दुष्कर्म पीड़िता के परिजनों से मिलने पंहुचे पूर्व मंत्री भड़के, मेडिकल कालेज में कांग्रेस ने शुरू किया धरना

लगाया आरोप की शाम तक नहीं कि गई रेप पीड़ित बच्ची के परिजनों के भोजन की व्यवस्था कोई तत्काल राहत राशि भी नहीं हुई जारी

दुष्कर्म पीड़िता के परिजनों से मिलने पंहुचे पूर्व मंत्री भड़के, मेडिकल कालेज में कांग्रेस ने शुरू किया धरना
Congress protest in medical college

रतलाम। नामली में 8 वर्षीय बालिका के साथ दुष्कर्म के मामले में मंगलवार को राजनीति गरमा गई। कांग्रेस के पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल बच्ची के परिजनों से मिलने मेडिकल कॉलेज पहुंचे। वहां शाम तक परिजनों को खाना और तत्काल कोई सहायता राशि नहीं मिलने पर उन्होंने धरना शुरू कर दिया। इस दौरान कलेक्टर के साथ फोन पर उनकी बहस भी हुई और कुछ ही देर में सैलाना और आलोट विधायक समेत कांग्रेसियों की भीड़ लग गई, जो धरने पर बैठे हैं। 

उल्लेखनीय है कि रविवार रात को नामली में घर के बाहर नानी के साथ सो रही 8 वर्षीय बालिका के साथ आरोपी राजेंद्र सिंह ने दुष्कर्म किया था। बच्ची को इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज में भर्ती करवाया गया है। जहाँ शाम को कांग्रेस के पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल कुछ कांग्रेस नेताओं के साथ मिलने पंहुचे थे। इस दौरान परिजनों ने उन्हें बताया कि उन्हें सुबह से भोजन नहीं मिला है। न ही जिला प्रशासन की ओर से कोई तात्कालिक सहायता राशि जारी की गई। गरीब परिवार को इस कारण बहुत परेशानी हो रही है। इसपर पटेल नाराज़ हो गए और कलेक्टर को फोन लगाकर उनसे भी नाराज़गी जताई। श्री पटेल ने बताया कि फोन पर उन्हें संतुष्टिपूर्ण जवाब नहीं दिया गया। इसके बाद  वे भड़क गए और धरना शुरू कर दिया। 

 *विधायक, नेता, कार्यकर्ता हुए जमा
धरने की सूचना मिलने पर सैलाना विधायक हर्षविजय गहलोत, आलोट विधायक मनोज चावल, युवक कांग्रेस अध्यक्ष मयंक जाट, जिपं सदस्य डीपी धाकड़, राजेश भरावा, पूर्व जिला पंचाय अध्यक्ष प्रभु राठौड़, दिनेश शर्मा, शहर अध्यक्ष, कार्यकारी अध्यक्ष फय्याज मंसूरी, सेवादल ग्रामीण जिलाध्यक्ष रानी देवदा सहित कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता भी धरने में शामिल हो गए। इस दौरान एसडीएम, एएसपी आदि ने आकर कांग्रेस नेताओं से बात करके धरना खत्म करने को कहा, लेकिन उन्होंने हटने से मना कर दिया। कलेक्टर ने दोबारा फोन पर चर्चा की, लेकिन कोई हल नहीं निकला।

दोनों पक्ष देते रहे दलील

कांग्रेस ने आरोप लगाया कि प्रशासन, पुलिस द्वारा पीड़ित परिवार को समुचित मदद नहीं दी जा रही है। इलाज के कलेक्टर ने उन्हें सख्त कार्यवाही और इलाज, मुआवजा दिलवाने का आश्वासन दिया था गरीब परिजनों के लिए भोजन व्यवस्था भी नहीं कि गई। न ही जिला स्तर से आर्थिक सहायता दी गई है, जो तत्काल दी जानी चाहिए थी। दूसरी ओर प्रशासन ने बताया कि पीड़ित के इलाज और सुरक्षा का समुचित प्रबंध किया गया है। आरोपी को गिरफ्तार कर फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट में केस चलाकर फांसी दिलवाने की कोशिश की जा रही है। 

दिन में समाजजनों ने भी दिया था धरना

इस मामले में दिन में समाज जनों ने भी कलेक्टर को ज्ञापन दिया था। इसमें आरोपी को फांसी की सज़ा दिलवाने, घर पर बुलडोज़र चलवाने और पीड़िता को तत्काल 1 करोड़ रुपये देने की मांग की गई थी। इस दौरान कुछ देर धरना भी दिया था। इसपर कलेक्टर ने सख्त कार्यवाही, मुआवजा दिलवाने और इलाज सहित हर संभव मदद का आश्वासन दिया।