इंटरनेशनल नेटवर्क, डार्क वेब और कई देशों में फर्जीवाड़ा कर रही एमटीएफई पर - भारत में पहली बार रतलाम पुलिस ने विशाल फर्जीवाड़े की खोली परतें, -आपने भी किया है निवेश तो ले सकतें हैं पुलिस की मदद 

For the first time in the entire country, Ratlam Police has succeeded in reaching a major link in the fake trading network and international fraud taking place in the name of increasing money. Along with exposing the international network related to crypto currency fraud being carried out by MTFE, Ratlam Police has also frozen an amount of several lakh rupees.

इंटरनेशनल नेटवर्क, डार्क वेब और कई देशों में फर्जीवाड़ा कर रही एमटीएफई पर - भारत में पहली बार रतलाम पुलिस ने विशाल फर्जीवाड़े की खोली परतें, -आपने भी किया है निवेश तो ले सकतें हैं पुलिस की मदद 
Sp Ratlam

रतलाम। पूरे देश में पहली बार रतलाम पुलिस ने फर्जी ट्रेडिंग नेटवर्क और रुपए बढ़ाने के नाम पर हो रहे अंतरराष्ट्रीय फ्रॉड में बड़ी लिंक तक पंहुचने में कामयाबी हासिल की है। एमटीएफई द्वारा किए जा रहे फर्जीवाड़े के क्रिप्टो करेंसी से जुड़े इटंरनेशनल नेटवर्क का खुलासा करने के साथ रतलाम पुलिस ने कई लाख रुपए की राशि फ्रीज भी करवाई है। इसी मामले में तीन आरोपियों को भी हिरासत में लिया गया है, जिनमें से एक बैंगलोर में फर्जी कंपनी का मालिक है। 

एसपी राहुल कुमार लोढ़ा ने रविवार को पुलिस कंट्रोल रूम पर आयोजित प्रेस कॉफ्रेंस में इस बड़े फर्जीवाड़े की जानकारी दी। इस दौरान एएसपी राजेश खाखा भी मौजूद रहे। एसपी ने बताया कि एमटीएफई का फ्राड इटंरनेशनल लेवल पर चल रहा है। यह कितने बड़े स्तर पर चल रहा है इसका अंदाजा यहां से लगाया जा सकता है कि लोगों को विश्वास दिलाने के लिए एमटीएफई ने श्रीलंकन क्रिकेट लीग 2023 के दौरान बोर्ड पर अपना विज्ञापन तक दिखवाया। धीरे-धीरे लोगों को झांस में लेकर यह फर्जीवाड़ा करने लगे। भारत में ही करीब 10 लाख 68 हजार से भी ज्यादा अकाउंट हैं। रतलाम पुलिस ने देश में पहली बार इस स्तर तक कार्यवाही की है। आगे जाकर इस मामले में ईडी और केंद्रीय एजेंसियां भी जांच में शामिल हो सकती हैं। इसके लिए उनसे पत्राचार किया जाएगा। 

इस तरह समझें कैसे हो रहा फ्राड  

- आम आदमी एमटीएफई में पैसा बढ़ने के लालच में निवेश करता था। 
- यह पैसा सीधे डार्क वेब के टीआर-20 नेटवर्क में चला जाता था। 
- यह नेटवर्क अतंरराष्ट्रीय स्तर पर संचालित होता है और किसी भी देश की किसी भी सरकार का इसपर कोई कंट्रोल नहीं है। यहां से पैसा कोई नहीं निकाल सकता है। खुद एमटीएफई भी नहीं। 
- हालांकि यह नेटवर्क पारदर्शी होता है और स्क्रीन पर पैसा दिखाई देता रहता है और निवेश करने वाला कोई भी व्यक्ति किसी भी समय यहां पैसे को डालर में बढ़ते हुए देख सकता है, लेकिन निकाल नहीं सकता। 
- व्यक्ति को यहीं उसका पैसा डला हुआ, बढ़ता हुआ दिखाकर बेवकूफ बनाया जाता है। यहीं से फर्जीवाड़ा शुरु होता है। 
- नेटवर्क में पड़े आम आदमी के पैसे को अब एमटीएफआई इस्तेमाल करता है। सकेंड के अंदर यह पैसा फर्जी कंपनी के वॉलेट में डाल दिया जाता है। यह पूरी प्रक्रिया ब्लैक है। 
- फर्जी कंपनी इस पैसे से क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कर देती है, पूरी तरह वाइट में। 
- क्रिप्टो करेंसी में किये गए निवेश को भारत में फर्जी कंपनी कलीन स्केम प्रायवेट लिमिटेड द्वारा भारतीय रुपयों में ट्रांसफर करके, एमटीएफई के बैंक खातों में डाल दिया जाता था। 
- आद आदमी द्वारा डाला गया पैसा ब्लैक से वाइट करके निकालने का काम इस तरह चल रहा था। 

