भ्रष्टाचार के आरोप में फरार बीजेपी नेता ने कोर्ट में किया समर्पण ,समर्थको ने लगाए नारे , देखे वीडियो

जिले के  नामली के बहुचर्चित प्रधानमंत्री आवास व कोचा तालाब घोटाले में पांच वर्ष से फरार चल रहा पूर्व नगर परिषद अध्यक्ष नरेंद्र सोनावा ने सोमवार को रतलाम की कोर्ट में सरेंडर कर कर दिया। इस दौरान उसके समर्थको ने पुलिस की मौजूदगी में नारेबाजी भी की।

Mar 11, 2024 - 15:19
Mar 11, 2024 - 15:30
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भ्रष्टाचार के आरोप में फरार बीजेपी नेता ने कोर्ट में किया समर्पण ,समर्थको ने लगाए नारे , देखे वीडियो

रतलाम । @ newsmpg.com  जिले के  नामली के बहुचर्चित प्रधानमंत्री आवास व कोचा तालाब घोटाले में पांच वर्ष से फरार चल रहा पूर्व नगर परिषद अध्यक्ष नरेंद्र सोनावा ने सोमवार को रतलाम की कोर्ट में सरेंडर कर कर दिया। इस दौरान उसके समर्थको ने पुलिस की मौजूदगी में नारेबाजी भी की।
सोनावा 6 मार्च को राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान भी पेश हुआ था लेकिन कोर्ट  में चालान डायरी पेश नहीं होने से उसे सोमवार को कोर्ट  में पेश होने के आदेश मिले थे। कोट में फरार आरोपी सोनावा के पेश होने के दौरान घोटाले की शिकायत करने वाले कांग्रेस नेता तूफानसिंह सोनगरा भी पहुंचे थे। इस दौरान सोनावा सर्मथको ने उसके पक्ष में नारेबाजी भी की।  मौके पर एहतियात बतौर पुलिस बल भी तैनात किया गया था। कोर्ट  में फरार आरोपी और भाजपा नेता सोनावा के पेश  होने के बाद पुलिस ने पूछताछ के लिए आवेदन प्रस्तुत किया, जिस पर न्यायाधीश एसके गुप्ता ने एक दिन के रिमांड पर भेजने के आदेश जारी किए हैं। नामली के बहुचर्चित प्रधानमंत्री आवास व कोचा तालाब घोटाले में तत्कालीन नगर परिषद अध्यक्ष नरेंद्र सोनावा, मुख्य नपा अधिकारी अरुण ओझा तथा तालाब के ठेकेदार सैयद अख्तर के खिलाफ नामली थाने में प्रकरण दर्ज हुआ था ,  जिनमे से दो आरोपियों की पूर्व में गिरफ्तारी हो चुकी है |

बीजेपी नेता को ले जाती पुलिस , इस दौरान हुई नारेबाजी, देखिये वीडियो , चैनल सबक्राइब भी करे 

पहला घोटाला- कोचा तालाब
 20 मई 2019 को नामली के कोचा तालाब निर्माण में भ्रष्टाचार की शिकायत कांग्रेस नेता दिलीप जाट ने की थी। कलेक्टर ने जांच के लिए टीम गठित की। जांच में स्पष्ट हुआ कि नगर परिषद अध्यक्ष नरेंद्र सोनकर सुनावा सीएमओ अरुण ओझा तथा ठेकेदार सैयद अख्तर ने तालाब निर्माण में भ्रष्टाचार कर राशि का गबन किया है। माप पुस्तिका में जवाबदार अधिकारी के हस्ताक्षर नहीं होने के बावजूद राशि का भुगतान किया गया है। शासन से प्राप्त 140.29 लाख रुपए के उपयोग में लापरवाही बरती गई है। 1 करोड़ 81 लाख रुपयों का गबन करने के आरोप में 5 जनवरी 2020 को नप अध्यक्ष नरेन्द्र सोनावा, सीएमओ अरुण ओझा तथा ठेकेदार सैयद अख्तर पर प्रकरण दर्ज किया गया।

   दूसरा घोटाला- पीएम आवास
 1 जुलाई 2019 को तत्कालीन कलेक्टर रुचिका चौहान को नप उपाध्यक्ष तूफान सिंह सोनगरा व पार्षद प्रकाश कुमावत ने शिकायत की थी। 10 जुलाई 2019 को जांच अधिकारी पीहू कुरील के नेतृत्व में 10 सदस्यीय दल गठित किया गया था। जांच में स्पष्ट हुआ कि अध्यक्ष नरेंद्र सोनावा व सीएमओ अरुण ओझा द्वारा फर्जी दस्तावेज तैयार कर कलेक्टर द्वारा अनुमोदित सूची छेड़छाड़ कर फर्जी तरीके से पहली सूची में 22 नाम व दूसरी सूची में 66 नाम जोड़ दिए। वहीं आवास के पैसों को अन्य खातों में ट्रांसफर कर राशि में हेराफेरी की गई। 5 अक्टूबर 2019 को तहसीलदार प्रेमशंकर पटेल के आवेदन पर अध्यक्ष सोनावा व ओझा पर 409, 420, 467, 471 व भ्रष्टाचार अधिनियम में प्रकरण दर्ज किया गया था।

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