विधानसभा में पहले ही दिन उठी भील प्रदेश की मांग, सैलाना विधायक डोडियार ने सदन में अटलजी को लेकर भी कह डाली ये बात...
सैलाना के विधायक कमलेश्वर डोडियार ने गुरुवार को सदन में अपने पहले ही भाषण में विस्तृत बातें की, कहा देश में दो इलाके ऐसे थे, जहां पर आदिवासी लोग बहुत ज्यादा परेशान थे।

रतलाम। सैलाना विधायक और जयस नेता कमलेश्वर डोडियार ने विधानसभा में पहुंचते ही भील प्रदेश की मांग उठा दी है। इतना ही नहीं उन्होंने आदिवासी क्षेत्रों में शराब बंदी की भी मांग की। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वायपेयी को भी याद किया और आदिवासी क्षेत्रों में स्कूलों में शिक्षकों की कमी का मुद्दा भी सदन में रखा।
सैलाना के विधायक कमलेश्वर डोडियार ने गुरुवार को सदन में अपने पहले ही भाषण में विस्तृत बातें की। उन्हें मिला समय पूरा होने पर भी उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष से दो मिनट और मांगते हुए कहा कि लगभग 22 साल पहले श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी साहब भारत के प्रधानमंत्री थे। इस देश में दो इलाके ऐसे थे, जहां पर आदिवासी लोग बहुत ज्यादा परेशान थे। उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हो पा रहा था। वर्ष 2000 में झारखंड और छत्तीसगढ़ दो अलग राज्य बने थे। उन्होंने आगे कहा कि हमारे इलाके में जो आंदोलनकारी लोग है, उन्हें भी हम लोग शिक्षा देंगे। हमें कानून का पालन करना है और संविधान को मानना है।
सालों से हो रही है भील प्रदेश की मांग
डोडियार ने सदन में कहा कि 'भील प्रदेश राज्य की मांग पिछले कई सालों से हो रही है। मध्यप्रदेश, राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र चार राज्यों का जो भील आदिवासी बहुल वाला इलाका है वहां हालात बहुत ज्यादा खराब है। आर्थिक तौर पर तो एक अलग राज्य की मांग पूरे चार राज्यों के लोग कर रहे हैं। मैं अकेला नहीं कर रहा हूं। इसके ऊपर थोड़ी चर्चा और मंथन होना चाहिए। अलग राज्य बनने से इस राष्ट्र को कोई नुकसान नहीं है। झारखंड बना तो भारत को कोई नुकसान नहीं हुआ। छत्तीसगढ़ बना वहां पर अभी हालात बहुत अच्छे हैं। अगर अलग से भील प्रदेश राज्य बनता है तो भारत की राष्ट्रीयता को, एकता को कोई नुकसान नहीं है।
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