कुछ के खातों में पैसे डाले, ताकि बाकि आएं लालच में 

एसपी ने बताया कि लोगों को झूठा विश्वास दिलवाने के लिए कंपनी ने रतलाम जिले की ही तरह पूरे देश नहीं विश्व भर में कुछ लोगों के खातों में पैसे बढ़ाकर डालें हैं। ये इसलिए ताकि अन्य लोग भी लालच में आकर निवेश करें। इसी तरह दूसरी कंपनी बॉयनेंस के वीडियो अपने बताकर पैसे का फ्लो दिखाने के लिए फर्जी वीडियो भी बनाकर साझा कर रही है। जबकि एमटीएफई के खातों में  1, 2 या 5 डॉलर से ज्यादा नहीं है। वीडियो में जो राशि दिख रही है वह उनकी नहीं बल्कि बायनेंस कंपनी की है। 

बिना जाने आम आदमी उन्हें दे रहा कंट्रोल 

एसपी ने बताया कि यहां आर्टिफिशीयल इंटेलीजेंस का बहुत बड़ा रोल है। व्यक्ति जैसे ही पैसा बढ़ाने के लालच में आकर एआई मोड आॅन करके निवेश करता है, वह बिना जाने हुए सारे कंट्रोल एमटीएफई को दे देता है। इसके आगे एमटीएफई अपने अधिकारों का उपयोग करके आम आदमी का पैसा अपने स्वंय के खाते में ट्रांसफर कर लेता है। 

कंपनी मालिक संग प्रमोटर्स पर कसा शिकंजा 

एसपी श्री लोढ़ा ने बताया कि रतलाम जिले के हुजैफा जमाली के साथ गोविंद सिंह पिता रतन सिंह चंद्रावत निवासी जवाहर नगर, संदीप पिता फकीर चंद्र निवासी प्रतापगढ़ को गिरफ्तार किया गया है। गोविंद और संदीप न केवल प्रचार कर रहे थे, बल्कि उन्हें जानकारी थी कि बॉयनेंस कंपनी का वीडियो दिखाकर फर्जीवाड़ा किया जा रहा है। इसके बावजूद वे निवेश करने वाले लोगों से उनके क्यूआर कोड और नगद में पैसा लेकर कंपनी के लिए निवेश करवा रहे थे। इन तीनों के अलावा बैंगलोर में कलीन नाम से फर्जी कंपनी बनाकर रुपयों को ब्लैक से वाइट करके निकालने में मदद करने वाले योगा नंदा निवासी बैंगलोर को भी गिरफ्तार किया गया है। योगा नंदा कलीन का मालिक है। 

ये देश भी रतलाम से कर रहे समन्वय 

एसपी ने बताया कि ये नेटवर्क इंटरनेशनल लेवल पर काम कर रहे हैं। इन पर किसी भी देश का कोई नियम या कंट्रोल पॉलिसी अभी तक नहीं है। डार्क वेब में कोई केवायसी भी नहीं होती है। इसलिए पैसा निवेश करने वाले की जानकारी भी किसी को नहीं होती। रतलाम पुलिस द्वारा पता की गई लिंक और कार्यवाही के साथ श्रीलंका का दूतावास, मलेशिया और बांग्लादेश भी संपर्क कर रहे हैं। वहां भी इसी तरह का फर्जीवाड़ा किया जा रहा है। 

एसपी की अपील-आपने भी किया ऐसा निवेश तो हमें बताएं 

एसपी ने बताया कि रतलाम जिले के जो लोग पुलिस के पास आए थे, उनकी एफआईआर दर्ज करके कार्यवाही को पहली बार इस मुकाम तक पंहुचाया गया है। बॉयनेंस कंपनी से संपर्क करके 39 लाख रुपए फ्रीज़ करवाए गए हैं। उन्होंने सभी से अपील की है कि जिसने भी यहां निवेश किया है, वह क्यूआर कोड, नाम, एड्रेस आदि के साथ जानकारी पुलिस को भेजे तो संभवत: उनका पैसा भी वापस मिल सकता है। यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह फ्राड इंटरनेशनल लेवल पर है और जितने ज्यादा लोग सामने आएंगे राशि जारी करवाने के लिए उतना दबाव बनाया जा सकेगा।