कुएं में गिरा घोड़ारोज, खाली हाथ पंहुचा वन विभाग का अमला, लेकिन ये जुगत लगाकर जीव प्रेमियों ने बाहर निकाला
वन विभाग की टीम न काफी संसाधन के साथ पंहुची, लेकिन सभी ने ट्रैक्टर, रस्सियों और साहस के साथ जुगत लगाकर किसी तरह जीव को बचाकर निकाल लिया।

रतलाम @newsmpg। सर्द हवाओं के बीच जिले के ग्राम करमदी में ग्रामीणों और जीव प्रेमियों ने एक बार फिर से मानवता की गर्माहट से एक जीवन बचा लिया। रविवार सुबह गांव में ही एक खेत में बने कुएं में मादा घोड़ारोज (नीलगाय) गिर पड़ा। किसान ने जब इसे देखा तो ग्रामीणों के साथ ही वन विभाग और रतलाम के जीव मित्रों की भी सूचना दी गई। हर बार की तरह वन विभाग की टीम न काफी संसाधन के साथ पंहुची, लेकिन सभी ने ट्रैक्टर, रस्सियों और साहस के साथ जुगत लगाकर किसी तरह जीव को बचाकर निकाल लिया।
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करमदी में किसान ओकांरलाल पाटीदार सुबह करीब 11 बजे अपने खेत पर पंहुचे तो उन्हें कुएं के अंदर से गिरी जीव को कराहने की आवाज सुनाई दी। उन्होंने जाकर देखा तो घोड़ारोज अंदर गिर हुआ दिखा तो बाहर आने की कोशिश में असफल हो रहा था। पाटीदार ने अपने परिवार के साथ ही समाजसेवी और किसान नेता राजेश पुरोहित को भी सूचना दी।
गांव के कई लोग कुछ ही मिनटों में कुएं तक पंहुच गए लेकिन भारी भरकम जानवर को निकालने के लिए रास्ता नहीं सूाा। इस बीच गांव की सरपंच निष्ठा पाटीदार ने वन विभाग और रतलाम के जीव मित्रों को भी सूचना दी। रतलाम के आर्यन राठौड़ और उनके दोस्त गांव पंहुचे जहां वन विभाग से भी दो कर्मचारी मौके पर पंहुच गए। हालांकि इन कर्मचारियों के पास संसाधन के नाम पर कुछ भी उपलब्ध नहीं था। उन्होंने बताया कि रविवार का अवकाश होने से किसी भी प्रकार के रेसक्यू साधन का इस्तेमाल करने में और भी घंटे या संभवत: पूरा दिन चला जाएगा।
साहस के साथ उतरे कुएं में और खींचा
जब काफी देर तक कोई रास्ता नहीं निकला तो बढ़ती ठंड में रात के वक्त जानवर के कुएं में पड़े रहने को लेकर ग्रामीण भी परेशान हो गए। इस बीच आर्यन राठौड़ ने कुएं में उतरकर घोड़ारोज की कमर पर रस्सी बांधने की बात सुााई। किसान ने बाहर से भारी भरकम जानवर को ट्रैक्टर पर रस्सी बांधकर खींचने की बात कही। इसके बाद वन विभाग के कर्मचारी ने कुएं में उतरकर घोड़ारोड की कमर पर रस्सी बांधने का साहस दिखाया।
उन्होंने डरे हुए जानवर के हमले की परवाह किए बगैर उसके पास जाकर कमर में फंदा बांधी दिया। रस्सी का दूसरा सिरा ट्रैक्टर में बांधकर घोड़ारोज को बाहर खींच लिया गया जिसके बाद वन विभाग के कर्मचारी को भी रस्सी से ऊपर खींच लिया गया। बाहर आने के बाद जानवर ने बिना कुछ कहे ही इंसानों के प्रति अपनी जान बचाने के लिए खुशी जाहिर की और कुछ देर थकान और डर को दूर करके कुलाचे भरते हुए दौड़ लगा दी।
Report By- Sikandar Patel
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