प्रचार के लिए जा रहे चर्चित भाजपा नेता बंटी पितलिया को मिली जान से मारने की धमकी , कांग्रेस सरकार ने वापस ली थी सुरक्षा पितलिया ने की दोबारा देने की मांग 

प्रचार के लिए जा रहे चर्चित भाजपा नेता बंटी पितलिया को मिली जान से मारने की धमकी कांग्रेस सरकार ने वापस ली थी सुरक्षा पितलिया ने की दोबारा देने की मांग 

Jun 21, 2022 - 16:20
Jun 21, 2022 - 16:37
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रतलाम। ताल नगर परिषद के पूर्व अध्यक्ष के पति और चर्चित भाजपा नेता संजय बंटी पितलिया को चुनाव प्रचार से रोकने और धमकाने का मामला सामने आया है। घटना मंगलवार सुबह गांव भीम में हुई। यहां उनकी गाड़ी को रोकते हुए निर्दलीय प्रत्याशी के समर्थकों ने गाली गलौज की और जाने से मारने की धमकी भी दी। घटना की शिकायत आलोट थाना प्रभारी को भी की गई है।  
                                                                          जानकारी के अनुसार भाजपा नेता बंटी पितलिया जिला पंचायत के वार्ड 6 से भाजपा के टिकट पर लड़ रही अपनी भाभी रानी पितलिया के प्रचार के लिए आलोट थाना क्षेत्र के गांव भीम पंहुच रहे थे। सुबह करीब 9 बजे गांव में प्रवेश करते समय मेन रोड पर निर्दलीय प्रत्याशी धरम कुंवर, कुशालसिंह के समर्थकों ने उनकी गाड़ी रुकवा दी। शिकायत के अनुसार श्यामसिंह, सरदारसिंह निवासी कबरीयाखेड़ी और अन्य लोग टवेरा और अन्य वाहन में थे उन्होंने अपने वाहन इनके सामने खड़े करके रास्ता रोक दिया। जब श्री पितलिया और इनके साथ मौजूद लोगों ने विरोध किया तो उनके साथ गाली गलौज करते हुए उन्हें जान से मारने की धमकी भी दी गई। साथ ही गांव में प्रचार में शामिल नहीं होने को भी कहा गया। श्री पितलिया ने इसके बाद थाना प्रभारी आलोट के नाम आवेदन दिया है। 

    जानलेवा हमले बाद मिली थी गार्ड, कांग्रेस ने हटाई 

भाजपा नेता संजय उर्फ बंटी पितलिया पर 18 मई 2010 को रात 9.45 बजे मुखर्जी चौक ताल स्थित एनआइइसीटी कामन सेंटर पर हमला हुआ था। अभियुक्त 39 वर्षीय युनूस पुत्र भूरू खां, उसके भाई 37 वर्षीय इरफान खां, साथी 35 वर्षीय दिलावर पुत्र हुसैन खां व 43 वर्षीय शहजाद पुत्र भुरू खां सभी और 37 वर्षीय अफसार पुत्र चांद खां निवासी ग्राम मकनपुरा, अफसार के भाई 37 वर्षीय निसार व 33 वर्षीय इरफान निवासी मकनपुरा आदि 9 लोगों ने उनपर हमला किया था। मामले ेमें सन् 2021 में इन्हे्ं सजा भी सुनाई गई है। इस घटना के बाद से राज्य सरकार ने श्री पितलिया को सुरक्षा प्रदान करते हुए गार्ड की नियुक्ति की थी। लेकिन 2019 में कमलनाथ के मुख्यमंत्री कार्यकाल में उनकी सुरक्षा वापस ले ली गई थी। मंगलवार को हुई घटना के बाद श्री पितलिया ने राज्य सरकार से फिर से सुरक्षा देने की मांग की है। 

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