रतलाम-महू फोरलेन पर गंभीर सड़क हादसा, 4 की मौत 8 गंभीर घायल  -जमूनिया के समीप काम कर रहे मजदूरों को कार ने कुचला

रतलाम-महू फोरलेन पर गंभीर सड़क हादसा, 4 की मौत 8 गंभीर घायल  -जमूनिया के समीप काम कर रहे मजदूरों को कार ने कुचला


रतलाम। रतलाम में मंगलवार शाम को एक भीषण सड़क हादसे में एक कार ने 1 दर्जन से भी ज्यादा मजदूरों को कुचल दिया। इस गंभीर सड़क हादसे में 4 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 8 से भी ज्यादा गंभीर रूप से घायल हैं। घायलों को लोडिंग वाहन की मदद से जिला अस्पताल तक लाना पड़ा। 
हादसा तब हुआ जब ये मजदूर मंगलवार शाम को ग्राम जमूनिया के समीप फोरलेन किनारे रेलिंग लगाने का काम कर रहे थे। इसी दौरान इंदौर से रतलाम आ रही काले रंग की तेज रफ्तार कार ने इन्हें कुचल दिया। रफ्तार इतनी तेज थी कि एक-एक करके कार 12-13 मजदूरों पर चढ़ गई। चीख-पुकार मच गई और मौके पर जो 2-3 मजदूर घायल होने से बच गए उन्होंने ठेकेदार और फिर पुलिस को भी सूचना दी। मौके पर ठेकेदार और टोल कंपनी की एम्बुलेंस भी पंहुची और तत्काल 2 घायलों को लेकर रवाना हो गई। अन्य वाहनों से  भी दो घायलों को रवाना किया गया। इस दौरान और एम्बुलेंस का इंतजार होता रहा, लेकिन जब काफी देर तक भी कोई एम्बुलेंस नहीं पंहुची तो लोडिंग वाहन में डालकर 9 घायलों को एक साथ जिला अस्पताल लाने के लिए भेज दिया गया। इन मरीजों में से 8 की हालत बेहद गंभीर है। घायल होने वाले सभी मजदूर उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले के रहने वाले हैं और फोरलेन कंपनी के लिए काम करने के लिए रतलाम आए थे। हादसे के समय भी सभी मजदूर फोरलेन पर ग्राम जमुनिया के समीप काम कर रहे थे। इसी दौरान सातरुंडा से रतलाम आ रही कार ने इन्हें कुचल दिया। 

सड़क पर लगा था बोर्ड, लेकिन रफ्तार से आई कार 

वहाँ मौजूद अन्य मजदूरों के हादसा शाम करीब 6 बजे हुआ। उस वे सभी मजदूर जमुनिया फंटे के समीप फोरलेन किनारे काम कर रहे थे। रोड पर 100 मीटर दूर पर बोर्ड भी लगाया गया था ताकि वाहनों को इस पट्टी पर न आने और रफ्तार धीमी रखने की सूचना मिल सके। इसके बावजूद इसके काले रंग की गाड़ी ने तेज रफ्तार में आकर एक एक करके सभी को कुचल दिया। हादसे में कार का अगला हिस्सा भी क्षतिग्रस्त हो गया तो घटनास्थल से कुछ दूरी पर जाकर कार भी रुक गई। कार में मौजूद परिवार के लोग वहीं उतर गए, जबकि चालक को भी चोट आई है। 


हर बार की तरह दिखी अव्यवस्था 

घायलों को अस्पताल लाने के लिए एंबुलेंस समय पर नहीं मिली तो लोडिंग वाहन में डालकर मरीजों को लाना पड़ा। इससे घायलों को चोटों और दर्द में बेहाल हालात में और कष्ट मिला। अस्पताल में उन्हें पुलिसकर्मियों और मीडियाकर्मियों ने स्ट्रेचर पर लेटाया और अंदर तक ले गए। मौके पर केवल 2 वार्ड बाय ही मौजूद थे। घायलों को प्रारंभिक ड्रेसिंग आदि के बाद चिकित्सकों ने आकर देखा लेकिन रात में उनका एक्स-रे या अन्य जांच तक नहीं हो सकी। घायल दर्द से काफी देर तक रोते-बिलखते रहे, लेकिन उनके साथ परिवार या परीचित नहीं होने से ढ़ांढ़स बंधाने के लिए भी कोई नहीं मिला।