8 दिन से गायब 10 माह की मासूम नहीं लौट पाई मां के पास, कुएं में मिला लाड़ली का शव :, कुत्ते ने खोला हत्या का राज, पड़ोसी बना दरिंदा ! जानिए पूरी खबर
रतलाम जिले के कालूखेड़ा थाना क्षेत्र के गांव लसुडियानाथी में गायब हुई 10 महीने की बच्ची का राज आखिरकार खुल गया। एसपी राहुल कुमार लोढ़ा ने इस अमानवीय घटनाक्रम की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बच्ची को किडनैप और फिर मारने वाला आरोपी दशरथ भील है।
रतलाम @newsmpg।
मां की बगल में सो रही मात्र 10 माह की मासूम का कसूर बस इतना था कि पड़ोसी युवक मां के साथ रिश्ता बनाना चाहता था और वह बीच में आ रही थी। इसकी सजा उस नन्हीं सी बच्ची को तड़प तड़प कर अपनी जान गंवाकर मिली।
एसपी राहुल कुमार लोढ़ा ने सोमवार को पत्रकार वार्ता में बताया कि घटना की जांच के लिए एडिशनल एसपी राजेश खाखा, सीएसपी दुर्गेश आर्मो, एसडीओपी शक्तिसिंह के नेतृत्व में थाने के अलावा साइबर, कैमरा टीम ने जांच शुरू की। पूरे गांव से पूछताछ की जा रही थी। पुलिस ने कई स्तर पर काम शुरू किया। आरोपी पर १ लाख रुपए का इनाम भी घोषित किया था।
कुत्तों ने खोला आरोपी का राज
एसपी ने बताया कि जांच के लिए डॉग स्क्वायड जब गया तब कुत्ते वही गए जहां दशरथ घटना के बाद बैठा था। उन्होंने बताया कि आरोपी दशरथ की पत्नी राखी के लिए १६ को गई थी। १७ की रात वह पड़ोसी महिला के घर में खिड़की से गलत इरादे से घुसने की फिराक में था। खिड़की के पास उसने बाहर से मां के पास सो रही बच्ची को उठा लिया, लेकिन बच्ची रोने लगी तो उसने उसका मुंह हाथ से दबा दिया। इसी बीच बच्ची के मामा मौसी उठ गए और मां भी जाग गई। सभी बच्ची को ढूंढने लगे। आरोपी ने महसूस किया की मुंह दबाने से बच्ची मर गई है, तो उसने इसे पीछे जाकर कुंए में फेंक दिया।
पकड़ा और फिर छोड़ दिया था
दशरथ पिता रामलाल भील निवासी लसूड़िया बच्ची की मां के साथ रिश्ता रखना चाहता था और पड़ोसी होने के साथ आए दिन उससे बात करता था। शादी के पहले भी उनकी बातचीत थी। हालांकि हत्या करके आरोपी वापस आकर सो गया था और सुबह सब के साथ ढूंढने का नाटक करता रहा।
शंका पर पुलिस ने पहले ही दिन पूछताछ के लिए पकड़ा था लेकिन उसके खिलाफ ठोस सुराग नहीं मिलने से उसे छोड़ दिया गया था। दशरथ इसी का फायदा उठाकर अपनी ससुराल राजस्थान के प्रतपागढ़ जिले के गांव हथूनिया भाग गया था। वहां जाकर वह सबसे दूर एक विरान मकान में छुपकर रह रहा था।
कुएं से निकला शव, टीआई ने रखा गोद में
दशरथ से सख्ती से पूछताछ की तो उसने जुर्म कबूल लिया। कालूखेड़ा लाने पर टीआई नीलम चौंगड़ टीम के साथ आरोपी को लेकर उसकी निशानदेही पर गांव के कुएं तक पंहुचे जहां शव फैंका था। पुलिस टीम बरसते पानी में उसे लेकर कच्चे रास्ते से पैदल पंहुची तो ग्रामीणों की भीड़ भी लग गई। जैसे ही कुएं से बच्ची का शव निकला तो टीआई नीलम ने उसे गोद में ले लिया। पूरे रास्ते उसे गोद में लेकर ही चलती रही। शव को पीएम के लिए मेडिकल कालेज भेजा गया था, जहां सोमवार को पीएम किया गया।
राजस्थान पुलिस के जवान ने पकड़ा
एसपी ने बताया कि दशरथ पुलिस से बचने के लिए हथूनिया गांव के एक सूने मकान में छुपकर रहने लगा था। रतलाम पुलिस को जांच में जब इसके ऊपर शंका हुई तो पुलिस ने कालूखेड़ा, मंदसौर, नीमच, प्रतापगढ़ के कई संदिग्ध स्थानों पर दबिश दी, लेकिन आरोपी कहीं नहीं मिला। रतलाम पुलिस ने राजस्थान पुलिस को भी जानकारी दी। इस बीच रविवार दोपहर को हथुनिया थाने के कांस्टेबल सुरेश मीणा को सूचना मिली कि आरोपी एक सूने मकान में छिपा है। कांस्टेबल मौके पर पहुंचा, तो दशरथ ने भागने की कोशिश की, लेकिन ग्रामीणों ने उसे घेर लिया। कांस्टेबल मीणा की मदद से उसे गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद रतलाम पुलिस को सूचना मिलते ही पुलिस पंहुची और उसे कालूखेड़ा थाने लाया गया।
मां के पास से गायब हो गई बच्ची
गौरतलब है कि प्र्रेमा पति मुकेश उर्फ राकेश खारोल निवासी ग्राम उपरवाड़ा डिलीवरी के लिए मायके लसुड़ियानाथी आई थी और करीब एक साल से यही रह रही है। 17 अगस्त की रात प्रेमा घर में ही अपनी 10 महीने की बच्ची तनु के साथ सो रही थी। रात 12 बजे के करीब नींद खुली तो बच्ची पास में नहीं थी। घर का दरवाजा अंदर से बंद था लेकिन खिड़की खुली हुई थी। प्रेमा ने रात में अपने पति, पड़ोसियों, रिश्तेदारों को बताया था जिन्होंने रात में पुलिस को भी सूचना दी थी। उसी रात से तकरीबन 8 दिनों तक रतलाम पुलिस भी लगातार बच्ची की तलाश कर रही थी।
कड़ी सजा देने की उठी मांग
सोशल मीडिया पर नन्हीं सी बच्ची की हत्या करने वाले आरोपी को कड़ी सजा देने की मांग उठ रही है। दूसरी ओर खारोल समाज के लोगों ने भी सोमवार सुबह कालूखेड़ा थाने पर एकत्रित होकर आरोपी को फांसी की सजा देने की मांग की। बांछड़ा समुदाय के जागरूक युवक-युवतियों ने भी आरोपी को कड़ी सजा देने की मांग की। उन्होंने बताया कि पिछले 8 दिन से जहां पुलिस बच्ची के गायब होने पर सर्वाधिक शंका उन्हीं के समाज के लोगों पर की जा रही थी। मानव तस्करी की शंका पर उनके घरों के आसपास पुलिस तैनात थी। पंरतु अब सच सामने आने पर आरोपी के खिलाफ सख्ती से कार्यवाही की जाए।