कचरा वाहन की टक्कर से भतीजे की मान उतार रही एक बुआ की मौत, दूसरी को आई चोट - रहवासियों ने चालक को पीटा, वाहन भी तोड़ा, घंटो चला चक्काजाम और हंगामा
कचरा वाहन की टक्कर से भतीजे की मान उतार रही एक बुआ की मौत, दूसरी को आई चोट - रहवासियों ने चालक को पीटा, वाहन भी तोड़ा, घंटो चला चक्काजाम और हंगामा
रतलाम। बिरियाखेड़ी क्षेत्र में नगर निगम के तेज गति से चलते कचरा वाहन से कुचलने के बाद एक 22 वर्षीय युवती की मौत हो गई। उसकी बहन के पैरों में भी गंभीर चोट आई है। रहवासियों ने जमकर हंगामा किया। मैजिक चालक को पीटी, वाहन में भी तोड़फोड़ की और फिर चक्काजाम कर दिया। अस्पताल में भी हंगामा किया गया।
घटना सोमवार दोपहर करीब 2 बजे की है। जब बिरियाखेड़ी मेन रोड पर स्थित मेघराज भूरिया के मकान बाहर उसकी दो बेटियां बाटी सेक रही थी। घर में बड़े बेटे के
बालक की मन्नत का कार्यक्रम था। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार परिवार की सबसे बड़ी बेटी 35 वर्षीय सावित्री और सबसे छोटी 22 वर्षीय पूनम घर के बाहर खुले स्थान पर बाटी सेक रही थी। पीछे से आ रहे कचरा वाहन के चालक ने तेज गति से वाहन लाते हुए सावित्री को टक्कर मार दी। पैर में चोट आई और वह लुढ़क गई। उसकी चीख सुनकर परिवार के अन्य लोग और आस पड़ोसी बाहर आए, लेकिन रुकने के बजाय कचरा वाहन के चालक ने वाहन और तेज करके भगा दिया। पूनम भूरिया जो वाहन के आगे खड़ी थी, वह वाहन पकड़कर लटक गई और गति के कारण उसी वाहन से कुचल गई। चीख-पुकार सुनकर बाहर निकले लोगों ने आगे खड़े होकर उसे रोक लिया।
चालक को पीटा, वाहन फोड़ा, किया चक्काजाम
पूनम को अस्पताल पंहुचाया, लेकिन इस बीच कचरा वाहन में तोड़फोड़ करते हुए चालक को जमकर पीट दिया। सूचना मिलने पर सीएसपी हेमंत चौहान, टीआई सहित आईए थाने से बल मौके पर पहुंचा। लोगों ने बिरियाखेड़ी मुख्य रोड पर चक्काजाम कर दिया। इस दौरान वहां से जुलवानिया जाने के लिए पहुंची निगम की अन्य गाड़ियों को भी रोक लिया गया। अस्पताल में भी हंगामा हुआ।
दो घंटे तक पैर में चोट लिए दरवाजे पर बैठी रही बड़ी बहन
अस्पताल और चक्काजाम के बीच 200 मीटर दूर स्थित घटना स्थल पर पुलिस नहीं दिखी। हंगामे के बीच घटनाक्रम में घायल हुई बड़ी बहन सावित्री अपने पैर में आई चोट के साथ घर के दरवाजे पर ही बैठकर छोटी बहन के अस्पताल से आने का इंतजार करती रही। परिवार की अन्य बहन अंगूरबाला ने इस बात पर भी आक्रोश जताया कि पुलिस दो घंटे तक एक बार भी उनके घर तक नहीं आई। जबकि घर के बाहर ही घायल बहन और बड़ी संख्या में आक्रोशित लोग वहां एकत्रित हो गए।
शव पहुंचा तो मच गई चित्कार
घटनाक्रम के बीच दोपहर करीब 4 बजे तक बड़ी बहनें यही सोचती रही कि पूनम को भर्ती किया गया है। जबकि भीड़ इस बात पर आक्रोश जताती रही कि इस तरह की यह क्षेत्र में तीसरी घटना है। दोपहर 4 बजे पूनम का शव जैसे ही आॅटो में लेकर उसकी मां और भाई घर पहुंचे चित्कार मच गया। बहन, भाई, भाभीयों के साथ आसपास के लोग भी चीख-पुकार के साथ रोने लगे। भीड़ भी और आक्रोशित हो गई और निगम वाहनों को सड़क से नहीं निकलने देने की बात दोहराते रहे।
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