“60 साल से अन्न त्याग कर भी हर भक्त को खिलाते रहे भोजन, उन्हीं संत के भंडारे में उमड़ी अपार भीड़ – टूटे रिकॉर्ड, फोरलेन पर लगा लंबा जाम”

रतलाम/जावरा। संत श्री 1008 मंगलदास जी महाराज, जिन्होंने 60 वर्षों तक स्वयं अन्न त्याग कर भी हर श्रद्धालु को भोजन करवाया, उनके साकेत वास उपरांत अरनियापीठा मंडी परिसर में आयोजित भव्य भंडारे में आस्था का अभूतपूर्व सैलाब उमड़ा। हजारों भक्तों ने प्रसादी ग्रहण की तो वहीं हाईवे और फोरलेन पर पांच–पांच किलोमीटर लंबा जाम लग गया। भीड़ संभालने के लिए पुलिस व प्रशासनिक अमला दिनभर डटा रहा।

“60 साल से अन्न त्याग कर भी हर भक्त को खिलाते रहे भोजन, उन्हीं संत के भंडारे में उमड़ी अपार भीड़ – टूटे रिकॉर्ड, फोरलेन पर लगा लंबा जाम”
Sant Mangaldas Ji Bhandara, Arniyapeetha,

रतलाम/जावरा/नामली@newsmpg।  गुरु भक्ति का अनुपम और ऐतिहासिक नजारा सप्तमी तिथि को उस समय देखने को मिला जब रूपनगर फंटा  स्थित हनुमान मंदिर के संत मंगलदास जी महाराज के साकेतवास उपरांत भव्य भंडारे का आयोजन हुआ।
संत मंगलदास जी महाराज को नमन करने और श्रद्धालुओं को आशीर्वाद देने के लिए अयोध्या, काशी, उत्तराखंड, कसौली, उज्जैन, प्रतापगढ़, उदयपुर, वृंदावन आदि से बड़ी संख्या में संतजन रतलाम के अरनियापीठा पहुंचे।

पहले यह आयोजन रूपनगर फंटा स्थित आश्रम परिसर के समीप तय था, किंतु भारी भीड़ की संभावना को देखते हुए इसे अरनियापीठा मंडी परिसर में स्थानांतरित किया गया। तैयारियों का जायजा लेने के लिए जावरा विधायक डॉ. राजेंद्र पांडेय और परिवार व्यवस्थाओं को लेकर बैठक और स्थल निरीक्षण कर यह सुनिश्चित करता रहा कि भक्तों को किसी प्रकार की असुविधा न हो।

“संबंधित खबर  :  रूप नगर फंटा हनुमान मंदिर के संत 1008 श्री मंगल दास जी महाराज ब्रह्मलीन....https://newsmpg.com/Sant-1008-Shri-mangaldas-Ji-Maharaj-took-his-last-breath-on-Thursday-thousands-of-devotees-arriving-to-pay-the-last-visit

आर्शीवचन, कन्यापूजन संग हुआ प्रारंभ 

शनिवार को हुए इस आयोजन का आरंभ संतों के आशीर्वचन से हुआ। 1008 संत श्री मंगलदास जी महाराज के जीवन से मिली गुरु प्रेरणा को सदैव आत्मसात करने का आह्वान किया। इसके उपरांत कन्या पूजन एवं कन्या भोज सम्पन्न हुआ। फिर संत भोज आयोजित हुआ और उसके पश्चात भक्तों ने प्रसादी ग्रहण की। सुबह लगभग 10 बजे आरंभ हुआ भंडारा देर शाम तक चलता रहा। मंडी परिसर में सफाई, पेयजल, शौचालय, टेंट में डेढ़ हजार लोगों ने सेवा दी। जबकि 200 से ज्यादा हलवाई और महाराजों के साथ भी करीब 1 हजार भक्त भोजन बनाने में लगे। 

फोरलेन पर लगी कतारें, पैदल भी पंहुचे भक्त

-सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक मंडी तक आने वाले सभी रोड और फोरलेन पर भीड़ लगती ही रही। 
-दोपहर 1 बजे से 4 बजे तक उज्जैन-बड़ावदा फोरलेन, जावरा-मंदसौर-नीमच, जावरा- रतलाम फोरलेन सभी पर 5-5 किलोमीटर तक वाहनों की कतारें लगती रहीं। 
-लोग वाहन छोड़कर कई किलोमीटर तक पैदल चलकर भंडारे में शामिल होने के लिए चलते दिखे। 

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पुलिस अधिकारी, जवान डटे 

ट्रैफिक को व्यवस्थित करने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों के साथ पुलिस जवान और अधिकारी पूरे समय तैनात रहे। एसपी अमित कुमार के निर्देश पर एएसपी राकेश खाखा, सीएसपी युवराज सिंह चौहान, नामली, रिंगनोद, कालूखेड़ा, रतलाम आईए, जावरा सिटी, जावरा आईए से आए पुलिस बल के साथ ही एसएफ, मंदसौर, उज्जैन से आए पुलिस बल और बम रोधी दस्ता पूरे समय मुस्तैदी से तैनात रहा। इसके साथ ही स्थानीय  जनप्रतिनिधियों, नगर परिषद की टीम और अन्य एजेंसियों ने भी सहयोग दिया। 

संत मंगलदास जी साकेतवास:  60 वर्ष से नहीं खाया अन्न, हर श्रद्धालु को करवाते थे भोजन

उल्लेखनीय है कि महाराज जी का आश्रम महू-नीमच स्टेट हाईवे पर जावरा से 10 किमी दूर रूपनगर फंटे पर स्थित है। वे मूल रूप से खाचरोद तहसील के निवासी थे पंरतु वर्षो से रतलाम, मंदसौर, नीमच, उज्जैन आदि में निरंतर भ्रमण कर धर्म जागरण करते रहे। महाराज जी ने पिछले 60 वर्षों से भोजन नहीं किया था, लेकिन उनके आश्रम से कोई भी श्रद्धालु भूखा नहीं जाता था। आश्रम पर 24 घंटे भोजन की भट्टी जलती रहती थी और आने वाले सभी भक्तों को भोजन कराकर ही विदा किया जाता था।