रतलाम में फिर खिला कमल, चार पर भाजपा ने दर्ज की प्रचंड जीत, सैलाना में भारी पड़ा बाप
आखिरकार लोकतंत्र के महामुकाबले का फैसला सबके सामने आ गया है। जनता ने इस बार रतलाम जिले में फिर से भारतीय जनता पार्टी पर अधिक विश्वास जताया और भाजपा ने 5 में से 4 सीट जीत ली हैं। जबकि जिले की सैलाना सीट पर परिणामों ने सभी को चौंका दिया। यहां भारत आदिवासी पार्टी के प्रत्याशी कमलेश्वर ने जीत हासिल कर ली। कांग्रेस का प्रदर्शन पांचों ही सीटों पर खराब रहा
- विधायक काश्यप ने बनाया कीर्तिमान, 60 हजार से ज्यादा से
हासिल की जीत
- सैलाना में अप्रत्याशित परिणामों में कमलेश्वर ने मारी बाजी
- जावरा में पाण्डेय, ग्रामीण में डामर और आलोट में मालवीय ने
कांग्रेस को बुरी तरह पछाड़ा
रतलाम @newsmpg.com . आखिरकार लोकतंत्र के महामुकाबले का फैसला सबके सामने आ गया है। जनता ने इस बार रतलाम जिले में फिर से भारतीय जनता पार्टी पर अधिक विश्वास जताया और भाजपा ने 5 में से 4 सीट जीत ली हैं। जबकि जिले की सैलाना सीट पर परिणामों ने सभी को चौंका दिया। यहां भारत आदिवासी पार्टी के प्रत्याशी कमलेश्वर ने जीत हासिल कर ली। कांग्रेस का प्रदर्शन पांचों ही सीटों पर खराब रहा और खासकर आलोट और रतलाम शहर में हार-जीत का अंतर ही कांग्रेस प्रत्याशियों को मिले वोटों से लगभग डेढ से दो गुना है।
रतलाम जिले की पांचों विधानसभा सीटों पर चुनावी परिणाम दोपहर में ही सामने आ गए। कला एवं विज्ञान महाविद्यालय में सुबह 8 बजे से शुरु हुई गणना में दोपहर 12 बजे तक ही लगभग स्थिति साफ हो गई। वहीं दोपहर 2 बजे तक शहर, सैलाना के सभी राउंड की गिनती पूरी हो गई। इसके बाद जावरा की गिनती पूरी हुई। मतगणना स्थल पर पंहुचे कांग्रेस के जनप्रतिनिधि उदास होकर जहां दोपहर में ही रवाना हो गए, वहीं भाजपा के कार्यकर्ता कॉलेज के बाहर उत्साहित होकर बढ़ते ही गए। जयस में चौकाने वाली जीत की खुशी सबसे अधिक दिखी। दोपहर तक हजारों की संख्या में समर्थक रतलाम पहुंच गए।
तीसरी बार काश्यप के सर पर सजा महा जीत का ताज
रतलाम शहर में भाजपा के चैतन्य काश्यप ने पहले से तय मानी जा रही जीत को तीसरी बार हासिल कर लिया है। चुनावी कैम्पैन में अब की बार 56 पार के दावे से भी आगे जाते हुए चैतन्य काश्यप ने 60708 मतों के अंतर से जीत दर्ज की है। विधायक बनने की हैट्रिक बनाने के साथ ही काश्यप ने 109656 वोट हासिल किए हैं, जबकि कांग्रेस के पारस सकलेचा महज 48948 वोटों पर सिमट कर रह गए।
रतलाम ग्रामीण में फिर चला बा का जादू
आदिवासी आरक्षिक सीट रतलाम ग्रामीण में भाजपा के मथुरालाल डामर ने भी 2013 की तरह ही विजयश्री का हाथ थामा है। उन्होंने 34324 वोटों से जीत हासिल की है। भाजपा को 102968 वोट मिले जबकि कांग्रेस के लक्ष्मणसिंह डिंडोर पहले राउंड से ही पिछड़े रहे और उन्हें कुल 68644 वोट ही मिले। निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतरे जयस के संरक्षक डॉ. अभय ओहरी तीसरे स्थान पर रहे। डॉ. ओहरी ने 85017 मत हासिल किए।
सैलाना में बाप ने दोनों
पार्टियों को छोड़ा पीछा
जिले की आदिवासी आरक्षित सीट सैलाना में अप्रत्याशित परिणामों ने सभी को चौंका दिया है। यहां भारत आदिवासी पार्टी के कमलेश्वर डोडियार ने 71219 वोट प्राप्त करते हुए 4618 वोटों से आगे आते हुए विधायक बनने का ख्वाब पूरा कर लिया है। निकटतम प्रतिद्वंदी हर्षविजय गेहलोत ने 66601 वोट हासिल किए जबकि भाजपा की संगीता चारेल ने 41584।
महारोचक मुकाबले में जावरा
को डॉ. पांडेय ने जीता
जिले की सबसे रोचक सीट बनी हुई जावरा में आखिरकार स्थिति साफ हो गई है। यहां भाजपा के डॉ. राजेंद्र पाण्डेय ने भी पिछले बार की तुलना में एकतरफा 92019 वोट प्राप्त किए। कांग्रेस के वीरेंद्र सिंह सोलंकी ने 65998 और निर्दलीय प्रत्याशी करणी सेना के जीवनसिंह शेरपुर ने 40766 वोट हासिल किए। भाजपा ने 26210 वोट के अंतर से जीत हासिल कर ली है।
आलोट में मिली जिले की सबसे बड़ी जीत
जिले की एकमात्र अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट आलोट में भाजपा ने इतिहास बनाया है। चिंतामणि मालवीय ने 68884 मतों के अंतर से जीत हासिल की है। उन्हें 106762 वोट मिले हैं। दूसरे स्थान पर निर्दलीय प्रेमचंद गुड्डू रहे जिन्हें 37878 वोट और तीसरे स्थान पर कांग्रेस के मनोज चावला को 33656 वोट मिले हैं।
इसके साथ ही मध्यप्रदेश की तस्वीर भी साफ हो गई है। भारतीय जनता पार्टी एक बार फिर से प्रदेश में सरकार बनाएगी। विधायकी तो तय हो ही चुकी है, रतलाम जिले को मंत्रिपद मिलेगा या नहीं अब आगला कयास इस बात पर लगना शुरु भी हो गया है।
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