नामली के 100 साल पुराने चवरा जी मंदिर में बवाल! क्यों प्रशासन को हटाना पड़ा पुजारी!

पुजारी विवाद पर राजपूत समाज और सर्व समाज का दो घंटे तक विरोध, प्रशासन ने हटाया पुजारी

Aug 4, 2025 - 19:54
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नामली के 100 साल पुराने चवरा जी मंदिर में बवाल! क्यों प्रशासन को हटाना पड़ा पुजारी!
नामली में मंदिर को लेकर विवाद

हरीश चौहान, नामली। एक सदी पुराना आस्था का केंद्र और नामली का धार्मिक हृदय — चवरा जी मंदिर — सोमवार को उस वक्त विवाद का केंद्र बन गया जब सैकड़ों की संख्या में राजपूत समाज व सर्व समाज के लोग मंदिर परिसर में एकत्रित हुए और नए पुजारी द्वारा चलाए जा रहे कथित एकाधिकार व निर्माण कार्य का तीखा विरोध किया।

???? क्या है विवाद?

नामली के होली चौक स्थित यह प्राचीन मंदिर, जहां राधा-कृष्ण व हनुमानजी की मूर्तियां विराजित हैं, पिछले लगभग 100 वर्षों से राजपूत समाज द्वारा संरक्षित व संचालित किया जाता रहा है। पूर्व पुजारी ज्ञानदास बैरागी की मृत्यु के बाद, उनके भतीजे महेंद्रदास बैरागी ने बिना समिति या प्रशासनिक अनुमति के खुद को पुजारी घोषित कर मंदिर में नियमित पूजा शुरू कर दी।

इतना ही नहीं, आरोप है कि उन्होंने मंदिर परिसर में बिना अनुमति पक्के निर्माण कार्य भी शुरू कर दिए और स्थानीय श्रद्धालुओं को मंदिर में पूजा से रोका जाने लगा। इससे आक्रोशित होकर राजपूत समाज, सर्व समाज, पंचमुखी क्लब और अन्य स्थानीय लोग बड़ी संख्या में मंदिर पहुंचे।

 जनता का आक्रोश

इस घटना के विरोध में तूफानसिंह सोनगरा, शैलेंद्र सिंह, चट्टान सिंह राठौर, दिलीप सिंह सोलंकी (करणी सेना) समेत सैकड़ों लोग मंदिर पहुंचे और प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग की।

पंचमुखी क्लब के सदस्यों ने आरोप लगाया कि उन्हें गणेश स्थापना जैसे सेवा कार्यों से भी रोका गया, जो वर्षों से मंदिर परिसर में होते आ रहे थे।

प्रशासन का एक्शन, पुजारी बदला

स्थिति तनावपूर्ण होती देख एसडीओपी किशोर पाटनवाला, थाना प्रभारी कन्हैयालाल आयस्क, तहसीलदार संदीप इनवे, पटवारी जितेंद्र अवस्थी और दयाराम गुर्जर मौके पर पहुंचे। दोनों पक्षों से वार्ता के बाद, प्रशासन ने महेंद्रदास बैरागी को हटाकर बलवंत गिरी गोस्वामी को नया पुजारी नियुक्त किया।

मंदिर में विधिवत पूजन भी बलवंत गिरी से करवाया गया और अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि मंदिर सभी के लिए खुला रहेगा — पूजा और दर्शन में कोई रोक नहीं होगी।

गणेश स्थापना की अनुमति मांगी

इस मौके पर राजपूत समाज व पंचमुखी क्लब द्वारा प्रशासन को ज्ञापन सौंपा गया, जिसमें मांग की गई कि: बिना अनुमति मंदिर में कोई निर्माण कार्य न हो। धार्मिक आयोजन पारंपरिक स्वरूप में ही हों। पंचमुखी क्लब को गणेश उत्सव में पूर्व की तरह झांकी व स्थापना की अनुमति दी जाए।

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