा है। न्याय यात्रा के माध्यम से किसानों को सोयाबीन के भाव 6 हजार रुपए प्रति क्विंटल, गेहूं 2700 रुपए प्रति क्विंटल, धान 3100 समर्थन मूल्य करने की मांग की। उन्होंने सरकार 10 सालों से आश्वासन और बयान ही दे रही है, अब परिणाम देना पड़ेगा।

खराब हुई फसल का मुआवजा भी दें

एसडीएम मनीष जैन गोधुलिया तालाब किनारे किसानों से ज्ञापन लेने पंहुचे जहां राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा गया। इसमें कहा गया कि हमारे देश के अन्नदाता किसान इस समय काफी परेशानियों से जुझ रहा है। भारी वर्षा (अतिवृष्टि) से उनकी सोयाबीन एवं धान की फसलों को नुकसान हुआ है। प्रदेश में 50 प्रतिशत किसानों की सोयाबीन फसल में फल ही नहीं लगा है। किसानों की लागत मूल्य दोगुना हो गई हैं, वर्ष 2011 में भी सोयाबीन की फसल के दाम 4300 रुपएं प्रतिक्विंटल थें। आश्चर्य की बात है कि आज भी वर्ष 2024 में पुराने दामों पर ही उनकी उपज खरीदी जा रही है। सैलाना विधानसमा में अतिवृष्टि होने से सोयाबीन की फसल सड़ गई है एवं पीला मोंजक बीमारी से भी फसल पूर्ण रूप से नष्ट होने की कगार पर है जिसका तुरन्त सर्वे करवाया जाकर नुकसानी का तुरन्त बीमा दिलवाया जाए।

राहुल गांधी पर टिप्पणी के खिलाफ दर्ज हो एफआईआर

इस दौरान किसानों और कांग्रेस नेताओं ने एक और ज्ञापन राज्यपाल के नाम एसडीएम को सौंपा। इसमें लोकसमा नेता प्रतिपक्ष एवं पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के बारे में भारतीय जनता पार्टी के केन्द्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्द्ध, उत्तर प्रदेश के मंत्री रघुराज सिंह एवं महाराष्ट्र की शिंदे शिवसेना के विधायक संजय गायकवाड़ एवं एनडीए गठबंधन के नेताओ द्वारा अभद्र भाषा का प्रयोग करने पर विरोध जताया गया। साथ ही जातिसूचक टिप्पणी और गांधी के खिलाफ अपशब्दों का उपयोग  एवं सार्वजनिक रूप से अपमान कर देश में अशांति फैलाने के लिए एफआईआर दर्ज करने की मांग भी की गई।