कांग्रेस के विधायक हर्षविजय गेहलोत बोले तबादलो को भ्रष्टाचार की मंडी नही बनने देगें, सड़क से विधानसभा तक उठाएगें मामला

कांग्रेस के विधायक हर्षविजय गेहलोत बोले तबादलो को भ्रष्टाचार की मंडी नही बनने देगें, सड़क से विधानसभा तक उठाएगें मामला


रतलाम। राजस्व एवं पंचायत विभाग के तबादलों में धांधली का खेल उजागर करने की न्यूजएमपीजी डॉट कॉम की खबर के बाद राजनैतिक एवं प्रशासनिक खेमें में हड़कंप मचा हुआ है। सत्ता के दलालों एवं उनके जरिए फिर से  दुधारू तैनाती पाने की तैयारी कर रहे पटवारी एवं उनके कई हिमायती अफसर छटपटाने लगे है जबकि अभी इस मामले में कई  खुलासे बाकी है ।

इसी बीच खबर प्रकाशित होने के बाद सैलाना कांग्रेस के विधायक एवं जिला कांग्रेस अध्यक्ष हर्षविजय गेहलोत ने भी मोर्चा खोल दिया है। गेहलोत ने कहा है प्रशासनिक व्यवस्था में  तबादला एक प्रक्रिया है लेकिन वो इसे भ्रष्ट्राचार की मंडी कतई नही बनने देगें। एक भी तबादला गलत हुआ या नीति के विरूद्ध हुआ तो वो सड़क से लगाकर विधानसभा तक मामला उठाएगें। कांग्रेस विधायक की चेतावनी के बाद अटकले लगाई जा रही है कि तबादलों के सीजन को उद्योग मानकर धन संग्रहण किए गए जिले के इस मसले में राजनैतिक रूप विस्फोटक हो सकने के सभी पहलू मौजूद हैं। इससे उपज सकने वाले किसी भी राजनीतिक संकट से सरकार को बचाने के लिए भाजपा बड़े नेताओ और जिले प्रशासनिक मुखिया को सतर्क रहने की आवश्यकता है।

यूपी ,महाराष्ट्र में मंत्रियो को ऐसे मामलो में देना पड़ा इस्तीफा

जिले के एक ईमानदार प्रशासनिक अफसर ने नाम नही  छापने की शर्त पर  बताया तबादलों के इस भ्रष्टाचार को सभी पक्षों ने कालाधन जमा करने की स्थापित युक्ति के रूप में स्वीकार कर लिया है। जो अफसर तगड़ा पैसा देकर दुधारू तैनाती पाता है, वह उसकी कई गुना भरपाई के लिए चांदी काटता है। अफसरों को ऊपर से नीचे तक हिस्सा बांटना पड़ता है। विपक्ष को यह सवाल जोरदारी से उठाना चाहिए, पर वह आम तौर पर चुप रहता है। कारण यह है कि जब उसकी सरकार बनती है, तो वह भी यही करता दिखाई पड़ता है। इस सरकार में जो किया जा रहा है, वह पिछली सरकार में भी किया जाता रहा है। हालांकि महाराष्ट्र एवं उत्तरप्रदेश में ऐसे ही मामलों में मंत्रियो को इस्तीफे देने पड़े और सरकारो की खूब किरकिरी हुई। ऐसे में रतलाम जिलें में भ्रष्टाचार की भनक के साथ ही विपक्ष सक्रिय हुआ है तो ये स्वच्छ प्रशासनिक व्यवस्था एवं लोकतंत्र के लिए अच्छी बात है।

ये है मामला

जिले में पंचायत एवं राजस्व विभाग के तबादलों के लिए दलाल सक्रिय हो गए है। तबादलो को भ्रष्टाचार की मंडी बनाने में लगे है। विश्वसनीय सुत्रो के मुताबिक जिले में पटवारियों एवं ग्राम पंचायत सचिवों के  ट्रांसफर की सुगबुगाहट चल रही है। इसका फायदा उठाने के लिए कुछ लोग सक्रिय हो गए हैं। ये दलाल किस्म के लोग पटवारियो एवं सचिवो के ट्रांसफर-पोस्टिंग करवाने के नाम पर सक्रिय हैं। ये अपने आपको प्रभारी मंत्री और विधायक और अधिकारियों का नजदीकी बताकर ट्रांसफर-पोस्टिंग करवाने का सौदा कर रहे हैं। इसके अलावा  मलाईदार जगहो पर तैनात करवाने का भी भरोसा दे रहे हैं। गत वर्ष जिन 38 पटवारियों के ट्रांसफर किए गए थे , उन्ही को फिर से इधर -उधर करने के लिए भी खेल रचा गया है। जो फिर से कमाई वाली जगहो पर आना चाहते है।

हर पोस्ट के लिए रेट तय किए, 1 से 5 लाख
 

कई अधिकारियों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि दलाल धमकी दे रहे हैं कि फिलहाल जिस जगह पर तैनात हो, उसी पर रहना है तो जो रेट चल रहे हैं, वो फीस देनी होगी। सूत्रों से पता चला है कि दलालों ने रेट और फीस तय कर दी है। पटवारियो एवं सचिवो की पोस्टिंग के लिए 1 लाख 5 लाख तक की फीस मांगी जा रही है। बड़े शहरो के पटवारियों के लिए यह कीमत 10 लाख तक भी है। दलालो ने टोकन अमाउंट ले लिया है। सुत्रो के अनुसार इसी हिसाब से सूची भेजी गई है।