राजपूत समाज की पवन कुंवर बिटिया 'अनिता 'के लिए बनी यशोदा ,पिपलोदा में सामाजिक समरसता का उत्कृष्ठ उदाहरण, पहले पालन पोषण किया फिर भव्य समारोह में किया कन्यादान

जिस तरह भगवान कृष्ण के साथ देवकी के पहले यशोदा का नाम आता हो, वैसे ही जिले के पिपलौदा राठौर परिवार का नाम आदिवासी समाज की बिटिया अनीता के साथ जुड़ गया है।

राजपूत समाज की पवन कुंवर  बिटिया 'अनिता 'के लिए बनी यशोदा ,पिपलोदा में सामाजिक समरसता का उत्कृष्ठ उदाहरण, पहले पालन पोषण किया  फिर भव्य समारोह में किया कन्यादान
piploda

रतलाम/ पिपलौदा। जिस तरह भगवान कृष्ण के साथ देवकी के पहले यशोदा का नाम आता हो, वैसे ही जिले के पिपलौदा  राठौर परिवार का नाम आदिवासी समाज की बिटिया अनीता के साथ जुड़ गया है। सामाजिक समरसता का एक आदर्श उदाहरण पिपलोदा में देखने को मिला , हजारों लोग इस अवसर पर प्रत्यक्ष रूप से मौजूद भी रहे।  रिटायर्ड शिक्षक भोपाल सिंह राठौर और पत्नी पवन कुंवर ने अपनी धर्मपुत्री अनीता मीणा को नन्ही से उम्र से पढ़ाया, लिखाया, पैरों पर खड़ा होने लायक बनाया। इसके बाद परिवार की इच्छा से समारोह पूर्वक उसका विवाह विधि विधान से करवाया है।

दरअसल पिपलौदा के रहने वाले शिक्षक भोपाल सिंह राठौर के दो पुत्र हैं। वर्ष 2003 में उनकी पत्नी पवन कुंवर खेत पर काम कर रही थी। इस दौरान श्रमिक वर्ग की छोटी सी बच्ची अनीता पास आई और उसने मदद करवाने की पेशकश की। इतनी छोटी बच्ची में मदद करने का भाव देखकर पवन कुंवर भावुक हो गईं। बच्ची के पिता प्रभुलाल मीणा और परिवार को खेत पर ही काम में रख लिया गया। इस बीच अनीता की पढ़ाई करने की इच्छा, लगन को देखकर श्रीमती राठौर ने पति से उसके लालन पालन का दायित्व उठाने की बात कही। इसपर राठौर परिवार ने सहर्ष उसे अपनी बेटी बना लिया। मीणा परिवार ने भी बेटी के उज्जवल भविष्य के लिए राठौर परिवार की इच्छा देखकर बेटी को उनके पास भेज दिया। ये रिश्ता इतना गहरा हो गया कि भोपाल सिंह के बेटों यशपाल और प्रवीण को राखी अनीता बांधती। राठौर परिवार ने अपनी बेटी को बीए तक की पढ़ाई भी करवाई। परिवार ने मीणा परिवार के अन्य बच्चों को भी पढ़ाई से जुड़ने के लिए प्रेरित किया।

समारोह पूर्वक करवाया विवाह

अगस्त 2023 में भोपाल सिंह राठौर रिटायर हुए हैं। इस बीच बीए करने के बाद जब अनीता के विवाह की बात आई तो राठौर और मीणा परिवार ने साथ मिलकर जावरा के अभिषेक खराड़ी के साथ विवाह तय किया। भोपाल सिंह राठौर और उनके दोनों पुत्रों ने यह जिम्मेदारी भी निभाई और 6 अप्रैल 2024 को नगर में समारोह पूर्वक बेटी को विदा किया। करीब 3 हजार लोग इस विवाह रीति के साक्षी भी बने। विवाह पत्रिका में अनीता के नाम के साथ धर्म पिता और पिता दोनों का नाम भी है। परिवार के अनुसार राठौर परिवार से मिले प्रेम, सहयोग और माहौल के चलते गरीब परिवार की बेटी का न केवल जीवन बदला बल्कि इससे समाज को समरसता और प्रेम भी नई प्रेरणा मिली है।