रतलाम जेल की सलाखों के पीछे से चुनावी रण लड़ेगे ये प्रत्याशी, - जानिये कौन सी विधानसभा से जेल में रहकर भी ठोंकेगें ताल 

A person lodged in Ratlam jail has decided to show his strength in the election battle from behind the bars. For this, he has also applied through his advocate in the District and Sessions Court and demanded permission to contest the elections.

रतलाम जेल की सलाखों के पीछे से चुनावी रण लड़ेगे ये प्रत्याशी, - जानिये कौन सी विधानसभा से जेल में रहकर भी ठोंकेगें ताल 


-अधिवक्ता ने न्यायालय में पेश किया आवेदन -

रतलाम। चुनावों में कई बार परीस्थितियां ऐसी हो जाती हैं कि प्रत्याशी को बीमार होने या घर में मुसीबत होने पर भी अपने समर्थकों के बल पर लड़ना पड़ता है। लेकिन रतलाम जेल में बंद एक व्यक्ति ने जेल की सलाखों के पीछे से ही चुनावी रण में दम दिखाने का मन बना लिया है। इसके लिए इन्होंने अधिवक्ता के माध्यम से  जिला एवं सत्र न्यायालय में आवेदन लगाकर चुनाव लड़ने की अनुमति देने की मांग भी की है। 
दरअसल सर्किल जेल रतलाम की सलाखों के पीछे से भवानी प्रताप पिता भंवर लाल कैथवास निवासी रतलाम चुनाव में हुंकार भरेंगे। भवानी प्रताप राजनीतिक कार्यकर्ता हैं और नीमच से विधान सभा चुनाव, भारतीय स्वर्णिम युग पार्टी के उम्मीद्वार के रूप में लड़ेंगे। परंतु फिलहाल ये रतलाम जिला जेल में बंद हैं। ऐसे में 
जिला एवं सत्र न्यायालय, रतलाम के समक्ष आरोपी को 2023 मध्य प्रदेश विधान सभा चुनाव लड़ने की अनुमति देने बाबत आवेदन पत्र 20 अक्टूबर को अधिवक्ता विजय सिंह यादव के माध्यम से प्रस्तुत किया गया है। 

...वरना पार्टी करेगी जेल का दुर्पयोग 

अधिवक्ता यादव ने जो आवेदन न्यायालय में पेश किया है उसमें यह तर्क दिया गया है कि केवल एफआईआर या जेल में बंद होने के आधार पर किसी व्यक्ति को चुनाव लड़ने से वंचित करना पर्याप्त नहीं है। विचाराधीन कैदी को जेल में बंद होने के आधार पर चुनाव लड़ने से वंचित करने पर राजनीतिक पार्टियों को नया रास्ता मिल जाएगा। राजनीतिक या सत्तारूढ़ पार्टी विरोधियों को रोकने के लिए झूठी एफआईआर करवाकर बंद करवा देगी। उन्होंने यह भी तर्क दिया कि भारत में जेल से चुनाव लड़ने का अधिकार संविधान के अनुच्छेद 326 द्वारा दिया गया है।