"हत्या या ऑनर किलिंग? दलित युवक की हत्या मामले में भीम आर्मी ने जताई साजिश की आशंका, जांच IPS से कराने की मांग"

रतलाम के कांडरवासा गांव में दलित युवक की बेरहमी से हत्या के मामले ने तूल पकड़ा। भीम आर्मी और आजाद समाज पार्टी ने SP से मुलाकात कर जांच अधिकारी बदलने और निष्पक्ष जांच की मांग की। ऑनर किलिंग की आशंका भी जताई गई है।

Jul 31, 2025 - 19:18
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"हत्या या ऑनर किलिंग? दलित युवक की हत्या मामले में भीम आर्मी ने जताई साजिश की आशंका, जांच IPS से कराने की मांग"
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Crime Desk@newsmpg नामली थाना क्षेत्र के ग्राम कांडरवासा में 5 दिन पहले दलित युवक आयुष मालवीय की हत्या के मामले ने तूल पकड़ लिया है। गुरुवार को आज़ाद समाज पार्टी और भीम आर्मी के प्रतिनिधिमंडल ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ASP) राकेश खाखा से मुलाकात कर निष्पक्ष जांच की मांग की। प्रतिनिधिमंडल ने जांच अधिकारी बदलने और मामले की जांच SP या अन्य वरिष्ठ IPS अधिकारी से कराने की मांग उठाई।

मालूम हो कि ग्राम मेवासा में 25-26 जुलाई की रात 18 वर्षीय आयुष मालवीय की हत्या कर दी गई थी। हमलावरों ने उसके सिर के बाल भी काट दिए थे, जिससे इस हत्या को ऑनर किलिंग से जोड़कर देखा जा रहा है। नामली पुलिस ने मामले में आयुष की प्रेमिका के परिजनों सहित 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

गुरुवार को आज़ाद समाज पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुनील अस्तेय के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल मृतक के गांव पहुंचा और परिजनों से मुलाकात कर घटना की जानकारी ली। बाद में प्रतिनिधि मंडल मृतक के परिजनों को साथ लेकर SP ऑफिस पहुंचा और ASP को ज्ञापन सौंपा। आयुष के भाई अनिल की ओर से आवेदन देकर एसडीओपी को जांच से हटाने और निष्पक्ष जांच की मांग की गई।

"आयुष की हत्या ऑनर किलिंग हो सकती है" - भीम आर्मी

मीडिया से चर्चा में श्री अस्तेय ने कहा कि आयुष की निर्ममता से पिटाई की गई और बाद में शव को बोरे में भरकर फेंक दिया गया। परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने शुरुआत में लापरवाही बरती। मर्ग कायम होने के कुछ ही समय बाद आयुष की नाबालिग मित्रा को फरियादी बनाकर एफआईआर दर्ज की गई, जबकि आरोपी उसी लड़की के परिवार से हैं। यह भी सवाल उठाया गया कि मृतक के परिजन को सूचना तक नहीं दी गई और FIR में उनकी भूमिका नहीं जोड़ी गई।

CDR जांच और पुलिस लिंक पर सवाल

श्री अस्तेय ने यह भी मांग की कि मुख्य जांच अधिकारी SDOP की भूमिका की जांच की जाए और CDR (कॉल डिटेल रिकॉर्ड) के आधार पर यह पता लगाया जाए कि पुलिस अधिकारियों की आरोपियों से कोई संबंध तो नहीं। उन्होंने ऑनर किलिंग की आशंका जताई और मामले की जांच किसी स्वतंत्र वरिष्ठ अधिकारी से कराने की मांग दोहराई।

पुलिस का जवाब: “निष्पक्ष जांच जारी है”

ASP राकेश खाखा ने मीडिया को बताया कि नामली थाने में हत्या का केस दर्ज किया जा चुका है और 6 आरोपी जेल भेजे जा चुके हैं। भीम आर्मी और आज़ाद समाज पार्टी की ओर से जांच को लेकर कुछ मांगें रखी गई हैं, लेकिन पुलिस निष्पक्ष जांच कर रही है।

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