रतलाम के तीन के चुनाव हुए रोचक, शेष तीन जनपद पंचायत के चुनाव और अधिक रोमांचक होने की संभावना , बीजेपी के एक नेता कांग्रेस के सदस्य लेकर पार्टी के पास पहुंचे ।,कांग्रेस की तैयारी क्या है ,जाने ?
रतलाम । जिले के तीन जनपद पंचायत के चुनाव रोचक तरीके से बुधवार को हुए ।गुरुवार को शेष तीन पंचायतों के चुनाव इससे भी ज्यादा रोचक होंगे ऐसी पूरी संभावना है।
सैलाना ,बाजना ,और आलोट में कांग्रेस का बहुमत होने के बावजूद बुधवार को बीजेपी ने दो जनपद पंचायत में अपने अध्यक्ष काबिज कर लिए। इस घटनाक्रम के बाद कांग्रेस तो सतर्क हुई ही है ।गुरुवार के चुनाव को लेकर बीजेपी ने भी तगड़ी रणनीति बनाई है । गुरुवार को जावरा, रतलाम एवं पिपलोदा जनपद पंचायत में अध्यक्ष -उपाध्यक्ष के चुनाव होंगे । इसको लेकर बाड़े बंदी कर देवदर्शन के नाम पर घूमने गए सदस्यों को जिले में ही अलग अलग ठहराया गया है।
कांग्रेस के सदस्यों को लेकर बीजेपी नेता पहुंचे
कांग्रेस के सिंधिया गुट से आए नेता अभी भी कांग्रेस का कल्चर दिल से भूल नही पाए है । बीजेपी सूत्रों की माने तो जावरा में कुल 22 में से 12 सदस्यों को भ्रमण कराने के बाद बुधवार को जिले में लाया गया। यहां बीजेपी के वरिष्ठ नेता, पदाधिकारियो ने इन सबकी बैठक लेकर चुनाव सम्बंधी जानकारी समझाई ।इसी दौरान कांग्रेसी सदस्यों को लेकर सिंधिया गुट से आए एक बीजेपी नेता भी पहुंच गए ।इन्होंने 'बाजना"( आज जनपद पंचायत वाली घटना) वाली स्टाईल में सभी सदस्यों के बीजेपी के साथ होने का दावा किया ।बीजेपी के नेताओ ने इन सदस्यों से वन टू वन चर्चा की।अधिकांश नेताओ ने कहा वे कांग्रेसी है लेकिन फिलहाल अध्यक्ष में समर्थन देंगे । बीजेपी नेताओं में कहा उपाध्यक्ष या अन्य कोई भी वादा बीजेपी नही करेगी और बिना शर्त समर्थम के साथ इन सबको अभी पार्टी की सदस्यता भी लेनी पड़ेगी ।अधिकांश सदस्यों ने मना कर दिया। इसके बाद अब बीजेपी के ये नेताजी कांग्रेसी सदस्यों को लेकर चले गए ।बीजेपी के सूत्रों के अनुसार इसमे से भी एक जनपद सदस्य बीजेपी ने पाले में ले लिया है।
यहां तीन नेताओ की प्रतिष्ठा दांव पर
इधर पिपलोदा में भी 2 बीजेपी के और
एक कांग्रेस के अध्यक्ष पद के दावेदार में भाजपा विधायक सहित बीजेपी एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की प्रतिष्ठा जुड़ गई है ।ऐसे में अब एड़ी चोटी का जोर लगाया जा रहा है।
रतलाम में बीजेपी , कांग्रेस में शह मात का खेल
रतलाम जनपद पंचायत में वैसे तो बीजेपी की संख्या बल कांग्रेस से ज्यादा है । कांग्रेस के पास संख्या कम है ,लेकिन निर्दयीय के भरोसे चुनावी समर पार करने की जुगत है। कांग्रेसी सूत्रों के अनुसार कांग्रेस में जहां पहले अध्यक्ष पद का एक ही दावेदार था ,अब अंत समय मे दावेदार की संख्या बढ़ गई है ।ऐसे में बीजेपी की राह आसान दिखाई दे रही है ।कांग्रेस के सभी दावेदार पार्टी के साथ होने का दावा तो कर रहे है पर बीजेपी सब पर तगड़ी निगाहे रख रही है। सत्ता होने से उसे अतिरिक्त फायदे भी मिलना तय है।
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