बड़ा खुलासा: कभी मुख्यमंत्री नहीं बनना चाहते थे सिंधिया ! राजनीति में भूचाल लाने वाले और करिश्माई नेता के जीवन से जुड़ा रोचक पहलू

मध्यप्रदेश की राजनीति में भूचाल ला देने वाले कांग्रेस के पूर्व और वर्तमान भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के पिताश्री स्वर्गीय माधवराव सिंधिया का आज जन्मदिन है। माधवराव सिधिंया कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे और उनके सीएम से लगाकर पीएम तक के दावेदार रहने के कई किस्से राजनीति में यत्र तत्र चर्चा में छाए रहते हैं। 

बड़ा खुलासा: कभी मुख्यमंत्री नहीं बनना चाहते थे सिंधिया ! राजनीति में भूचाल लाने वाले और करिश्माई नेता के जीवन से जुड़ा रोचक पहलू

एमपी  गोस्वामी 

रतलाम /भोपाल | मध्यप्रदेश की राजनीति में भूचाल ला देने वाले कांग्रेस के पूर्व और वर्तमान भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के पिताश्री स्वर्गीय माधवराव सिंधिया का आज जन्मदिन है। माधवराव सिधिंया कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे और उनके सीएम से लगाकर पीएम तक के दावेदार रहने के कई किस्से राजनीति में यत्र तत्र चर्चा में छाए रहते हैं। 
          भारतीय राजनीति के करिश्माई नेता कहे जाने वाले पूर्व केन्द्रीय मंत्री स्व. माधवराव सिंधिया के 78 वीं जयंती पर 10 मार्च को सुबह  विभिन्न आयोजन किए जा रहे है।  इसमें  मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित तमाम दिग्गज नेता भी  हिस्सा ले रहे है।इसके साथ ही प्रदेश में  की राजनीति में इन दिनों अजीब सी बेचैनी दिखाई पड़ रही है, जो अब चर्चा का विषय बनती जा रही है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को हटाए जाने के कयास लगाए जा रहे हैं।  कहा तो यहां तक जा रहा है कि, मध्य प्रदेश में अबकी बार शिवराज सिंह चौहान की जगह ज्योतिरादित्य सिंधिया को भाजपा मुख्यमंत्री बना सकती हैं। ज्योतिरादित्य के पिता स्वर्गीय माधवराव सिधिंया को  भी कई बार कांग्रेस में सीएम पद का दावेदार माना जाता रहा है। इसके उलट उनके अन्नय सहयोगी रहे पूर्व मंत्री स्वर्गीय महेन्द्रसिंह कालूखेड़ा ने इसका खंडन किया था कि माधवराव कभी मुख्यमंत्री बनना चाहते थे! 


माधवराव केन्द्रीय मंत्री बन कर खुश थे
माधवराव सिधिंया के मुख्यमंत्री बनते बनते रह जाने को लेकर उनके सबसे विश्वस्त और दांए हाथ माने जाने वाले पूर्व मंत्री दिग्गज नेता  महेन्द्रसिंह कालूखेड़ा ने मंत्री रहते हुए एक अखबार में विस्तृत आलेख लिखा था। इस लेख को उनके जीवन पर लिखी किताब ‘‘एक बहुआयामी व्यक्तित्व महेन्द्रसिंह कालूखेड़ा’’ में संकलित किया गया है। इसका संपादन उनके अनुज और भाजपा नेता केके सिंह कालूखेड़ा ने किया है। इस लेख में कालूखेड़ा ने स्पष्ट किया था कि माधवराव सिंधिया कभी मुख्यमंत्री नहीं बनना चाहते थे। कालूखेड़ा ने उसमें लिखा है कि श्री माधवराव के बारे में बहुत कहा जाता है कि वे मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री बनना चाहते थे, नहीं बन पाए। एक बार तो यहाँ तक लिखा गया कि उन्होंने प्लेन तैयार कर रखा था कि राजीव जी कहें और वे भोपाल जाकर शपथ ले लें। 

 मुख्यमंत्री उन्होंने कभी भी, किसी भी सूरत में नहीं बनना चाहा
कालूखेड़ा ने उनके आलेख में लिखा था कि मैं उनके अभिन्न सहयोगी के रूप में आज यह बात स्पष्ट तौर पर रेखांकित कर रहा हूँ कि मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री उन्होंने कभी भी, किसी भी सूरत में नहीं बनना चाहा। वे कभी विधानसभा का चुनाव नहीं लड़े। ऐसा करने से उन्हें कौन रोकता? वे कहते थे- ‘‘राज्य की राजनीति मुझे नहीं करनी। मैं जहाँ हूँ वहीं खुश हूँ और वहाँ भी बहुत काम है।’’  ऐसा भी नहीं कि वे अपने संसदीय जीवन में हमेशा केन्द्रीय मन्त्री रहे हों। उनके सम्पूर्ण राजनीतिक जीवन में केन्द्रीय मन्त्री वाला अरसा एक तिहाई भी नहीं रहा। असल में वे लोकसभा सदस्य बनकर ही क्षेत्र की सेवा करते हुए खुश रहते थे। उन्हें सत्ता की नहीं, सेवा करने की चाह थी। वे राजनेता थे, राजनीतिज्ञ थे, वे राजनीति नहीं करते राजधर्म निभाते थे। 

 

सिंधिया परिवार में 50 वर्ष की आयू पाने वाले पहले व्यक्ति 
कालूखेड़ा ने अपने आलोख में श्री माधवराव सिंधिया से जुड़े एक और मिथक का उल्लेख किया हैं। कालूखेड़ा ने लिखा जब माधवराव सिंधिया ने  जब पचास वर्ष पूर्ण किए तो वे बहुत खुश थे, अक्सर कहा करते थे- ‘‘सिंधिया राजवंश में मैं पहला व्यक्ति हूँ जिसने इतनी आयु पाई है।’’  यह सच भी था। सिंधिया राजवंश मे श्री माधवराज पहले व्यक्ति थे, जिन्होंने अपने पुत्र का विवाह देखा और फिर अपने पौत्र को। किसे पता था कि उनकी यह खुशी उनके साथ इतनी जल्दी चली जाएगी।