रतलाम के कलेक्टर बहुत महान है! विधानसभा में गुंजी आवाज, जानिए ऐसा किसने और क्यों कहा
मध्यप्रदेश की विधानसभा में एक आवाज गुजंती है कि ‘‘रतलाम के कलेक्टर बहुत महान है।’’ ये कटाक्ष विधानसभा की कार्यवाही में दर्ज हो गया हैं। जिले के एक विधायक ने चलती चर्चा में हाथ उठा कर जब ये कहा तो कई लोग उन्हे देखने लगे।

रतलाम। @newsmpg मध्यप्रदेश की विधानसभा में एक आवाज गुजंती है कि ‘‘रतलाम के कलेक्टर बहुत महान है।’’ ये कटाक्ष विधानसभा की कार्यवाही में दर्ज हो गया हैं।
जिले के एक विधायक ने चलती चर्चा में हाथ उठा कर जब ये कहा तो कई लोग उन्हे देखने लगे।
दरअसल समाज के कमजोर वग केलिए विधिक सहायता तथा विधिक सलाह निरसन विधेयक 2025 पर चर्चा के दौरान बुधवार को आलोट के विधायक डॉ चिंतामणि मालवीय चर्चा कर रहे थे। इसी दौरान सैलाना विधायक कमलेश्वर डोडियार ने हाथ खड़ा कर दिया। विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्रसिंह तोमर ने उन्हे एक मिनिट का समय बोलने के लिए दिया।
‘‘सैलाना विधायक ये बोले ’
आज अत्याचार निवारण के संबंध में रतलाम जिले में बैठक चल रही है. माननीय अध्यक्ष महोदय. 8 अगस्त, 2025 तक विधानसभा का सत्र चल रहा है, यह पूरे भारत को पता है लेकिन रतलाम के कलेक्टर बहुत महान हैं। अभी सदन में ही एक माननीय सदस्य ने कह दिया है कि प्रोटोकाल में हम लोग कहां पर हैं और कलेक्टर कहां पर है।
अध्यक्ष महोदय, आज रतलाम में अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत रतलाम में बैठक चल रही है और हम लोग उसके सदस्य है। हमारी पीड़ा है और आपके माध्यम से हमारा सरकार से अनुरोध है कि इस प्रकार जिलों में कलेक्टर अगर ज्यादती करेगा, हमारा जो विशेषाधिकार है उसका हनन करेगा और अपने हिसाब से सब कुछ चीजें चलायेगा, अभी पूरे सदन में लंबे समय से कानून की बात चल रही है, भारत में संविधान का राज है, कानून का राज है तो हमारे रतलाम जिले के कलेक्टर क्या कर रहे हैं इसके ऊपर थोडा सा विचार किया जाये, क्योंकि कलेक्टर भी कानून से ऊपर नहीं है. कम से कम वह कानून के दायरे में रहकर के अपनी ड्यूटी को निभायें।
डॉ चितांमणि मालवीय बोले प्रोटोकॉल टकराता है
आलोट विधायक ने कहा अनुसूिचत जाति या जनजाित का विधायक अयाचार निवारण समिति का अध्यक्ष रहता है तो वह विषय ज्यादा अच्छे से जानता हैं। इस समिति का अध्यक्ष पहले कोई दलित या अनुसूचित जनजाति का विधायक हुआ करता था, जिले की समिति का पिछले कुछ समय से इस समिति का अध्यक्ष जिले के कलेक्टर को कर दिया गया है। ठीक बात है, कलेक्टर प्रशासनिक व्यवस्था का जिले का प्रमुख है, लेकिन यहां पर इसमें प्रोटोकॉल टकराता है क्योंकि विधायक का जो प्रोटोकाल है वह चीफ सेकेट्री के ऊपर है, अब चीफ सेकेट्री के ऊपर के व्यक्ति की बैठक अगर कलेक्टर लेता है जो कि 37वें 38वें नंबर पर प्रोटोकाल मे आता है अगर वह लेगा तो टकराव की स्थिति निर्मित होती है कि चीफ सेकेट्री से ऊपर प्रोटोकाल में होने के बाद में नीचे के क्रम में आने वाला कलेक्टर कैसे बैठक ले रहा है। इसलिये अध्यक्ष महोदय, मुझे लगता है कि यह भी एक विसंगति है और इस तरह की विसंगतियों का निरसन भी इन कानूनों के साथ में होना चाहिये।
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